बाल विवाह: कुल 2044 लोगों को गिरफ्तार किया
इकबाल अंसारी
दिसपुर/गुवाहाटी। असम में बाल विवाह के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जा रहा है। इसे लेकर राज्य में हड़कंप भी मचा हुआ है। पुलिस बाल विवाह कराने वालों को गिरफ्तार करने में जुटी है। यह एक्शन राज्य के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के आदेश पर हो रहा है। इस अभियान के तहत पूरे राज्य में 4074 मामले दर्ज किए गए। वहीं 57 काजी और पुजारी समेत कुल 2044 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, अब तक पूरे असम में बाल विवाह से संबंधित 4,074 मामले दर्ज किए गए जबकि 8,134 लोगों की पहचान आरोपी के रूप में की गई है। आज सुबह तक 2,211 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। हमें लगभग 3,500 लोगों को गिरफ्तार करना होगा।
असम पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के निर्देश पर बाल विवाह करने वाले पतियों के खिलाफ राज्यभर में अभियान चलाया गया। इन अभियानों में 2044 लोग गिरफ्तार किए गए, जबकि 4074 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। इस मामले में नवनियुक्त असम पुलिस निदेशक जीपी सिंह ने कहा कि 12-13 वर्ष की लड़कियां भी इस आंकड़े में शामिल हैं, जो समय से पहले गर्भवती होकर चिकित्सकीय परेशानी उत्पन्न करती हैं।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, जिनकी शादी हो चुकी है उन लड़कियों का आप क्या करेंगे? उनकी देखभाल कौन करेगा? आपने (असम सरकार) 4,000 मामलें दर्ज किए। आप नए स्कूल क्यों नहीं खोल रहे हैं? असम में भाजपा की सरकार मुसलमानों के प्रति पक्षपाती है। उन्होंने ऊपरी असम में भूमिहीन लोगों को जमीन दी लेकिन निचले असम में ऐसा क्यों नहीं कर रहे?
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के चीफ, मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। सांसद बदरुद्दीन अजमल ने पुलिस की इस पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया। एआईयूडीएफ नेता ने कहा, शादी ब्याह 18 साल से पहले नहीं हो। हम भी इसके पक्ष में हैं, लेकिन ये तरीका नहीं है जो सरकार कर रही है। ये बिल्कुल मुस्लिम मुखालिफ है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके तहत गिरफ्तार लोगों में 90 फीसदी मुसलमान ही होंगे।
अजमल ने कहा, इलेक्शन सामने आ रहा है। बीजेपी शासित जितने राज्य हैं, उन सबमें कुछ न कुछ गुल खिलाए जाएंगे। हिंदू मुस्लिम में बंटवारा करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि हम खुद इसके खिलाफ हैं कि 18 साल के पहले शादी न हो लेकिन इसके लिए आप लोगों को जिंदगी भर के लिए जेल में डाल देंगे। ये मुनासिब नहीं है।अजमल ने कहा कि पहले सबको समझाइए। उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने पहले जागरूकता अभियान क्यों नहीं शुरू किया? सीधे जेल भरो क्यों शुरू कर दिया। अजमल ने कहा कि हमारे सीएम कभी-कभी ख्वाब देखते हैं कि बहुत दिन हो गए मुसलमानों को नहीं सताया। फिर वह जागते हैं और नई-नई योजनाएं बनाते हैं।
क्या है पूरा मामला?
23 जनवरी को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम कैबिनेट ने बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर फैसला लिया था। सीएम सरमा ने बाल विवाह को जघन्य और अक्षम्य अपराध बताते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी। इसके साथ ही एक बड़ा बदलाव कानून में यह भी किया गया था कि 14 साल से कम उम्र में लड़की की शादी करने के मामले पॉक्सो (Protection of Children from Sexual Offences-POCSO) एक्ट लगाने को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट फैसले के 1 पखवाड़े के भीतर पुलिस ने बाल विवाह के 4004 केस दर्ज किए जिनमें 8000 लोगों को आरोपी बनाया गया। बीते दो दिनों से पुलिस ने इन मामलों में गिरफ्तारी को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया और 2044 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में 52 पुजारी और मौलवी भी शामिल हैं।
महिलाएं भी कर रहीं विरोध: बाल विवाह के खिलाफ असम पुलिस की कार्रवाई का महिलाएं भी विरोध कर रही हैं। एक महिला ने कहा कि केवल पुरुषों को ही क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है? हमारे बच्चे और हम किस तरह से जीवनयापन करेंगे? हमारे पास आय का कोई जरिया नहीं है।![](https://drive.google.com/uc?id=11hawvoezGknaUgCVK1NMJKIIpXFKB1Yj&export=download)