शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2022

शीर्ष नेतृत्व एक कमजोर सीएम चाहते हैंः सिद्धू

शीर्ष नेतृत्व एक कमजोर सीएम चाहते हैंः सिद्धू 

अमित शर्मा               चंडीगढ़। पंजाब के लिए कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा राहुल गांधी रविवार को करने वाले हैं। इससे पहले शीर्ष दो दावेदारों में से एक, नवजोत सिंह सिद्धू ने आलाकमान को एक कड़ा संदेश भेजा है। उन्होंने कल कहा, “शीर्ष पर बैठे लोग” एक कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं, जो उनकी धुन पर नाच सके। उन्होंने कहा, “नया पंजाब बनाना है तो मुख्यमंत्री के हाथ में है। इस बार आपको मुख्यमंत्री चुनना है। शीर्ष पर बैठे लोग एक कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं। जो उनकी धुन पर नाच सके। क्या आप ऐसा मुख्यमंत्री चाहते हैं?” सिद्धू ने गुरुवार को अपने समर्थकों को पंजाबी में कहा। जाहिर तौर पर गांधी परिवार पर साधे गए इस निशाने पर वहां मौजूद लोगों ने सिद्धू के समर्थन में नारेबाजी की।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी के सर्वे में चन्नी सबसे आगे चल रहे हैं। बता दें कि इस सर्वे में कांग्रेस ने प्रत्याशियों, कार्यकर्ताओं, सांसदों और विधायकों से राय जानने की कोशिश की। बता दें कि मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर दो ही नामों पर तेजी से चर्चा चल रही थी। सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू को इस मामले में वरीयता नहीं दी जाएगी। सिद्धू को लंबे समय से मुख्यमंत्री पद चाह रहे है, पिछले साल सितंबर महीने में जब पार्टी ने अमरिंदर सिंह को बर्खास्त कर दिया था। तब उन्होंने अपने इस सपने को लगभग पूरा कर लिया था। लेकिन तभी पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
चन्नी को अब सिद्धू को पीछे छोड़ते हुए देखा गया है। जो एक बहुत ही सार्वजनिक प्रतिद्वंद्विता रही है। कांग्रेस ने 20 फरवरी को होने वाले पंजाब चुनाव के लिए चन्नी को दो निर्वाचन क्षेत्र सौंपे हैं। जो इस बात का संकेत है कि वह मुख्यमंत्री के लिए पार्टी की पसंद हो सकते हैं और एक सीट पर हारने की स्थिति में उन्हें बैकअप दिया गया है।

एमएसपीः 5 राज्यों में चुनाव के बाद बनेगी कमेटी

एमएसपीः 5 राज्यों में चुनाव के बाद बनेगी कमेटी 
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। भारत सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए समिति बनाएगी। जिसका गठन 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में अहम जानकारी देते हुए बताया है कि केंद्र सरकार एमएसपी को पारदर्शी बनाने के लिए समिति बनाने की घोषणा करेगी। ये घोषणा पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद की जाएगी। नवंबर 2021 में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग पर अड़ गए थे। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 2018-19 से पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसानों के लिए लाभकारी बनाया जाए।

एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस या फिर न्यूनतम समर्थन मूल्य। केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है, इसे ही न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है। अगर बाजार में फसल की कीमत कम भी हो जाती है, तो भी सरकार किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य के हिसाब से ही फसल का भुगतान करेगी। फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइसेस तय करता है। आयोग समय के साथ खेती की लागत और बाकी पैमानों के आधार पर फसलों की कम से कम कीमत तय करके अपने सुझाव सरकार के पास भेजता है।

पंजाब सीएम के भतीजे को ईडी ने किया अरेस्ट

पंजाब सीएम के भतीजे को ईडी ने किया अरेस्ट


अमित शर्मा 

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिनभर की पूछताछ के बाद गुरुवार की शाम को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। आपको बता दें कि हनी पर अवैध रेत खनन के आरोप लगे हैं।

ईडी अधिकारियों ने उनसे आठ घंटे तक पूछताछ की। भूपिंदर के घर से 7.9 करोड़ रुपये और उसके सहयोगी संदीप कुमार के परिसर से 2 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे। ईडी अधिकारी भूपिंदर सिंह 'हनी' और संदीप सहित उसके दो सहयोगियों से फिर से जब्त की गई नकदी के स्रोत के बारे में पूछताछ करेंगे। अवैध रेत खनन रैकेट के इर्द-गिर्द मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तीनों की जांच की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि धन शोधन और अवैध बालू खनन के लिए मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल किया जा रहा था। प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता चला है कि भूपिंदर सिंह, कुदरतदीप सिंह और संदीप कुमार प्रोवाइडर्स ओवरसीज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं।

इस कंपनी की स्थापना अक्टूबर 2018 में हुई थी। छह महीने बाद कुदरतदीप सिंह के खिलाफ अवैध बालू खनन मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ईडी को संदेह है कि रेत खदान का ठेका दिलाने में काले धन का निवेश किया गया था। सूत्रों का कहना है कि कंपनी बहुत छोटे पैमाने की है और करोड़ों का ठेका मिलने की संभावना नहीं है। एक बयान में, प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि अवैध रेत खनन और संपत्ति लेनदेन, मोबाइल फोन, 21 लाख रुपये से अधिक के सोने और 12 लाख रुपये की रोलेक्स घड़ी से संबंधित अपमानजनक दस्तावेज भी तलाशी के दौरान जब्त किए गए थे। पंजाब विधानसभा के 117 सदस्यों के चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी।

गोरखपुर शहर सीट से सीएम योगी का नामांकन

गोरखपुर शहर सीट से सीएम योगी का नामांकन  


संदीप मिश्र     

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए शुक्रवार को गोरखपुर (शहरी) से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। सीएम योगी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के शीर्ष नेता भी थे। जब उन्होंने आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। एक रैली के बाद, अमित शाह और आदित्यनाथ चुनाव के लिए कागजात जमा करने के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय गए। आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने इससे पहले पांच बार गोरखपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था। गोरखपुर शहरी सीट पर छठे चरण में 3 मार्च को मतदान होना है।

उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को, दूसरे चरण का 14 फरवरी को, तीसरे चरण का 20 फरवरी को, चौथे चरण का 23 फरवरी को, पांचवें चरण का 27 फरवरी को, छठे चरण का 3 मार्च को मतदान होगा। सातवें चरण में 7 मार्च को वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।

विपक्ष लगाए कितना जोर, भाजपा 300 पार

विपक्ष लगाए कितना जोर, भाजपा 300 पार


संदीप मिश्र 

लखनऊ/गोरखपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी के प्रचार अभियान को धार देने के साथ कायकर्ता का हौसला बढ़ाने के अभियान में लगे गृह मंत्री अमित शाह गोरखपुर पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ अन्य दिग्गजों ने उनका स्वागत किया। भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जोश भरा। अमित शाह ने साफ कहा कि विपक्ष कितनी भी कोशिश कर ले, भाजपा 300 से ऊपर सीट पाएगी। उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानून का शासन स्थापित किया। अब माफिया जेल में हैं। बड़े अपराधी जमानत तुड़वाकर जेल जा रहे है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने सुशासन दिया है। अतीक अहमद मुख्तार अंसारी जैसेम माफिया जेल में हैं।

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने गरीबों के घर में उजाला किया है। बिजली दी और कोरोना संक्रमण काल में मुफ्त टीका दिया है। हमने दो साल तक गरीबों को राशन दिया है। प्रदेश में केन्द्र सरकार की सभी 73 योजनाओं का योगी आदित्यनाथ सरकार ने ही ठीक से उपयोग किया। जिससे आज प्रदेश में हर तरफ खुशहाली और विकास दिखाई दे रहा है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में यूपी शीर्ष पांच में है। वह दिन दूर नहीं जब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सभी में शीर्ष राज्य होगा। विपक्ष यहां पर कितनी भी कोशिश कर ले, भाजपा 300 से ऊपर सीट पाएगी। शाह ने कहा कि बुआ-बबुआ की सरकार में जापानी इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों का सिलसिला पूरे पूर्वांचल में जारी रहा। योगी आदित्यनाथ की सरकार आते ही 5 साल में यह रोग 90 प्रतिशत कम हो गया। भाजपा के शासन में ही यूपी का विकास हो सकता है, इसलिए हम सब को जिताने के लिए तैयार हो जाएं और प्रचंड बहुमत से जीत दिलाएं क्योंकि योगी की सरकार ही गरीब पिछड़ों और दलितों को ऊपर ले जाएगी और प्रदेश को नंबर एक बनाएगी। संबोधन शुरू करने से पहले गृह मंत्री ने कार्यकर्ताओं से जयकारा लगावाया। उन्‍होंने कहा कि जयकारे की गूंज सहारनपुर तक पहुंचनी चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले 2013 में जब वह गोरखपुर आए थे तो लोगों ने कहा कि क्‍या पार्टी डबल डिजिट में पहुंच पाएगी। आज यह हालत विपक्ष की हो गई है।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, सांसद रवि किशन, कमलेश पासवान, विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने गृह मंत्री अमित शाह का एयरफोर्स स्टेशन पर स्वागत किया। भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह गोरखपुर के एयरपोर्ट से सीधा कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे। कार्यकर्ता सम्मेलन के मंच पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रभारी केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने उनका स्वागत किया।

योगी आदित्यनाथ के नामांकन की तैयारी

प्रदेश में चार फरवरी से शुरू हो रही छठे चरण की नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नामांकन करेंगे। इसके लिए चार सेट में नामांकन पत्र खरीदे गए हैं। नामांकन कराने गृह मंत्री अमित शाह आए हैं। महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज से कचहरी के लिए योगी आदित्यनाथ के साथ अमित शाह भी पैदल जाएंगे।

कोरोना, अंतिम स्टेज में पहुंचे कैंसर के मरीज

कोरोना, अंतिम स्टेज में पहुंचे कैंसर के मरीज 

मोहम्मद रियाज 

नई दिल्ली। हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में कैंसर से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। कोरोना महामारी के बाद से कैंसर के मरीजों की स्थिति काफी खराब हो गई है। संक्रमण के डर के वजह से कैंसर के लक्षण वाले रोगी समय पर अस्पताल नहीं पहुंचे। इससे उनकी स्थिति काफी बिगड़ गई। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि कई मरीजों का कैंसर आखिरी स्टेज में पहुंच गया है। इससे यह लोग जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।

फोर्टिस रिसर्च इंस्टीट्यूट के ऑनकोलॉजी विभाग के डॉक्टर नितेश रस्तोगी ने बताया कि कोविड के बाद कैंसर के उपचार और निदान में काफी बदलाव देखा गया है। कोरोना से पहले देखा जाता था कि स्‍तन, अंडाशय और कोलोरेक्‍टल कैंसर के मरीजों के कैंस का शुरुआती स्टेज में ही पता चल जाता था और इलाज भी हो जाता था, लेकिन कोरोना के डर के कारण लोग अस्पताल आने से बचते रहे। उन्हें कैंसर से ज्यादा डर कोरोना से लगा। इसलिए मरीज समय पर अस्पताल नहीं आए। इस कारण अब हालत बिगड़ने पर वह आखिरी स्टेज में मरीज़ अस्‍पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में उनके इलाज में काफी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। डॉ. नितेश ने कहा कि कोरोना के समय इन मरीजों को महसूस हो गया था कि उनके स्‍वास्‍थ्‍य में कुछ गड़बड़ हुई है, लेकिन वे कोविड से संक्रमित होने के डर की वजह से अस्‍पताल जाने और डॉक्‍टरों से सलाह लेने से बचते रहे थे।

कोरोना की वजह से इलाज का खर्च भी बढ़ा

डॉ. नितेश ने कहा कि कोरोना के कारण इलाज में हुई देरी की वजह से इलाज का खर्च बढ़ गया। उपचार के चलते पैदा होने वाले साइड इफेक्‍ट्स (Side effects) भी और जटिल हुए। डॉ. नितेश का कहना है कि कोरोना की वजह से कैंसर जैसी  बीमारी का इलाज ना कराना घातक साबित हो सकता है। कोरोना नहीं भी हुआ तो कैंसर जानलेवा बन सकता है। इसलिए अब समय आ गया है कि लोगों इस बारे में जागरूक हो। कैंसर के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज शुरू कराएं। डॉक्‍टरों के साथ मिलकर या वर्चुअल आधार पर सलाह भी लें सकते हैं।

कैंसर मरीजों का इलाज बडे़ स्तर पर प्रभावित हुआ

आकाश हेल्थकेयर के ऑनकोलॉजी डिपार्टमेंट हेड डॉक्टर प्रवीण जैन बताते हैं कि  कोविड-19 महामारी ने कैंसर मरीजों के इलाज़ को बुरी तरह से प्रभावित किया है। कई अस्पतालों में कैंसर मरीजों की रूटीन केयर तक में रुकावट आई है। इस वजह से गंभीर कैंसर मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। संक्रमण के डर की वजह से पूरी तरह से सुरक्षा उपकरण पहनकर मरीजों का इलाज़ किया गया। कैंसर मरीजों को इस बीमारी से तो खतरा था कि लेकिन कम इम्यूनिटी के कारण उनको कोविड होने का डर भी सबसे ज्यादा था। कई कैंसर के मरीज कोविड के डर के कारण समय पर इलाज़ भी नहीं करा रहे थे। इस समस्या से निपटने के लिए हमने कैंसर मरीजों के साथ भी संपर्क बनाए रखा। उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे कोविड की चिंताओं के कारण इलाज़ को बीच न छोड़े।

एम्स की ओपीडी में  कैंसर मरीज 51 फीसदी कम हुए

कोरोना महामारी के कारण कैंसर का इलाज इस कदम प्रभावित हुआ है कि दिल्ली एम्स की ओपीडी में कैंसर मरीज 51 फीसदी तक कम हो गए हैं। एम्स के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एस. वी. एस देव के एक शोधपत्र में यह जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक, एम्स की ओपीडी में कोरोना काल से पहले साल 2019 में 179500 कैंसर मरीज फॉलोअप के लिए आए और 13728 नए मरीज पंजीकृत हुए थे, जबकि कोरोना काल के दौरान साल 2020 में ओपीडी में सिर्फ 79800 कैंसर मरीज फॉलोअप के लिए आए और 6675 ही नए कैंसर मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया।

यह हैं कैंसर के लक्षण

राजीव गांधी कैंसर अस्पताल के डॉक्टर विनीत तलवार बताते हैं कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में अनियंत्रित रूप कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। कैंसर शरीर में कहीं भी हो सकता है। अगर इनमें से दो-तीन लक्षण भी दिख रहे हैं तो तुकंत डॉक्टरों की  सलाह लेनी चाहिए।

अचला सप्तमी को मनाई जाएगी सूर्य जयंती

अचला सप्तमी को मनाई जाएगी सूर्य जयंती

सरस्वती उपाध्याय 

सनातन धर्म के अनुसार हर एक दिन किसी ना किसी भगवान को समर्पित माना जाता है। हर एक देवी-देवता को जो भी दिन समर्पित हैं, उनको भक्त भी खास रूप से पूजा-अर्चना के साथ मनाते हैं। ऐसे में माघ का मास पूजा-पाठ के लिए काफी खास माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के आधार पर माघ शुक्ल सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी का व्रत रखा जाता है। अचला सप्तमी रथ सप्तमी या सूर्य जयंती भी कहते हैं। इस दिन सूर्य देव की पूजा करते हैं और उनको जल अर्पित करते हैं। कहते हैं कि इस दिन अगर भक्त पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ पूजा करते हैं तो सूर्यदेव की कृपा से रोग दूर होता है, धन-धान्य में वृद्धि होती है।

इस दिन पूजा करने से जीवन के हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्य देव अपने सात घोड़े वाले रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे और पूरी सृष्टि को प्रकाशित किया था। जिस कारण से ही हर साल माघ मास ही शुक्ल सप्तमी को अचला सप्तमी, रथ सप्तमी या सूर्य जयंती के रूप में मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं कि साल 2022 में अचला सप्तमी कब है और पूजा मुहूर्त क्या है ?

हिन्दू कैलेंडर के के अनुसार, माघ मास की शुक्ल सप्तमी की तिथि 07 फरवरी को प्रात: काल 04 बजकर 37 मिनट से शुरु हो रही है, जो कि 08 फरवरी को सुबह 06 बजकर 15 मिनट तक मान्य होगी। इसके साथ ही सूर्य देव का उदय 07 फरवरी को सप्तमी तिथि में ही हो रहा है, इस कारण से अचला सप्तमी को 07 फरवरी दिन सोमवार को मनाया जाएगा।

इसके साथ ही बता दें कि अचला सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा का महत्व है। सूर्य पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 05:22 बजे से लेकर प्रात: 07:06 बजे तक है। इस दिन प्रात: स्नान करके सूर्य देव को जल में लाल फूल, लाल चंदन, अक्षत्, चीनी आदि मिलाकर ओम सूर्य देवाय नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्पित करें।

अचला सप्तमी को सूर्यदेव को खुश करने के लिए भक्त खास रूप से व्रत रखते हैं। आपको बता दें कि इस दिन सूर्य देव को प्रसन्न करके आप प्रभु से उत्तम स्वास्थ्य एवं धन धान्य का आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें। सूर्य देव की कृपा से संतान की प्राप्ति भी होती है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। कहा जाता है कि खुद प्रभु श्रीराम ने सूर्य देव की पूजा के समय इसका अनन्त फल देने का पाठ किया था।


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'वीएसएचओआरएडीएस' हथियार विकसित किया  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। भारत अपनी ताकत का पूरी दुनिया में लोहा मनवा रहा हैं। कई रिपोर्ट ये बतल...