महापंचायत रैली को संबोधित करते हुए ओम प्रकाश राजभर ने एक के बाद एक कई वादे भी किए। उन्हाेंने कहा कि अखिलेश सरकार बनने पर गरीबों का फ्री इलाज, गरीबों का फ्री में इलाज का कानून पास कराएंगे। पुलिस विभाग की ड्यूटी 8 घंटे की करेंगे। गृह जिलों के पास पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी सभी पुरानी सरकारी पेंशन बहाल कराएंगे। सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधा देंगे।। पूरे उत्तर प्रदेश को शिक्षित करने का लक्ष्य,जो बच्चों को स्कूल नहीं भेजेगा उनको जेल भेजेंगे। भागीदारी संकल्प मोर्चा के संयोजक और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असद्उद्दीन ओवैसी बुधवार 27 अक्तूबर को मऊ में होने वाले राजभर के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इस बारे में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि इस बारे में एआईएमआईएम नेतृत्व को कोई जानकारी नहीं दी गई है।
महाराष्ट्र हाई कोर्ट का याचिका पर सुनवाई से इंंकार
मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक को अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े मादक पदार्थ के मामले में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करने के संबंध में निर्देश देने संबंधी जनहित याचिका पर बुधवार को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।
उच्च न्यायालय में मंगलवार को जनहित याचिका दाखिल करने वाले कौसर अली ने खुद को मौलवी और नशा करने वालों के पुनर्वास के लिए काम करने वाला व्यक्ति बताया है। अली ने उच्च न्यायालय से मलिक को एनसीबी या आर्यन खान मामले से जुड़ी किसी अन्य जांच एजेंसी और ऐसी एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह की बयानबाजी से जांच एजेंसियों का मनोबल गिरेगा और नशीली दवाओं के उपयोग को बढ़ावा। याचिकाकर्ता के वकील अशोक सरोगी ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए जनहित याचिका का उल्लेख किया। हालांकि, उच्च न्यायालय ने सरोगी को अगले सप्ताह अवकाशकालीन पीठ से संपर्क करने के लिए कहा, या एक नवंबर से शुरू होने वाली दिवाली की छुट्टियों के बाद नियमित अदालतों के फिर से शुरू होने की प्रतीक्षा करने के लिए कहा।
मलिक के हाल के कुछ ट्वीट्स का हवाला देते हुए जनहित याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मंत्री लगातार ट्वीट कर रहे हैं और एनसीबी तथा उसके अधिकारी समीर वानखेड़े का ‘मनोबल’ तोड़ने का काम कर रहे हैं। याचिका में दावा किया गया है कि वानखेड़े की निगरानी में एनसीबी हाल के दिनों में ‘‘सबसे प्रभावी’’ एजेंसी साबित हुई है।