मंगलवार, 21 जनवरी 2020

सबसे पुराने सेक्टर की हालत देहात के जैसी

चंडीगढ़ शहर का सबसे पुराना सेक्टर-20, लेकिन हालात गांव जैसे


अमित शर्मा


चंडीगढ़। शहर के सबसे पुराने सेक्टर-20 की अगर बात करें तो आजादी के 72 साल के बाद भी यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। सेक्टर-20 के हालात शहर के गांवों से बदतर हो चुके हैं। सेक्टर की सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे और पार्किग की समस्या से आए दिन यहां के लोग जूझ रहे हैं। प्रशासन और नगर निगम यहां की सुध तक लेने के लिए तैयार नहीं। सेक्टर-20 के रेजिडेंट्स लगातार अपनी समस्या नगर निगम और प्रशासन को बताते आ रहे हैं। लेकिन अफसरशाही पर कोई असर नहीं दिख रहा है। सेक्टर-20 की सड़कों की वर्षो से नहीं हुई रीकारपेटिग सेक्टर-20 में सड़कों की हालत खस्ता हो चुकी है। जगह-जगह सड़कों पर गड्ढे हैं। इन गड्ढों की वजह से दोपहिया वाहन सवार चोटिल हो रहे हैं। यहां के रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन और सीनियर सिटीजन एसोसिएशन की ओर से कई बार नगर निगम को सड़कों की रीकारपेटिग को लेकर कहा जा चुका है। लेकिन सेक्टर-20 की खस्ता हालत सड़कों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पार्किग की नहीं जगह, सड़कों पर लगता है जाम। सेक्टर-20 में लोगों को आए दिन पार्किंग की समस्या झेलनी पड़ती है। पार्किंग की पर्याप्त जगह न होने के कारण लोगों को मजबूरन अपनी गाड़ियां घर के बाहर सड़कों और पार्कों में खड़ी करनी पड़ती है, जिससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है और लोगों में भी विवाद होता है। वहीं, बच्चों के खेलने के लिए बने पार्कों में रेजिडेंट्स अपनी गाड़ियां पार्क करने के लिए मजबूर हैं। जिसकी वजह से बच्चों को पार्क में खेलने को नहीं मिलता। बच्चों के लिए जो पार्क बनाए गए हैं, उनमें नगर निगम द्वारा लगाए झूले टूट चुके हैं। बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं के लिए पार्क में बैठने के लिए लगे बेंच भी टूट चुके हैं। लेकिन नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं देर रहा है। सेक्टर-20 में अकसर सीवरेज की प्रॉब्लम रहती है। ग्रीन बेल्ट में बच्चों के खेलने के लिए लगे झूले टूटे पड़े हैं। सड़के की हालत खस्ता हो चुकी है। सालों से सेक्टर-20 की सड़कों की रीकारपेटिग नहीं हुई है। रजेश गुप्ता, रेजिडेंट, सेक्टर-20 आजाद मार्केट में लोगों के बैठने के लिए बेंच तक नहीं हैं। सेक्टर की बाकी सभी मार्केट में लोगों के बैठने के लिए बेंच लगे हैं। सड़कों में जगह-जगह गड्ढे हैं, जिनसे हादसे हो रहे हैं। पार्किग की जगह न होने के कारण लोगों को अपने घरों के बाहर सड़कों के किनारे गाड़ी पार्क करनी पड़ती है। जिसकी वजह से अकसर सेक्टर में ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है। सोनू, रेजिडेंट, सेक्टर-20 सेक्टर-20 में मस्जिद के पास अकसर कूड़ा जमा रहता है। यहां सफाई नहीं की जाती है। जिसके कारण मस्जिद के आसपास के घरों में रहने वाले लोगों को बहुत दिक्कत होती है। लोगों को रोजाना पार्किंग के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हरमेल केसरी, रेजिडेंट, सेक्टर-20 सेक्टर-20 में जितने भी पार्क हैं, उनमें चूहों ने सुरंग बना ली हैं। जिसकी वजह से बच्चे पार्क में खेलने नहीं जाते हैं। पार्कों की मेंटेनेंस सही ढंग से नहीं हो रही है। सेक्टर-20 ए की तरह सरोवर पथ पर गारबेज बिन में सफाई नहीं होती है। यहां से कूड़े नहीं उठाया जाता है।


रिश्वत लेते 'सहायक थानेदार' रंगे हाथ काबू

20 हजार रिश्वत लेते सहायक थानेदार रंगे हाथ काबू


अमित शर्मा


डेराबस्स। विजिलेंस ब्यूरो, फ्लाइंग स्क्वायड, पंजाब पुलिस के उपकप्तान बरजिन्दर सिंह के नेतृत्व मेें विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने ट्रैप लगाकर सहायक थानेदार ओंकार सिंह को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। टीम ने यह कार्रवाई शिकायत पर की है। परमजीत सिंह विर्क पीपीएस एआईजी फ्लाइंग स्क्वायड विजिलेंस ब्यूरो, पंजाब ने बताया कि राजू पुत्र बालक राम निवासी वार्ड नंबर 11 डेराबस्सी ने शिकायत दी थी कि वह ट्रक चलाता है। उसकी लड़की की शादी फरवरी 2018 में हुई थी। कुछ समय बाद ही लड़की का ससुराल परिवार दहेज के लिए उसे परेशान करने लगा था। इसके चलते उसने अप्रैल 2019 में एक शिकायत एसएसपी मोहाली को दी थी जिसकी जांच एएसआई ओंकार सिंह कर रहे थे। ओंकार सिंह शिकायतकर्ता को बार-बार अपने पास बुला लेता था लेकिन उसकी शिकायत पर कोई काम नहीं करता था। इसके बाद ओंकार सिंह ने शिकायतकर्ता को बुलाकर रिपोर्ट उसके हक में लिखने के बदले 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। इस पर उसने विजिलेंस के पास उसकी शिकायत कर दी।
इसके बाद शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सहायक थानेदार को ट्रैप लगाकर सोमवार को विजिलेंस की टीम ने थाना डेराबस्सी से रिश्वत लेते हुए दो सरकारी गवाहों की हाजिरी में रंगे हाथों गिरफ्तार किया और उससे रिश्वत के 20 हजार रुपये की रकम भी बरामद की गई है। मामले की पूरी जानकारी लेने के लिए एसएचओ डेराबस्सी को फोन किया पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।


खतराः ज्यादा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

स्पेशल रिपोर्ट: छात्र अपनी पढ़ाई के प्रति कम रुचि दिखा रहे हद से ज्यादा कर रहे है टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल


अमित शर्मा


चंडीगढ़। हद से ज्यादा टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले छात्र अपनी पढ़ाई के प्रति कम रुचि दिखा रहे हैं। इसके अलावा वे टैस्ट का पता लगते ही बेचैन भी हो जाते हैं। यूके की स्वानसी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शोध के दौरान छात्रों के डिजिटल टेक्नॉलजी इस्तेमाल  करने के पैटर्न, उनकी चिंता, अकेलापन, पढ़ाई और प्रेरणा का आंकलन किया है। जनरल ऑफ कंप्यूटर असिस्टेड लर्निंग में हुए इस शोध में 285 छात्रों को शामिल किया गया, जो हेल्थ से जुड़े एक डिग्री कोर्स की पढ़ाई कर रहे थे। इस दौरान पाया गया कि जिन छात्रों को इंटरनेट की लत पड़ जाती है उनके लिए पढ़ाई करना कठिन हो जाता है और एग्जाम आने पर वे ज्यादा बेचैन होने लगते हैं। शोधकर्ताओं ने तो यह भी बताया है कि इंटरनेट की लत से छात्रों को अकेलापन भी महसूस होता है, जिससे पढ़ाई कर पाना और भी मुश्किल हो जाता है। स्टडी के मुताबिक, छात्र मुख्यतौर पर इंटरनेट का इस्तेमाल 40% सोशल नेटवर्किंग और 30% जानकारी प्राप्त करने के लिए कर रहे हैं। इसके बाद शोधकर्ताओं ने कहा कि लत और कम सामाजिक मेलजोल मिलकर ही व्यक्ति को अकेलापन महसूस कराते हैं।


कमल के भरोसे चुनाव लड़ने को 'कमर कसी'

अकाली उम्मीदवार कमल के फूल के भरोसे चुनाव लडऩे के लिए तैयार बैठे 


अमित शर्मा


नई दिल्ली।  शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह आजकल दिल्ली डेरे लगाकर अपने हिस्से आती 4 विधान सभा सीटों कालका, शाहदरा, रिजौरी गार्डन और हरि नगर में अकाली तकड़ी के चुनाव निशान और चुनाव के लिए जुगतबंदी बनाकर अड़े बताए जा रहे हैं। इन हलकों में चुनाव लडऩे वाले दिल्ली के अकाली उम्मीदवार कमल के फूल के भरोसे चुनाव लडऩे के लिए तैयार बैठे बताए जा रहे हैं, क्योंकि दिल्ली बैठे इन उम्मीदवारों को पता है, कि पिछले 2 सालों में अकाली-भाजपा में आई खटास व हरियाणा में अकाली दल की तरफ से अलग होकर लड़े चुनाव एवं लोक सभा चुनाव में मिली हार को लेकर भाजपा लीडरशिप तथा वर्कर अकाली दल के साथ अब वह पहले वाला प्यार और सांझ नहीं दिखा रहे। जबकि भाजपा भी इस बार दिल्ली में ‘करो या मरो लेकिन राज हासिल करो’ की स्थिति के चलते एक भी सीट गंवाने से पहले सौ बार सोच रही है। दिल्ली से मिली खबरों के मुताबिक दिल्ली भाजपा 2015 के चुनाव के उनके नतीजे को आगे रखकर तत्कालीन हालात को आज के हालात के साथ जोड़कर अकाली दल के साथ सीधे मुंह बात भी नहीं कर रही क्योंकि 2015 में इन 4 सीटों में से 3 स्थानों पर कमल फूल और अकाली उम्मीदवारों ने चुनाव लड़े थे। और 1 सीट रजौरी गार्डन से सिरसा ने तकड़ी चुनाव निशान पर चुनाव लड़ा था, ये चारों हार गए थे। और बाद में जनरल के इस्तीफे के बाद रजोरी गार्डन के उपचुनाव में सिरसा जीते थे। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में अकाली समर्थक उम्मीदवार तकड़ी की अपेक्षा कमल के फूल पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। अब फैसला ऊपरी हाईकमान के पास जाने के बाद सुखबीर सिंह बादल चारों सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए अड़े बताए जा रहे हैं।


'सीआईडी चीफ' को लेकर, गृह मंत्री सख्त

सीआईडी चीफ को लेकर सख्त गृहमंत्री विज, नहीं हटाया तो आगे की देखी जाएगी


अमित शर्मा


चंडीगढ़। सीआईडी को लेकर चल रहे विवाद को लेकर एक बार फिर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कैमरे के सामने बोला है कि उन्होंने सीआईटी चीफ को हटाने के लिे कहा है। उन्होंने बताया कि सीआईडी चीफ मेरे बार बार करने के बावजूद भी मुझे इंटेलिजेंस की इनपुट नहीं दे रहे थे। इससे प्रदेश की शांति को खतरा हो सकता है। अगर मेरे पास इनपुट नहीं होगा तो मैं कार्यवाही कैसे करुंगा। अनिल विज ने कहा कि मेरे बार बार कहने के बाद भी अधिकारी नहीं माने तो पूछना मेरी ड्यूटी बनती है। सीआईडी विभाग किसी के पास रहरे लेकिन मैं गृहमंत्री हूं मुझे रिपोर्टिंग करनी ही पड़ेगी। मुझे गृहमंत्री होने के नाते खुद को तैयार रखना पड़ता है। इसलिए मेरे पास सूचनाएं होना जरुरी है। सीआईडी चीफ को हटाने के मामले में बोलते हुए अनिल विज ने कहा कि मैंने कार्रवाई के आदेश दिये हैं। क्योंकि यह बहुत बड़ी लापरवाही है। प्रदेश की जनता की जिंदगी का सवाल है, अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए गृह विभाग जिम्मेदार होता है। वहीं उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ किसी प्रकार की कोई खींचतान नहीं है। मुख्यमंत्री ही ऑल इन ऑल होते हैं। जब चाहे विभाग ले सकते हैं और मंत्री को दे सकते हैं।अनिल विज ने कहा कि सीआईडी चीफ अनिल राव को नहीं हटाया गया तो आगे की बात देखी जाएगी।


7 घंटे इंतजार के बाद, 'एके का नामांकन'

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 7 घंटे के इंतजार के बाद अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया था कि वह नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए लाइन में खड़े हैं। केजरीवाल ने ट्वीट किया, अपना नामांकन पत्र भरने का इंतजार कर रहा हूं। मेरा टोकन नंबर 45 है। यहां नामांकन दाखिल करने के लिए अनेक लोग हैं। मुझे खुशी है कि इतने अधिक लोग लोकतंत्र में भागीदारी कर रहे हैं। बता दें कि 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को अपना नामांकन पत्र सोमवार को दाखिल करना था, लेकिन अपने रोड शो के कारण विलंब के चलते वह ऐसा नहीं कर पाए। केजरीवाल ने कहा, अगले पांच साल की यात्रा अब यहां से शुरू होती है। दिल्ली में हुए अच्छे काम की तरह मैं उम्मीद करता हूं कि अगले पांच साल में भी अच्छा काम होगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का उद्देश्य जहां उन्हें हराने का है, वहीं उनका उद्देश्य भ्रष्टाचार को हराना और दिल्ली को आगे ले जाने का है। केजरीवाल ने कहा, भाजपा, कांग्रेस, लोजपा, जजपा, जदयू और राजद साथ आ गए हैं।


ज्यादातर विद्याओं की फिल्मो का अनुभव

मुंबई। ड्रामा, रोमांस, कॉमेडी और ऐतिहासिक विधा की फिल्में कर चुकीं अभिनेत्री कृति सैनन का कहना है कि बतौर अभिनेत्री वह हर विधा की फिल्में करना चाहती हैं और खुद को एक्सप्लोर करना चाहती हैं। कृति ने कहा कि यहां हर कोई अलग-अलग तरह की फिल्में पसंद करता है। अगर मैं हर प्रकार के दर्शकों का मनोरंजन करना चाहती हूं और अलग-अलग विधा वाली फिल्मों में खुद को एक्सप्लोर करना चाहती हूं तो ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बेहद मजेदार है अन्यथा आप एक ही तरह की विधा और किरदार में फंस कर रह जाते हैं और यह नीरस हो जाता है। उन्होंने कहा कि वह हर विधा व शैली और हर किरदार को करना चाहती हैं और खुद को किसी दायरे में सीमित नहीं रखना चाहती। इन दिनों कृति फिल्म 'मिमी' की रिलीज की तैयारियां कर रही हैं, जो सरोगेसी पर आधारित है। इसमें कृति एक युवा सरोगेट मां की भूमिका में हैं।


श्रीराम 'निर्भय-पुत्र'


सहायक संपादक


'भारत में भूख' से एक 'दर्दनाक मौत'

अंबिकापुर। मासूम बच्चे के साथ भटक कर अंबिकापुर पहुंची महिला की पहचान हो गई है। खाना नहीं मिलने से महिला के गोद में ही बच्चे की मौत हो गई थी। सोशल मीडिया के माध्यम से खबर मिली तो परिजन अंबिकापुर पहुंचे। यहां चार दिन बाद बच्चे के शव का पीएम कराया गया। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में चिकित्सकों ने बच्चे की मौत भूख से होने से पुष्टि की।



गौरतलब है कि भटक कर अंबिकापुर पहुुंची महिला का नाम गीता विश्वकर्मा है। उसका ससुराल झारखंड के छतरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम लोहराही में है। पति सत्येंद्र विश्वकर्मा व सौतन द्वारा आए दिन उससे मारपीट व प्रताडि़त किया जाता था। प्रताडऩा से परेशान होकर मायके वाले महिला को दिसंबर में अपने घर गोदरमाना थाना क्षेत्र के ग्राम हारदोहर ले लाए थे।


महिला ढाई वर्षीय बेटे के साथ मायके में रह रही थी, जबकि तीन बच्चों को वह ससुराल में ही छोड़ आई थी। 17 जनवरी की शाम महिला बच्चे को गोद में लेकर मायके से निकल गई थी। उधर मायके वाले महिला व बच्चे को तलाश भी कर रहे थे। महिला छतरपुर की बस मेंचढऩे की बजाय छत्तीसगढ़ आने वाली बस में बैठ गई थी और भटक कर अंबिकापुर पहुंच गई। 18 दिसंबर की रात 11.30 बजे महिला ढाई वर्षीय पुत्र को मृत अवस्था में गोद में लेकर भटकती रो रही थी। इस दौरान प्रतीक्षा बस स्टैंड पुलिस को उस पर नजर पड़ी तो उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। यहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद महिला सदमे में आ गई थी और कुछ बताने की स्थिति में नहीं थी। इस दौरान महिला अस्पताल के सेप्टिक टैंक में कूदकर जान देने की भी कोशिश की थी। इसके बाद से महिला को महिला पुलिस की निगरानी में इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही भर्ती कराया गया और बच्चे के शव को मरच्यूरी में रखवा कर पुलिस परिजन के आने का इंतजार कर रही थी।



सोशल मीडिया से परिजन को मिली जानकारीः अचानक बच्चे के साथ महिला के गायब हो जाने से मायके वाले भी परेशान थे। वे अपने रिश्तेदारों से बातचीत कर महिला की तलाश कर रहे थे। इधर अंबिकापुर पुलिस ने घटना के संबंध में वाट्सएप्प के माध्यम से महिला की फोटो वायरल की थी। वाट्सएप्प के ही माध्यम से परिजन को पता चला तो मंगलवार को महिला के भाई रामा विश्वकर्मा, अरुण विश्वकर्मा व जीजा गिरजा विश्वकर्मा अंबिकापुर पहुंचे।



परिजन के आने के बाद हुआ पीएमः मां के गोद में बच्चे की मौत हो जाने से सभी असमंजस में थे। लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे थे। चार दिन से बच्चे का शव परिजन के इंतजार में मरच्यूरी में रखा हुआ था। मंगलवार को परिजन के पहुंचने के बाद शव का पीएम डॉ. संजीव खाखा द्वारा किया गया। पीएम करने के बाद चिकित्सक ने परिजन को बताया कि बच्चे के पेट में अन्न का एक दाना भी नहीं था। इससे बच्चे की मौत भूख से हुई होगी। वहीं चिकित्सक ने इस्टो पैथो जांच के लिए भेज दिया है।


नहीं पहुंचे ससुराल वालेः महिला की शादी झारखंड के छतरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम लोहराही निवासी सत्येंद्र विश्वकर्मा से हुई है। सत्येंद्र पूर्व से भी शादीशुदा है। उसे पहली पत्नी से बच्चे नहीं हो रहे थे, इस कारण उसने दूसरी शादी गीता विश्वकर्मा से की थी। शादी के बाद गीता के चार बच्चे हैं। इसके बाद पति व सौतन द्वारा उसके साथ मारपीट व प्रताडि़त किया जाता था। इससे महिला परेशान रहती थी। घटना की जानकारी मायके वालों ने उसके पति को भी दी लेकिन उसने आने से इंकार कर दिया।


दुष्प्रचार करके पार्टियां फैला रही भ्रम

लखनऊ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि सीएए पर विरोधी पार्टियां दुष्प्रचार करके और भ्रम फैला रही हैं इसीलिए भाजपा जन जागरण अभियान चला रही है, जो देश को तोड़ने वालों के खिलाफ जन जागृति का अभियान है। कांग्रेस,ममता बनर्जी,अखिलेश,मायावती,केजरीवाल सभी इस बिल के खिलाफ भ्रम फैला रहे हैं। इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है तो उसे साबित करके दिखाओ। यह बात गृहमंत्री शाह ने लखनऊ के बंगला बाजार स्थित रामकथा पार्क में रैली को संबोधित करते हुए कही। गृहमंत्री ने कहा कि देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं।
सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है। इस बिल में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार हुए, वहां उनके धार्मिक स्थल तोड़े जाते हैं। वो लोग वहां से भारत आए हैं। ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता देने का ये बिल है। अमित शाह ने कहा कि मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कल तक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं। कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही। आखिर कहां गए ये लोग? कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया।


कॉलेज मैनेजमेंट का विवाद हुआ समाप्त

जौनपुर। लगभग 4 दशक के विवाद के बाद नगर की बीआरपी इण्टर कालेज के मैनेजमेंट का विवाद समाप्त हो गया। साथ ही नयी टीम ने कालेज के विकास का कार्य भी शुरू कर दिया।


बता दें कि मुक्तेश्वर प्रसाद बालिका इण्टर कालेज व बीआरपी इण्टर कालेज कायस्थ पाठशाला सोसाइटी के अन्तर्गत संचालित हैं। इस बाबत सोसायटी के अध्यक्ष रविन्द्र अस्थाना ने बताया कि एक समय था कि यह कालेज कोएजुकेशन की श्रेणी में शामिल था जिसमें विज्ञान की पढ़ाई एक स्थान रखती थी लेकिन प्रबंधकीय विवाद के चलते कालेज की स्थिति बिगड़ती चली गयी। हालांकि वर्ष 2006 में सोसाइटी का विवाद उच्चतम न्यायालय से खत्म हो गया जिसके बाद मुक्तेश्वर प्रसाद बालिका इण्टर कालेज के प्रबंधक जीवन शंकर की जगह दिलीप श्रीवास्तव एवं सोसाइटी के अध्यक्ष रविन्द्र अस्थाना बनाये गये। इसी को लेकर बीते 16 दिसम्बर 2019 को न्यायालय के निर्देश पर नये प्रबन्ध तंत्र की मौजूदगी में हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने बीआरपी इण्टर कालेज के प्रबन्धक के रूप में कार्यभार संभाल लिया।
बताते चलें कि मुक्तेश्वर प्रसाद जो बीआरपी इण्टर कालेज के प्रबन्धक हुआ करते थे, के लड़के प्रेमशंकर व जीवन शंकर में प्रेमशंकर को मुक्तेश्वर प्रसाद की मृत्यु के बाद बीआरपी इण्टर कालेज का प्रबन्धक बना दिया गया था। वहीं जीवन शंकर को बीआरपी बालिका इण्टर कालेज का प्रबन्धक बनाया गया। बाद में जीवन शंकर ने बीआरपी बालिका इण्टर कालेज का नाम मुक्तेश्वर बालिका इण्टर कालेज करा दिया था। प्रबंधकीय व सोसाइटी की नियमावली के अनुसार मैनेजमेंट में वंशानुगत परम्परा नहीं होती है तथा उसमें करीबी रिश्तेदार को सदस्य या उप प्रबंधक नहीं बनाया जाता है। इसी को लेकर सोसाइटी से जुड़े लोगों ने चैलेंज कर दिया। वर्ष 1981 में प्रेमशंकर बीआपी इण्टर कालेज के प्रबन्धक हुये जिसके बाद वर्ष 1987 से बीआरपी इण्टर कालेज के प्रबंधकीय एवं सोसाइटी का विवाद शुरू हो गया। इसके बाद वर्ष 2006 में सोसाइटी के अध्यक्ष रविन्द्र अस्थाना की जीत हुई लेकिन एक लम्बी लड़ाई के बाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव व रविन्द्र अस्थाना ने बाजी मारी। इस लड़ाई के दौरान सोसाइटी के अध्यक्ष रविन्द्र अस्थाना का दावा किया कि बीआरपी इण्टर कालेज के कुछ भवन को लेकर प्रेम शंकर श्रीवास्तव ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से मान्यता लेकर मुक्तेश्वर महाविद्यालय की स्थापना कर लिया जिसकी शिकायत महामहिम राज्यपाल से भी की गयी है। उसकी जांच रिपोर्ट पूविवि के कुलपति के पास लम्बित है। उम्मीद है कि मुक्तेश्वर महाविद्यालय के मामले में शीघ्र ही कोई फैसला हो जायेगा।


'श्रद्धालु' ने 35 किलो वजन सोना चढ़ाया

मुंबई। आस्था और भक्ति के लिए समर्पण का एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिला है। मुंबई स्थित लोकप्रिय सिद्धिविनायक मंदिर में एक श्रद्धालु ने तकरीबन 35 किलो वजन का सोना चढ़ाया है। सोने की कीमत बाजार में 14 करोड़ रुपये के आसपास बताई जा रही है। बता दें कि सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई के सबसे ज्यादा लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के रहने वाले श्रद्धालु ने हफ्ते भर पहले मंदिर को यह सोना दान में दिया था। मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया कि सिद्धिविनायक मंदिर को हर साल करोड़ों का चढ़ावा आता है। यह मुंबई के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। श्रद्धालु द्वारा दान में मिले 35 किलो सोने का इस्तेमाल मंदिर के दरवाजे और छत बनाने में किया जाएगा। हालांकि, मंदिर ने दान देने वाले श्रद्धालु की पहचान उजागर करने से मना कर दिया है।


अंतिम सांस तक कैद में रहने की सजा

गूंगी पैरों से विकलांग 4 वर्षीया मासूम का किया था बलात्कार
जबलपुर। आरोपी रवि मशीह बल्द बब्ली मशीह उम्र पच्चीस वर्ष निवासी चाँदमारी तलैया घमापुर जबलपुर पर यह आरोप था कि उसने दिनांक 23-05-2017 रात्रि 8 से 9 के बीच कचहरी वाले बाबा की दरगाह के पास पेड़ के नीचे सो रही मासूम बच्ची का बलात्कार किया। मामला यह है कि आरोपी बच्ची के माँ बाप को जानता था और बच्ची की माँ ने उसको बच्ची सम्हालने के लिये कह कर रेलवे स्टेशन तक गई थी।



वह जब वापस आई तो उसने देखा की बच्ची के कपड़े गीले हैं तो उसने आरोपी से कहा कि बच्ची के कपढ़े गीले हैं, शायद बच्ची ने पेशाब कर ली है। जब उसने बच्ची के कपड़े उतारे तो उसने देखा की बच्ची के गुप्तांग से खून बह रहा है। तो उसने आरोपी रवि मसीह से पूंछा की तुमने बच्ची के साथ कुछ किया तो नहीं? जिस पर आरोपी रवि मसीह ने शराब के नशे में जवाब दिया की मैनें आपकी बच्ची के साथ बलात्कार किया है।


माँ बच्ची को लेकर विक्टोरिया अस्पताल भागी जहाँ पर प्राथमिक उपचार के बाद एल्गिन अस्पताल रिफर कर दिया गया। एल्गिन अस्पताल की सूचना पर थाना ओमती ने अपराध क्रमांक 235/17 पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायलय में पेश किया गया। आज दिनांक न्यायलय श्रीमान व्ही पी सिंह विशेष न्यायाधीश जबलपुर ने विशेष अभियोजक श्रीमती कृष्णा प्रजापति के तर्कों से संतुस्ट होकर आरोपी रवि मसीह को धारा 376 आई पी सी, 3, 4 पाक्सो एक्ट व एस सी एस टी एक्ट में दोषी सिद्ध करते हुए प्राकर्तिक जीवनकाल तक जेल में रहने की सजा सुनाई व बीस हजार रु. का अर्थदंड भी लगाया।



रिपोर्ट: डॉ. सिराज खान


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