शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

कोयले वाली अंगीठी की गैस से दो लोगों की मौत

सोलन कच्चे कोयले की अंगीठी की गैस से दो व्यक्तियों की मौत हो गई। मामला सोलन जिला के पर्यटन क्षेत्र बड़ोग क्षेत्र का है। पुलिस को सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंच आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस थाना धर्मपुर की चौकी डगशाई के तहत पर्यटन क्षेत्र में दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति की कोठी में मेहमान आए हुए थे। उनके साथ ड्राइवर व कुक भी थे। यह दोनों (ड्राइवर व कुक) 30 दिसंबर को कोठी के सर्वेंट क्वाटर में सोने चले गए। बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने कोयले की अंगीठी भी जला रखी थी। 31 दिसंबर को जब यह दोनों (ड्राइवर व कुक) दोपहर तक रूम से बाहर न आए, तो उनके मालिक ने उन्हें जाकर देखा और पाया कि यह दोनों बेसुध पड़े है, जिनकी मौत हो चुकी है। इसकी सूचना कोठी मालिक ने तुरन्त पुलिस को दी। पुलिस ने तुरन्त मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया।
इस मामलें की पुष्टि थाना प्रभारी धर्मपुर दयाराम ठाकुर ने की है। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और आगामी कार्रवाई की जा रही है।

पाक: महिला व पुरुष एक साथ बैठकर पीते हैं शराब

दुनिया की रहस्मयी विश्व दुनिया की रहस्मयी आबादी महिलाएं और पुरुष एक साथ बैठकर पीते हैं। शराब मौत पर मनाते हैं। खुशी, जाने और भी अजीब बातें 

इस्लामाबाद। कोरोना वायरस महामारी ने साल 2020 में दुनियाभर के लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग सिखा दी, लेकिन पाकिस्तान की एक जनजाति कई दशकों से ये कर रही है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बॉर्डर पर फैली हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला पर रहने वाले कलाश जनजाति के लोग अपनी अनोखी परंपराओं और तौर-तरीकों के लिए जाने जाते हैं। गौरतलब है कि कलाश जनजाति के लोग ये मानते हैं। कि हिंदू कुश पर्वत पर रहने के कारण ही उनकी संस्कृति और परंपराएं बची हुई हैं। क्योंकि हम बाकी समाज से दूर रहते हैं। पाकिस्तान में कलाश जनजाति के लोगों की संख्या लगभग 4,000 है। और ये एक ग्रुप में रहते हैं. इनका बड़ा त्योहार त्योहार चेमॉस है।
हिंदू धर्म जैसी हैं। कलाश जनजाति की परंपराएं जान लें कि कलाश जनजाति की कई परंपराएं हिंदुओं से मिलती-जुलती हैं। ये अनेकदेववाद को मानते हैं। इसका मतलब एक से ज्यादा देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। कलाश जनजाति में बलि देने की परंपरा भी है। हिंदू कुश पर्वत पर रहने के कारण ये बाकी दुनिया से लगभग कटे रहते हैं। हालांकि कई बार खबरें सामने आईं कि पाकिस्तान में इन लोगों का धर्म परिवर्तन करवाकर मुसलमान बनाने की कोशिश भी की गई।
3 साल पहले पाकिस्तान की जनगणना में किया गया शामिल कलाश जनजाति के लोग पहली बार साल 2018 में हुई पाकिस्तान की जनगणना में अलग जनजाति के तौर पर शामिल हुए। पाकिस्तान की 2018 की जनगणना के मुताबिक, वहां कलाश जनजाति के कुल 3,800 लोग रहते हैं। ये लोग अफगानिस्तान और पाकिस्तान की बहुसंख्यक आबादी से अपनी सुरक्षा के लिए पारंपरिक हथियारों के साथ अत्याधुनिक बंदूकें भी अपने पास रखते हैं।

दुनिया में नेताओं को पछाड़कर मोदी बने नंबर-1

दुनिया के सभी नेताओं को पछाड़कर मोदी फिर बने नंबर 1
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। 2021 के पहले दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके शुभचिंतकों के लिए अच्छी खबर आई है। विश्व के नेताओं की उनके कार्यकाल में स्वीकृति पर नजर रखने वाली डाटा फर्म मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 55 फीसदी स्वीकृति के साथ विश्व नेताओं में शीर्ष पर हैं। मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे के मुताबिक, 75 फीसदी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया, जबकि 20 फीसदी ने उन्हें स्वीकार्य नहीं किया। जिससे उनकी कुल स्वीकृति रेटिंग 55 रही है। जो दुनिया के अलग-अलग देशों के नेताओं में सबसे अधिक है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की स्वीकृति रेटिंग 24 प्रतिशत रही।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की स्वीकृत रेटिंग नकारात्मक रही है। जिसका मतलब है। कि उनका समर्थन करने वालों के मुकाबले विरोध करने वालों की संख्या अधिक है। मॉर्निंग कंसल्ट के मुताबिक भारत में सर्वेक्षण के दौरान नमूने का आकार 2,126 रहा और इसमें गलती की संभावना 2.2 फीसदी है।

शीत मरूस्थल बर्फ पर पर्यटकों ने मनाया जश्न

पर्यटकों ने पहली बार मनाया नववर्ष का जश्न लाहौल-स्पीति के सिस्सू में मनाया       

पंकज कपूर  

शिमला। बर्फ से लदे शीत मरुस्थल लाहौल-स्पीति में पर्यटकों ने पहली बार नववर्ष का जश्न मनाया। कुल्लू मनाली में पर्यटकों का सैलाब उमड़ पड़ा। जिला के सभी छोटे-बड़े होटल पैक हो गए। मनाली में बंद पड़े होटल खुलने के बाद भी सैलानी कमरे तलाशते दिखे। बाहरी राज्य से आने वाले पर्यटक वाहनों ने दिसम्बर महीने के अंतिम सप्ताह से अभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं।दिसम्बर महीने के अंतिम सप्ताह में साढ़े 15 हजार पर्यटक वाहनों ने कुल्लू मनाली में दस्तक दी। वीरवार सुबह से ही मनाली की सड़कों में पर्यटक(tourist)वाहनों की लंबी लाइन लगी रही। सुबह से देर शाम तक सड़क में वाहन कछुआ गति से चलते रहे। ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पहली बार ड्रोन का सहारा लिया। हालांकि वाहनों की चाल कछुआ गति की तरह बहुत धीमी रही लेकिन बेहतर व्यवस्था के चलते क्रिसमस वाले दिन की बजाय आज ट्रैफिक में सुधार दिखा।

शीत मरुस्थल लाहौल घाटी सहित जिला कुल्लू के पर्यटन नगरी मनाली, सोलंगनाला, फातरु, अंजनी महादेव, कोठी, हामटा, नग्गर, मणिकर्ण ,कसोल व जीभी पर्यटन स्थल में रौनक अधिक देखने को मिली। मनाली के कुछ एक बड़े होटलो ने प्रशासन से अनुमति लेकर कोविड के नियमों का पालन करते हुए सैलानियों के लिए नववर्ष के जश्न की व्यवस्था की। दिनभर पर्यटक अटल टनल को निहारने के बाद बर्फ की खेलों का आनंद लेते रहे। शाम को मनाली माल रोड पर्यटकों से भर गया। वीरवार को लगभग 4 हजार पर्यटक वाहनों ने अटल टनल आर-पार की।

लाहौल-स्पीति के एसपी मानव वर्मा ने कहा कि पर्यटक वाहनों के लिए सिस्सू हैलीपैड में पार्किंग की व्यवस्था की थी। उन्होंने कहा कि पर्यटकों ने बर्फ का खूब आनंद उठाया। वहीं, एसपी कुल्लू गौरव सिंह ने कहा कि ट्रैफिक सुचारू रखने को ड्रोन का सहारा लिया गया है। सैलानियों के नववर्ष के जश्न को शांति पूर्वक बनाने के लिए जगह-जगह पुलिस जवान तैनात किए हैं। उन्होंने कहा कि जिलाभर के सभी पर्यटन स्थलों में सैलानी नववर्ष का जश्न मना रहे हैं।

अवैध शिकार के मामले में 8 आरोपी अरेस्ट किए

रायपुर। गरियाबंद वनमंडल के अंतर्गत मैनपुर वनपरिक्षेत्र में बाजा घाटी के पास एक नर चीतल के अवैध शिकार के मामले में आरोपी को जेल भेजा गया है। आरोपी रामसिंह ग्राम बेहराडीह को वन विभाग की टीम ने 48 घंटे के भीतर पकड़कर जेल भेजा है। साथ ही चीतल के अवैध शिकार में संलिप्त 7 अन्य आरोपियों को भी पकड़ा गया है। सभी के खिलाफ वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पीव्ही. नरसिंग राव के मार्गदर्शन में मुख्य वन संरक्षक रायपुर जेआर नायक के निर्देशानुसार वनमंडलाधिकारी गरियाबंद मयंक अग्रवाल के नेतृत्व में गठित टीम ने कार्रवाई की है। वनमंडल गरियाबंद के अंतर्गत मैनपुर परिक्षेत्र में विगत 27 दिसंबर को एक नर चीतल को मृत पाया गया था। उसी स्थान पर एक तीर-कमान भी था। इसके आधार पर वन विभाग की टीम ने  खोजबीन कर आरोपियों को पकड़ा। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जारी है। वन विभाग की टीम ने परिक्षेत्र अधिकारी मैनपुर अनिल साहू और परिक्षेत्र अधिकारी इंदगांव योगे रात्रे सहित विभागी अमले का सराहनीय योगदान रहा।

चीन में भी मिला वायरस के नए वेरिएंट का मामला

खतरनाक। चीन में भी मिला कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का पहला मामला, ब्रिटेन से लौटीं महिला हुईं संक्रमित

नई दिल्ली/ बीजिंग। चीन में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट (प्रकार) के पहले मामले की पुष्टि हुई है। वायरस के इस नए वेरिएंट का पहली बार ब्रिटेन में पता चला था। अब ये भारत, अमेरिका और पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों में पहुंच चुका है। कोरोना का ये नया वेरिएंट तेज़ी से फैलता है, इसलिए ये पहले वाले वेरिएंट से खतरनाक माना जा रहा है। एएफपी के मुताबिक चीन में नए वेरिएंट से संक्रमित होने वाली महिला शंघाई की हैं। और उनकी उम्र 23 साल है। चाइनीज़ सेंटर फोर डिसीज़ कंट्रोल ने बताया है। कि महिला पिछले साल 14 दिसंबर को ब्रिटेन से लौटी थीं। उन्होंने बताया कि चीन आने के बाद महिला में हल्के लक्षण नज़र आए, जिस वजह से वो अस्पताल में भर्ती हुईं।
चाइनीज़ सेंटर फोर डिसीज़ कंट्रोल ने कहा कि ब्रिटेन से लौटने और न्यूक्लिक एसिड परीक्षण परिणामों में असामान्यताओं के चलते 24 दिसंबर को महिला के टेस्ट सैंपल का जेनेटिक सिक्वेंसिंग कराया गया था। उन्होंने बताया कि मरीज़ में ऐसे स्ट्रेन पाए गए जो शंघाई और वुहान में मिले स्ट्रेन से अलग थे। आगे और टेस्ट किए जिससे इसकी पुष्टि हो गई कि ये वही वेरिएंट है जिसे B.1.1.7 के नाम से जाना जाता है। और ब्रिटेन में अक्टूबर से फैल रहा है। आपको बता दें कि साल कोरोना वायरस की शुरुआत चीन से ही हुई थी। चीन के वुहान शहर में कोरोना का पहला मामला आया था। जिसके बाद ये देखते ही देखते दुनिया के तमाम देशों में फैल गया। लेकिन अब इसके नए वेरिएंट ने चीन में दस्तक दे दी है। जिससे वहां के स्वास्थ्य अधिकारी सतर्क हो गए हैं।

नौसेना में आठवें एलसीयू पोत की आपूर्ति हुई

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली/कोलकाता। रक्षा उत्पादन करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जीआरएसई ने भारतीय नौसेना को आठवें एवं अंतिम लाइट क्राफ्ट यूटिलिटी (एलसीयू) पोत की आपूर्ति कर दी है जिससे देश की रक्षा तैयारियों को और मजबूती मिली है। कंपनी के शीर्ष अधिकारी के यह जानकारी दी।जीआरएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल (अवकाश प्राप्त) वीके सक्सेना ने बताया कि इस अभयचर (जल एवं थल पर चलने में सक्षम) पोत को रणनीतिक रूप से अहम अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के पास तैनात किया जाएगा, जो दक्षिण चीन सागर की ओर जाने वाले अहम समुद्री रास्ते के करीब है।

उन्होंने बताया कि इसे खासतौर पर सबसे अधिक दुर्गम तटीय इलाकों में सैन्य अभियान को अंजाम देने के लिए तैयार किया गया है। सक्सेना ने बताया कि कोविड-19 महामारी और इसकी वजह से लागू लॉकडाउन की चुनौतियों के बावजूद कोलकाता स्थित गार्डन रिच शिप बिल्डर्स ऐंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) ने सफलतापूर्वक आठ एलसीयू पोत निर्माण के कार्य के तहत आखिरी पोत की आपूर्ति भारतीय नौसेना को कर दी है। एलसीयू पोत में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है और कंपनी ने 90 प्रतिशत स्वदेशी पुर्जों से इसका निर्माण किया है।उन्होंने बताया कि यह पोत विश्वस्तरीय डिजाइन और श्रेणी के मामले में खास है। इसे भारतीय नौसेना की विशेष जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाया गया है। यह 15 नॉट की गति के साथ उथले तटीय इलाकों में बखूबी काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पोत जवानों के साथ-साथ युद्धक टैंक, व्यक्तिगत वाहन एवं अन्य सैन्य वाहनों को भी तट पर पहुंचा सकते हैं। पोत को 216 सैनिकों के रहने के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें दो स्वदेशी सीआरएन 91 तोपें लगी हैं जो सैन्य अभियान के दौरान दुश्मन पर गोले दाग सकती हैं।

अधिकारियों को कार्य संचालित करने के निर्देश

अधिकारियों को कार्य संचालित करने के निर्देश  संदीप मिश्र  लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कई जिलो में भारी बारिश से हुए नुकसान...