रविवार, 7 जून 2020
धमकीः कार्यलय में हो रही अवैध वसूली
इटलीः बीतें 24 घंटे में 72 लोगों की मौत
रोम। इटली में बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से 72 लोगों की मौत होने के साथ मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 33,846 हो गई। नागरिक सुरक्षाा विभाग ने यह जानकारी शनिवार को दी। बताया गया है कि संक्रमण के सक्रिय मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। शुक्रवार को सक्रिय मामलों की संख्या जहां 1,099 थी, शनिवार को दोपहर तक 35,877 तक पहुंच गई। वहीं, बीते 24 घंटों के दौरान ठीक होने वाले 1,297 को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। इसके साथ ही संक्रमण से मुक्त होने वालों की संख्या 165,078 तक जा पहुंची।
कोविड-19 से संक्रमण के 270 नए मामले सामने आने के साथ संक्रमित लोगों की संख्या बीते 24 घंटे में बढ़कर 234,801 हो गई।
डीएमऐ ने केजरीवाल को लताड़ लगाई
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच सीएम अरविंद केजरीवाल ने बेडों की कालाबाजीरी को लेकर अस्पतालों को धमकी दी थी। अब दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने केजरीवाल को जमकर लताड़ लगाई है। मेडिकल एसोसिएशन ने केजरीवाल द्वारा अस्पतालों को धमकाने और डॉक्टरों को चेतावनी देने पर आपत्ती जताई है और इसकी कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन ने सर गंगाराम अस्पताल के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामले की भी निंदा की। बता दें कि अस्पताल पर कोरोना वायरस टेस्ट दर्ज करने के लिए नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
DMA ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के समय में डॉक्टर पिछले दो महीनों से दिल्ली के लोगों की सेवा कर रहे हैं। डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। लेकिन जिस तरह से उनके साथ पेश आया जा रहा है इससे वे अपमानित महसूस कर रहे हैं।
बयान में यह भी कहा गया है कि अस्पताल स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं और रोगियों की सेवा कर रहे हैं। उन्हें दंडित किया जा रहा है और सरकार उनके प्रयासों की प्रशंसा करने की बजाय रोज नए डिक्टेट जारी कर रही है। बयान में कहा गया है कि दिल्ली के डॉक्टर पहले से ही महामारी से अधिक प्रभावित हैं और राज्य सरकार अनावश्यक रूप से स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव डाल रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने हालही में अस्पतालों को कोरोना मरीजों को बेड देने से मना करने या बेड की कालाबाजारी करने को लेकर चेतावनी दी है। एसोसिएशन ने बयान में कहा, “जिस तरह से सीएम ने कोरोना मरीजों के दाखिले और टेस्ट को लेकर डॉक्टरों को चेतावनी दी है और अस्पतालों को धमकाया है उसकी दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन निंदा करती है।
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केंद्र के अस्पतालों पर कोई रोक नहीं
नई दिल्ली। कोरोना वायरस काल में दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब दिल्ली से बाहरवाले लोगों को दिल्ली में इलाज करवाने में दिक्कतों का सामना करना होगा। फैसले के मुताबिक, दिल्ली में मौजूद दिल्ली सरकार के सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज (arvind kejriwal on corona Treatment) होगा। वहीं केंद्र सरकार के हॉस्पिटल सभी के लिए खुले होंगे।
केंद्र के हॉस्पिटलों में इलाज पर रोक नहीं
दिल्ली सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया है। अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आनेवाले हॉस्पिटल और दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। वहीं केंद्र सरकार के हॉस्पिटल जैसे एम्स, सफरदरजंग और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) में सभी लोगों का इलाज हो सकेगा, जैसा अबतक होता भी आया है। हालांकि, कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल जो स्पेशल सर्जरी करते हैं जो कहीं और नहीं होती उनको करवाने देशभर से कोई भी दिल्ली आ सकता है, उसे रोक नहीं होगी। 60 से 70 प्रतिशत बाहर के लोग दिल्ली के हॉस्पिटलों में भर्ती रहे। लेकिन इस वक्त दिल्ली में समस्या है, कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे। ऐसी स्थिति में पूरे देश के लिए हॉस्पिटल खोल दिए तो दिल्ली के लोग कहां जाएंगे। केजरीवाल ने बताया कि पांच डॉक्टर्स की कमिटी बनाई गई थी जिन्होंने माना कि फिलहाल बाहर के मरीजों को रोकना होगा।
केजरीवाल के मुताबिक, कमिटी ने कहा है कि दिल्ली को जून के अंत तक 15 हजार कोविड बेड चाहिए होंगे। फिलहाल दिल्ली के पास 9 हजार बेड हैं और अगर हॉस्पिटल सबके लिए खोल दिए तो ये 9 हजार तीन दिन में भर जाएंगे। केजरीवाल ने कहा कि 7.5 लाख लोगों ने उन्हें सुझाव दिए, जिसमें से 90 प्रतिशत ने कहा कि फिलहाल कोरोना-कोरोना तक दिल्ली से हॉस्पिटल दिल्लीवालों के लिए होने चाहिए।
दिल्ली में कल से क्या खुलेगा
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 8 जून दिल्ली सील बॉर्डर को खोल रही है। इससे गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद के लोग आसानी से दिल्ली आ सकेंगे। इसके साथ दिल्ली में रेस्तरां, मॉल और धार्मिक स्थान खोले जाएंगे। फिलहाल होटल और बैंकट हॉल नहीं खुलेंगे।
सीएए का विरोध, 4 पर रासुका लगाई
अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन के संबंध में गिरफ्तार किए गए चार लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है। फरवरी में गिरफ्तार किया गए इन लोगों पर शनिवार को एनएसए लगाया गया। एनएसए के तहत, एक व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है।
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुनिराज जी. ने कहा कि एनएसए के अनुसार, चारों को जेल में भेज दिया गया। वर्तमान में जेल में बंद चारों आरोपियों की पहचान इमरान, अनवर, साबिर और फहीमुद्दीन के रूप में की गई है। उनकी जमानत याचिका सत्र अदालत के समक्ष लंबित है। मामले में गिरफ्तार कुछ अन्य लोगों को हाल ही में जमानत दे दी गई थी।
एसएसपी ने कहा, “इनपुट हैं कि अगर यह चार व्यक्ति जमानत पर बाहर आते हैं, तो वे शांति के लिए खतरा पैदा करेंगे इसलिए जिला प्रशासन ने एनएसए के तहत चारों को बुक करने का निर्णय लिया है।”इन चारों को 23 फरवरी को हुई हिंसा में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि पुराने शहर इलाके में पुलिस और सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई थीं। इसमें कम से कम पांच लोग घायल हो गए थे।
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