रविवार, 14 जुलाई 2019

मंडोला विहार योजना, हाईवे पर धरना

 गाजियाबाद ! मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानो ने प्रशासनिक अधिकारियो से किये गए वायदे के अनुसार पिछले 6 महीने से आवास विकास परिषद कार्यालय परिसर में चल रहा धरना स्थानांतरण करके दिल्ली सहारनपुर रोड के किनारे पर अपना तम्बू जमा दिया है ।
आज सुबह करीब 8 बजे जैसे ही धरनारत किसान आवास विकास परिषद कार्यालय से बाहर दिल्ली सहारनपुर रोड के किनारे पर अपने बैठने की व्यवस्था करने लगे तो भारी पुलिस बल मौके पर पहुँच गया भारी पुलिस बल आने का कारण पूछा गया तो ज्ञात हुआ कि धरनारत किसानो द्वारा दिल्ली सहारनपुर रोड जाम करने की सुचना के मद्देनजर भारी पुलिस बल लगाया गया है थाना अध्यक्ष ट्रोनिका सिटी ने भी फोन पर इस बात की पुष्टि करने के लिए किसान नेताओ से बात की किसान नेता मनवीर तेवतिया ने अधिकारियो को आश्वस्त करते हुए कहा कि हम प्रशासनिक अधिकारी ADM प्रशासन जितेंद्र कुमार शर्मा से किये गए वायदे के अनुपालन में अपना धरना स्थल आवास विकास कार्यालय परिसर से बाहर लेकर आये हैं और रोड को अवरुद्ध किये बिना ही अपने बैठने की व्यवस्था कर रहे हैं ।
शुक्रवार के दिन किसान नेता मनवीर तेवतिया के नेतृत्व में किसानो का एक प्रतिनिधि मंडल अपर जिला अधिकारी ( प्रशासन ) जितेंद्र कुमार शर्मा से मिला था और शासन प्रशासन द्वारा धरनारत किसानो की वार्ताओं का दौर रोककर, नजर अंदाज करने पर ,नाराजगी जताई थी!


जिस पर प्रशासनिक अधिकारियो ने किसानो को आश्वासन दिया कि जल्द ही वार्ताओं का दौर सुरु कराया जायेगा क्योकि किसी भी समस्या का हल वार्ता की टेबल पर ही सम्भव है अपर जिला अधिकारी ने यह भी आश्वासन किसानो को दिया कि शासन स्तर पर जो वार्ता आवास एव शहरी नियोजन मंत्री की अध्यक्ष्ता में हुई थी उस वार्ता के विवरण से ही वार्ताओं का दौर प्रारम्भ कराया जायेगा ।
अपर जिला अधिकारी ने किसान प्रतिनिधियों से भी एक निवेदन किया उन्होंने कहा कि आप आवास विकास परिषद के कार्यालय परिसर से बाहर अपना धरना कर लें ।
किसान प्रतिनिधियों ने बगैर समय गवाए हुए धरना स्थानातरण करने की बात मान ली जिसके अनुपालन में आज किसानो ने अपना धरना स्थल दिल्ली सहारनपुर रोड के किनारे पर बना लिया ।आज धरने पर सैकडो महिला व् पुरुष उपस्थित रहे ।


नाबालिग से रेप ,एक गिरफ्तार एक फरार

 


रायबरेली ! थाना महराजगंज क्षेत्र स्थित खैराना गांव में नाबालिक लड़की के साथ गैंगरेप व उसे बेचने के मामले में एक अभियुक्त को गिरफ्तार करने को लेकर कोतवाली प्रभारी लाल चंद्र सरोज आजकल सुर्खियां बटोर रहे हैं ! तो, वहीं नाबालिक लड़की के बयान पर दूसरा अभियुक्त पुलिस की पकड़ से कोसों दूर है। पहले अभियुक्त को पकड़ने के लिए कोतवाली प्रभारी ने जितनी सक्रियता दिखाई है क्या? दूसरे अभियुक्त को भी पकड़ने में कोतवाली प्रभारी इतनी ही सक्रियता अपनाएंगे ?
क्योंकि, खैराना ग्राम प्रधान व चंद्र चाटुकार दलाल लगातार कोतवाली जा जा कर कोतवाली प्रभारी पर दूसरे अभियुक्त को बचाने के लिए दबाव बना रहे हैं।
जिसको कोतवाली प्रभारी ने अपने कार्यालय के अंदर से ही बेइज्जत करके भगा दिया और खरी-खोटी भी सुनाई।
दूसरे अभियुक्त को बचाने के लिए आज सुबह से ही कुछ चाटुकार टाइप के दलाल कोतवाली में 2:00 बजे तक बैठा रहा अंततः काम ना होने पर पुन: उसे वापस जाना पड़ा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि, पहले अभियुक्त को कोतवाली प्रभारी ने जितनी तन्मयता व तत्परता से गिरफ्तार करके जेल भेजा है उतनी ही तत्परता से दूसरे अभियुक्त को भी गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम करेंगे या चंद्र चाटुकार दलालों से सुविधा शुल्क लेकर उसकी नामजदगी से हटा देगें। यह बात समय के गर्भ में है और संपूर्ण क्षेत्र में चर्चा का विषय है।


शिवाकांत अवस्थी 


चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग पर उपस्थित रहेंगे राष्ट्रपति


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद रहेंगे चन्द्रयान-2 की लॉचिंग के समय।

नई दिल्ली ! 15 जुलाई को तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर जब श्रीहरिकोटा से चन्द्रयान-2 की लॉचिंग होगी तब वैज्ञानिकों के साथ देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रपति उन वैज्ञानिकों की हौंसला अफजाई करेंगे जो चन्द्रयान को चन्द्रमा पर उतार रहे हैं। संभवत: यह पहला अवसर होगा जब मध्य रात्रि के बाद कोई यान की लॉचिंग की जा रही है और उस समय देश के राष्ट्रपति मौजूद हैं। चन्द्रमा की सतह पर पहुंचने वाला भारत चौथा देश होगा। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चन्द्रयान-2 की लॉचिंग बहुत महत्व रखती है। सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर ही राष्ट्रपति समारोह में मौजूद रहेंगे। ऐतिहासिक क्षणों में उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए राष्ट्रपति कोविंद 13 जुलाई को ही मद्रास पहुंच गए हैं। 14 जुलाई को राष्ट्रपति ने तिरुपति के मंदिर में पूजा अर्चना भी की। इसमें कोई दो राय नहीं कि गत पांच वर्षों में अंतरक्षि के क्षेत्र में भारत ने अनेक उपलब्धियां हासिल की है। अब जब चन्द्रमा की सतह पर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है तो यह उपलब्धि अपने आप में बहुत मायने रखती है। हालांकि इसका श्रेय भारतीय वैज्ञानिकों को है, लेकिन इसके पीछे सरकार की इच्छा शक्ति भी है। वैज्ञानिक तभी अपना काम प्रभावी ढंग से कर सकते है, जब सरकार का सहयोग मिले। सरकार के सहयोग की बदौलत ही वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एंटी मिसाइल का सफल परीक्षण भी कर लिया है। यानि अंतरिक्ष में हमारे जो उपग्रह हैं उन्हें अब कोई देश नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।


चन्द्रयान-2 का महत्व इसलिए भी है कि इसे चन्द्रमा के साउथ पोल पर उतारा जाएगा। अब तक अमरीका, चीन और रूस ने चन्द्रमा पर जो यान उतारे हैं वे साउथ पोल से दूर हैं। माना जा रहा है कि साउथ पोल पर ही पानी मिलने की संभावना है। यदि चन्द्रमा पर पानी मिलता है तो फिर रिहायशी की संभावना भी तलाशी जाएगी। चन्द्रयान-2 को लेकर पूरे देश में उत्साह बना हुआ है। चैनलों पर रात के समय लाइव प्रसारण किया जाएगा। टीवी चैनलों ने लाइव प्रसारण के विशेष इंतजाम किए हैं।
एस.पी.मित्तल


अब्दुल गनी की हत्या का जिम्मेदार कौन


राजस्थान पुलिस के हैड कांस्टेबल अब्दुल गनी की हत्या का जिम्मेदार कौन?
शव के दफन को लेकर विवाद की स्थिति।
सरकार का दावा, भीड़ ने नहीं मारा।

 राजसमंद ! जिले के भीम थाना क्षेत्र के एक भूमि विवाद के प्रकरण की जांच करने मौके पर गए हैडकांस्टेबल अब्दुल गनी को कुछ लोगों ने पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया। गनी की हत्या तब की गई, जब वे मौके पर रिपोर्ट बना कर लौट रहे थे। हालांकि गनी को सरिए आदि से मारने वालों में कोई आधा दर्जन लोग शामिल थे, लेकिन अब पुलिस के आला अधिकारियों और सरकार में बैठे लोगों का कहना है कि अब्दुल गनी को भीड़ ने नहीं मारा है। सरकार इसे सामान्य अपराध की घटना मान रही है। अब्दुल गनी की जिस तरह हत्या हुई उस पर जहाजपुर की मुस्लिम पंचायत के अध्यक्ष नजीर मोहम्मद ने नाराजगी जताई। नजीर ने सरकार से मांग की है कि मृतक के परिजन को पचास लाख रुपए का मुआवजा, परिवार के दो सदस्यों को नौकरी, भीलवाड़ा में आवास तथा बालिग होने तक बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने की घोषणा की जाए। साथी ही अब्दुल गनी को शहीद होने का दर्जा भी दिया जाए। नजीर और परिजन ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक शव का दफन नहीं होगा। परिजन की इस घोषणा के बाद भीलवाड़ा का पुलिस और जिला प्रशासन समझाइश में जुट गया है।
14 जुलाई को पुलिस के आला अधिकारी भीलवाड़ा पुलिस लाइन तक तो सम्मान के साथ शव को लाए लेकिन शव को अब्दुल गनी के घर पहुंचाने के बाद किसी ने भी हालात की सुध नहीं ली। सवाल उठता है कि जब इतनी नाजुक स्थिति बनी हुई थी तो फिर सरकार और प्रशासन के प्रतिनिधि कहां चले गए। जाहिर है कि सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता के साथ नहीं ले रही है। परिजन की मांग न्यूज चैनलों पर भी प्रसारित होती रही, लेकिन सरकार के किसी भी मंत्री ने गंभीरता नहीं दिखाई। डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने ट्वीटर पर खेद प्रकट कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी। सवाल उठता है कि क्या अपराधियों में पुलिस का भय खत्म हो गया है? जो अब्दुल गनी ड्यूटी पर था उसे यदि इस तरह मार डाला जाएगा तो फिर राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। पिछले दिनों झारखंड में रहमत नाम के एक युवक को भी पीट पीट कर मार डाला गया। इस घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन और मौन जुलूस निकाले गए। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है और गहलोत भी भीड़तंत्र की निंदा कर चुके हैं। गहलोत ने भी झारखंड की घटना की निंदा की थी, लेकिन जब राजस्थान में 13 जुलाई को हैडकांस्टेबल अब्दुल गनी की हत्या की गई तो सरकार का कहना है कि यह भीड़तंत्र वाला मामला नहीं है। यानि झारखंड और राजस्थान में हुई घटनाओं के मायने अलग अलग हैं। बताया जा रहा है कि अब्दुल गनी की हत्या के सात आरोपियों को चिन्हित कर लिया गया है और जल्द ही गिरफ्तारी होगी। पुलिस के अनुसर कमला देवी ने भीम पुलिस स्टेशन पर नैनादेवी सहित दस लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इस रिपोर्ट में नैनादेवी के पक्ष वालों पर जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया। पुलिस का कहना है कि जमीन के इसी मामले में अब्दुल गनी की हत्या की गई।
एस.पी.मित्तल


आदिवासियों के साथ पशु जैसा व्यवहार

आदिवासियो के साथ प्रशासन का छलावा


प्रशासन का आदिवासियो के साथ पशुओ जैसा व्यवहार


छिंदवाड़ा -परासिया ! आजादी के 71 साल बाद भी आदिवासियो को प्रशासन ,सामानता का अधिकार दिलाने मे विफल रही है।जिससे कि उन्हे जो मौलिक अधिकार प्राप्त है ।अधिकारी-कर्मचारी द्बारा उनका भी हनन किया जा रहा है।जिसके चलते आज भी आदिवासियो का जीवन पशुओ के समान बीत रहा है। ये हम नही हालात बया कर रहे है।
जहां छिन्दवाडा़ जिले और मुख्यमंत्री के ग्रह जिले छिन्दवाडा़ के तामिया मे भरिया जनजाति समाज के विकास ,शिक्षा ,जाग्रुकता ,और अन्य योजनाओ के लिए सरकार द्बारा करोड़ो रूपये आये,लेकिन फिर भी किसी प्रकार की योजना का लाभ भरिया समाज को अभी तक नही मिल पाया है।यदि ,तामिया की ग्राम पंचायत गोरिया-पानी के अतर्गत आने बाले ग्राम राधना और जाम-ढाना की बात करे तो आजादी के बाद से आज तक यहां कोई विकास -कार्य नही किये गये है। न तो गांव मे पहुचने के लिए सड़क बनायी गई है और न ही आवास योजना के तहत किसी को लाभ दिया गया है। हैरान करने वाली बात यह है कि आज तक सचिव-सरपंच द्बारा कोई भी सड़क निर्माण कार्य या कोई अन्य कार्य नही करवाया गया है जिसके कारण आज भी ग्रामीणजन पांच किलोमीटर पहाडी़ पर चढकर सोसायटी मे अनाज लेने जाने के लिए मजबूर है।
वही सोसायटी संचालक द्बारा मनमानी करते हुए मिट्टी का तेल दुकान के अंदर ही वितरित किया जा रहा है जिसके कारण ग्रामीणो को हमेशा घटना का अनदेशा बना रहता है ।जबकी ब्लाक हर्रई के ग्राम बारगी मे सोसायटी संचालक की लापरवाही के कारण मिट्टी के तेल वितरण के दौरान कई ग्रामवासियो बड़ी घटना के कारण जान गवाना पड़ा था ।
फिर भी सोसायटी संचालक आज भी मनमानी करने से वाज नही आ रहे है।वही आलाधिकारीयो द्बारा इस ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।


 दिनेश साहू परासिया


आगरा में खुलेगा अंतरराष्ट्रीय आलू शोध केंद्र

किसानों के लिए खुशखबर, आगरा में खुलेगा अंतरराष्ट्रीय आलू शोध केंद्र, जानिए क्या होगा किसानों को फायदा


आगरा ! आलू किसानों और शीतगृह संचालकों की बर्षो पुरानी मांग पूरी होने वाली है। उत्तर प्रदेश सरकार ताजनगरी में अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय आलू शोध केंद्र की शाखा खोलने की कवायद में लगी है। अगर सब कुछ ठीकठाक रहता है तो जल्द ही इस पर काम शुरू हो सकता है।
इस शोध केंद्र के खुलने के बाद आलू पर कई शोध होंगे, जिनका फायदा यहां 75 हजार हेक्टेयर में आलू की पैदावार करने वाले किसानों को मिल सकेगा। फतेहाबाद रोड स्थित केएनसीसी में शनिवार को आयोजित ऑल इंडिया कोल्ड चेन सेमिनार में उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. आरके तोमर ने इस बारे में जानकारी दी देखने वाली बात होगी कब तक होगी किसानों की मुरादपूरी या किसानों को पहले की तरह सरकार लाॅलीपोप देती रहेगी ।


देवेन्द्र कुमार वघेल


होटल की बिल्डिंग गिरी,30 दबने की आशंका

हिमाचल के सोलन में होटल की बिल्डिंग गिरी, सेना के जवानों सहित 30 के दबे होने की आशंका


सोलन ! हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में एक होटल की इमारत गिरने की खबर है। इस बिल्डिंग के नीचे करीब 30 लोगों के दबे होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि, दबे हुआ अधिकतर लोगों में सेना के जवान बताए जा रहे हैं। ये हादसा सोलन के कुमारहट्टी-नाहन हाइवे के किनारे बने सेहज ढाबा और गेस्टहाउस में हुआ। जब ये तीन मंजिला इमारत अचानक से भरभरा कर गिर पड़ी।


बताया जा रहा है कि बिल्डिंग के मलबे में दबे लोगों में भारतीय सेना के भी जवान शामिल हैं।एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि, अबताया जा रहा है करीब 18 लोगों को घायल अवस्‍था में मलबे से निकाल लिया गया है। उन्हें धर्मपुर के एक अस्पताल में भेजा गया है। प्रशासन का कहना है कि कुल 25 लोग घटना के वक्त मौजूद थे। हालांकि स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि हादसे के वक्त इस भोजनालय में कितने लोग मौजूद थे। परवाणू और सोलन से सात एंबुलेंस को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है। वहीं पंचकूल से एनडीआरएफ की एक टीम बुलाई गई है।


पुलिस व प्रशासन मौके पर पहुंच गए हैं। सोलन के एसडीएम रोहित राठौर मौके पर पहुंच गए हैं। उनकी मौजूदगी में बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। इमारत के गिरने के कारण का पता नहीं चल सका है। बता दें कि हिमाचल में पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है। जिसके चलते राज्य में कई जगहों पर भूस्खलन और घर गिरने की घटनाएं सामने आई हैं।


'वीएसएचओआरएडीएस' हथियार विकसित किया

'वीएसएचओआरएडीएस' हथियार विकसित किया  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। भारत अपनी ताकत का पूरी दुनिया में लोहा मनवा रहा हैं। कई रिपोर्ट ये बतल...