सोमवार, 8 मार्च 2021

हिमाचल: 1 दिन में 2 बार आया भूकंप, तीव्रता मापी

चंबा। हिमाचल के जिला चंबा में एक बार फिर धरती कांपी है। आज चंबा में दो बार भूकंप आया है। आज सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र चंबा में जमीन से 5 किलोमीटर अंदर था। इसके करीब 18 मिनट बाद एक बार फिर धरती कांपी। इस बार 3.5 तीव्रता का भूकंप आया है। इस बार भी भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर अंदर था। हालांकि, भूकंप के चलते किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। वहीं, दिन का समय होने और लोगों के कार्यों में व्यस्त रहने के चलते भूकंप के झटके महसूस भी नहीं जा सकें हैं। बता दें कि इस वर्ष चंबा जिला मेें पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं।

जापान में बच्चे पैदा करने का नहीं है दंपतियों को शौक

टोक्यो। क्या आप जानते हैं, कि एक देश ऐसा भी है। जहां पैदा होने वाले बच्चों से ज्यादा पालतू जानवरों की रजिस्ट्रेशन हो रही है। जापान उन देशों में शुमार है। जहां की आबादी का एक बड़ा तबका बूढ़ा है। ऐसे में जन्म दर कम होने के बीच लोग अब कुत्ते-बिल्लियां पाल रहे हैं यानि जापान में बच्चों से ज्यादा पालतू जानवरों  की रजिस्ट्रेशन हो रही है। इसके बारे में जनवरी में गोल्डमैन सैशे ने पता लगाया था। यहां कंपनी ने गौर किया तो पता चला कि जापान में बच्चों की जगह अब पालतू जानवर ले चुके हैं। बिजनेस इनसाइडर में कंपनी की इस रिपोर्ट का हवाला दिया गया है कि कैसे जापान में जानवर बच्चों को रिप्लेस कर रहे हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में जापान में 15 साल के लगभग 16.5 मिलियन बच्चे थे, जबकि पालतू पशुओं कुत्ते-बिल्लियों की संख्या 21.3 मिलियन थी। कहा गया कि जापान में अब पालतू जानवर बच्चों की जगह लेते जा रहे हैं और दंपतियों में भी संतान पैदा करने की रुचि भी कम हुई है। रोचक बात यह है कि जापान में अगर कोई किसी जानवर को पालता है तो उस जानवर का मालिक उसे विदेश यात्रा पर ले जाता है। आपको बता दें कि जापान में पालतू जानवर की रजिस्ट्रेशन जरूरी है। बीते कुछ सालों में जापान में बच्चों से ज्यादा पालतू पशुओं के पहचान पत्र बने हैं। दरअसल ऐसा माना जाता है कि जापानी लोग अपने काम के प्रति दीवाने होते हैं। जापान में कर्मचारी इतनी कम छुट्टियां लेते हैं कि कंपनियों ने ऐसा नियम बना दिया कि हर कर्मचारी को सालाना कम से कम 14 दिनों की छुट्टियां लेनी ही होगी ताकि उनकी मेंटल हेल्थ दुरूस्त रहे।

कोर ग्रुप की 2 दिवसीय बैठकों का हुआ समापन

चंडीगढ़। अखिल भारत और विदेशों के राष्ट्रवादियों द्वारा भारत की सुरक्षा, तिब्बत की आजादी व कैलाश  मानसरोवर की मुक्ति के लिये गठित विशुद्ध बौद्धिक संगठन भारत तिब्बत संवाद मंच के कोर ग्रुप की दो दिवसीय बैठक का पंचकुला हरियाणा में समापन हुआ। इस बैठक के मुख्य अतिथि हरियाणा लेबर वेलफ़ेयर बोर्ड के चेयरमेन अमरेंद्र सिंह थे। भारत तिब्बत संवाद मंच के अंतरराष्ट्रीय कन्वेनर तंज़ानिया से टी सत्यनारायण व अमेरिका से कर्मवीर सिंह विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस कार्यक्रम में तिब्बती यूथ कांग्रेस के वाईस प्रेसिडेंट लोमसंग तेरिंग व महामंत्री सोनम सेरिंग धर्मशाला से विशेष रूप से पधारे थे। उन्होंने अपने संबोधन में तिब्बत की आजादी के सपोर्ट के लिए भारत तिब्बत संवाद मंच की भूमिका की सराहना की। हरियाणा लेबर वेलफ़ेयर बोर्ड के चेयरमेन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए लक्ष्य के प्रति प्रभु हनुमान से सीख लेनी चाहिये। कार्यक्रम के दौरान तिब्बती यूथ कांग्रेस के  पदाधिकारियों ने तिब्बती संस्कृति के अनुरूप  मंचासीन अतिथियों का भावपूर्ण स्वागत किया। बैठक के आरम्भ में अखिल भारतीय समन्वयक डॉक्टर संजय शुक्ला ने भारत तिब्बत संवाद मंच के गठन की आवश्यकता पर उद्देश्यपूर्ण शब्दों में प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत तथा वैश्विक स्थायी शान्ति के लिए तिब्बत का आजाद होना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर मंच की राष्ट्रीय महामंत्री मंगला गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए घरेलू उत्पादनों का उपयोग करना होगा। तभी हमारे किसान और छोटे व्यापारी वर्ग को हम अपने ही देश में समृद्ध बना सकते हैं और भारत को फिर से समृद्ध बनाने के लिए देश की जनता को स्वदेशी उत्पादन को अपनाना पड़ेगा। इसके लिए संवाद मंच स्वदेशी जनजागरण अभियान चलाकर लोंगो को जागरूक करने का काम करेंगी उसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। हरियाणा की प्रभारी पूजा पाण्डेय ने भी अपने स्वदेशी आंदोलन के विचारों को रखकर चाईना की आर्थिक कम्मर तोड़ चाईना को सबक सिखाने की बात कही थी। बैठक को  तेलंगाना व हैदराबाद के रीजनल कन्वेनर पी चंद्रशेखर, तंज़ानिया से पधारे पी सत्यनारायण ने भी संबोधित किया। इस बैठक को सम्बोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के अधिवक्ता जयेंद्र एस चंदेल ने कहा कि चीन का विरोध सम्पूर्ण भारत में जन आंदोलन बनना ही चाहिए तभी तिब्बत की आजादी का मार्ग प्रशस्त होगा। भोपाल से पधारे सुनील केहरी ने चीन को वैश्विक अतिक्रमणकारी बताते हुए यू एन ओ तक तिब्बत का मुद्दा नित्य उठाने की बात करते हुए गर्मजोशी से मंच का संचालन कर जोर दिया कि तिब्बत की आजादी के लिए  समय सीमा तय कर विचार विमर्श से प्रयास किया जाना चाहिए।बैठक को वीणा गुप्ता, अरुणाचल प्रदेश की यामक ड्यूपीट दोयम, राजस्थान की भारती वैष्णव, चंडीगढ़ से किशन भारद्वाज ने भी सम्बोधित किया।बैठक में चिंतन किया गया ताकि तिब्बत की आजादी का मुद्दा, चीन की बर्बादी का मुद्दा, हिंदुत्व का मुद्दा, राष्ट्रवाद का मुद्दा ललक्ष्योन्मुख दिशा पाता रहे और भारत तिब्बत संवाद मंच अपने विजन और मिशन के अनुरूप वैश्विक पटल पर अवश्य ही महति भूमिका अदा करे। भारत तिब्बत संवाद मंच पदाधिकारियों ने अपने उद्बोधन में धूर्त व कपटी चीन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर चलाये जा रहे भारत विरोधी अभियान, पाक समर्थित आतंकवादियों को समर्थन और देश की संप्रभुता पर हमले पर चिन्ता व्यक्त करते हुये केन्द्र सरकार द्वारा तिब्बत नीति घोषित करने व तिब्बत को पूर्ण गणराज्य की मान्यता देनें, कैलाश मानसरोवर, आक्साई चीन व पीओके को मुक्त कराने के संबंध संसद में लिये गये संकल्प को पुर्ण करने के लिए निर्णायक कदम उठाने, पूर्व माध्यमिक एवं माध्यमिक कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में दक्षिण एशिया व चीन गणराज्य के नक्शे में तिब्बत को स्वतंत्र देश दर्शाने के साथ ही उस पर चीन द्वारा कब्जे के वास्तविक इतिहास से छात्रों को अवगत कराने, तिब्बत की आजादी के आन्दोलन को पूर्ण समर्थन देने एवं चीनी उत्पादों पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाने की मांग उठायी।

चीनी राजनयिक के हिजाब को लेकर मचा बवाल

इस्लामाबाद/बीजिंग। पाकिस्तान में तैनात चीन के एक राजनयिक के हिजाब को लेकर किए गए ट्वीट पर बवाल मचा हुआ है। पाकिस्तान की धार्मिक पार्टियां ही नहीं कई आम लोगों ने भी इसकी शिकायत प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी विदेश कार्यालय में की है। लोगों ने इसे इस्लाम और हिजाब पर हमला बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि चीन पहले से ही शिनजियांग में मुस्लिमों के ऊपर भारी अत्याचार कर रहा है, लेकिन दुनियाभर में इस्लाम की ठेकेदारी करने वाले इमरान खान के मुंह से कभी एक शब्द भी नहीं निकला है। दरअसल, दो दिन पहले पाकिस्तान में स्थित चीनी दूतावास के काउंसलर और डॉयरेक्टर जेंग हेक्विंग ने चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग की एक लड़की के डांस का वीडियो ट्वीट किया था। जिसके कैप्शन में उन्होंने इंग्लिश और चाइनीज में लिखा कि अपना हिजाब उठाओ, मुझे तुम्हारी आंखें देखने दो। उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि चीन के अधिकतर लोग शिनजियांग के इस गाने को गाना चाहेंगे।

चीन पहले ही उइगर मुसलमानों का जबरन नसबंदी और गर्भपात करवा रहा है। शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में पिछले चार साल से चलाए जा रहे अभियान को कुछ विशेषज्ञ एक तरह से ‘जनसांख्यिकीय नरसंरहार’ करार दे रहे हैं। इंटरव्यू और आंकड़े दिखाते हैं कि यह प्रांत अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने को कहता है, उन्हें अंतर्गर्भाशयी उपकरण लगवाने के अलावा नसबंदी करवाने और लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर करता है।

हालांकि चीनी नेता इसका खंडन करते हैं। वे इस डिटेन्शन कैंप्स को व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताते हैं। चीन सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी शिनजियांग में 2014 से 2019 तक 415,000 उइगर मुस्लिमों को कैद कर रखा गया था। इनमें से कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें एक से ज्यादा बार कैद किया गया है। कुल मिलाकर अभी 80 मिलियन से ज्यादा लोग चीन के डिटेंशन कैंप्स में कैद हैं।

उइगर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर अभी तक किसी भी मुस्लिम देश ने चीन का खुलकर विरोध नहीं किया है। दुनियाभर के मुसलमानों के कथित मसीहा सऊदी अरब, तुर्की और पाकिस्तान के मुंह से उइगरों को लेकर आज तक एक शब्द नहीं निकला है। ये सभी देश इस मामले में पड़कर चीन की दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहते। जबकि, धरती के दूसरे किसी भी हिस्से में मुसलमानों को लेकर इनका रवैया एकदम सख्त रहता है।

स्विट्जरलैंड ने भी बुर्का पहनना किया प्रतिबंधित

बर्न। फ्रांस, बेल्जियम और ऑस्ट्रिया के बाद अब स्विट्जरलैंड ने भी सार्वजनिक जगहों पर मुस्लिम महिलाओं के हिजाब और बुर्के से चेहरा ढंकने पर पाबंदी लगा दी है। स्विट्जरलैंड में इसको लेकर जनमतसंग्रह कराया गया था। जिसमें 51 प्रतिशत वोटरों ने बुर्का प्रतिबंधित करने के पक्ष में वोट किया था। इस प्रस्ताव के मंजूर होने के बाद रेस्त्रां, खेल के मैदानों, सार्वजनिक परिवहन साधनों या सड़कों पर चलते समय चेहरा ढंकने पर पाबंदी लग जाएगी। हालांकि, स्विट्जरलैंड की संसद और देश की संघीय सरकार का गठन करने वाली सात सदस्यीय कार्यकारी परिषद ने इस जनमत संग्रह प्रस्ताव का विरोध किया।हालांकि, धार्मिक स्थलों पर जाते समय चेहरा ढंकने और स्वास्थ्य कारणों, जैसे कि कोविड-19 से बचाव के दौरान मास्क पहनने की छूट रहेगी। सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने की छूट होनी चाहिए या नहीं, इस बात का फैसला करने के लिए जनमत संग्रह का सहारा लिया गया। जिसपर स्विट्जरलैंड की जनता ने 7 मार्च को वोट किया था। बता दें कि इससे पहले फ्रांस ने साल 2011 में ही चेहरे को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनने पर बैन लगा दिया था। वहीं डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड और बुल्गारिया में भी सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर पाबंदी है।

कुंडली बॉर्डर: प्रदर्शन में शामिल व्यक्ति ने की फायरिंग

राणा ओबराय   

चंडीगढ़। कृषि कानूनों के खिलाफ 102 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों ने कई बार पुलिस की सख्ती और स्थानीय लोगों का विरोध झेला है। लेकिन कुंडली बॉर्डर धरनास्थल पर देर रात जो हुआ उससे किसान खासे दहशत में हैं। दरअसल, कुंडली बॉर्डर धरनास्थल पर देर रात किसानों पर फायरिंग की गई। हालांकि फायरिंग में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। जानकारी के अनुसार किसानों पर तीन राउंड फायरिंग की गई। प्रदर्शनकारी किसानों पर चंडीगढ़ नंबर की गाड़ी में पहुंचे कुछ युवकों ने फायरिंग करते हुए कहा कि वह पंजाब के रहने वाले हैं। इस घटना पर आंदोलनरत अन्नदाताओं का कहना है कि ऐसा करके पंजाब और हरियाणा का भाईचारा बिगाड़ने की साजिश रची गई है। किसानों का कहना है कि पंजाब से कुछ युवक कल रात कुंडली बॉर्डर आए थे। जब ये लोग वहां पहुंचे तो लंगर चल रहा था। आरोपी युवकों ने लंगर खाया और फिर पानी को लेकर इनका अन्य लोगों से झगड़ा हो गया। गुस्से में इन लोगों ने वहां मौजूद लोगों पर गोली चला दी। हालांकि गनीमत रही कि यह गोली किसी को नहीं लगी। इसके बाद से ये युवक फरार हैं। वहीं कुंडली एसएचओ रवि ने मौके पर पहुंचकर जांच की और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गाड़ी का नंबर देखकर आरोपियों का पता लगाने में पुलिस जुटी हुई है। जिससे आरोपियों को जल्द पकड़कर घटना के बारे में पता किया जा सके। कुंडली बॉर्डर पर चल रहे धरने के दौरान सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला किसान दिवस मनाया जाएगा। धरने की कमान महिलाओं के हाथों में रहेगी। मंच पर सिर्फ महिलाएं रहेंगी और संचालन करने के साथ संबोधन भी करेंगी। इसके लिए हरियाणा व पंजाब से ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को कुंडली बॉर्डर पर पहुंचने का आह्वान किया गया है।

इधर, किसान आंदोलन की वजह से 27 जनवरी से लगातार बंद चल रहे हरियाणा-दिल्ली के झाड़ोदा बॉर्डर को दिल्ली पुलिस ने खोल दिया। इससे राहगीरों को बहुत राहत मिली है।

भारत से हार, इंग्लैंड के खिलाड़ी लें जिम्मेदारी: हुसैन

नई दिल्ली/ लंदन। इंग्लैंड को चार मैचों की टेस्ट सीरीज हराने वाली भारतीय टीम की इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने जमकर तारीफ की है। उन्होंने हार का ठीकरा इंग्लैंड के खिलाड़ियों पर फोड़ते हुए कहा कि भारत मैदान में हर क्षेत्र में आगे रही। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के खिलाड़ियों को इस हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। भारत ने अहमदाबाद में खेले गए सीरीज के आखिरी और चौथे टेस्ट में शनिवार को मेहमान टीम को एक पारी और 25 रनों से मात दी। स्पिनरों ने एक बार फिर इंग्लैंड के खिलाड़ियों को सस्ते में निपटाया। अश्विन और अक्षर ने दूसरी पारी में 5-5 विकेट लिए। हुसैन ने हार के लिए इंग्लैंड के खिलाड़ियों को दोषी ठहराया और भारतीय स्पिनरों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा,” हार के लिए इंग्लैंड के पास कोई बहाना नहीं हो सकता है। उन्होंने तीन-चार अलग-अलग जगहों पर खेला। चार में से तीन टॉस जीते। वो परिस्थितियों को नहीं भांप पाए। पहले टेस्ट के बाद वो पहले 300 रन से फिर 10 विकेट से और अब एक पारी से हारे। हुसैन ने स्काई स्पोर्ट्स के लिए लिखे कॉलम में ये बातें कही। भारत ने उन्हें पूरी तरह से गेम से दूर रखा। स्पिनरों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया वो बिल्कुल अलग लीग दिखे।

आंदोलन: यूपी गेट पर मनाया गया 'महिला दिवस'

अश्वनी उपाध्याय   

गाजियाबाद। सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली की अन्य सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। सर्दी के मौसम में शुरू हुआ किसान आंदोलन अब गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है। आंदोलन को अब 100 दिन से अधिक हो चुके हैं। आंदोलन में महिलाएं भी बखूबी अपनी भूमिका निभाती नजर आ रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर गाजीपुर बॉर्डर का मंच महिलाएं संभाल रही हैं। मंच से आज संबोधन भी महिलाएं करेंगी और अनशन पर जो किसान बैठते हैं, उसमें भी महिलाएं ही अपनी भागीदारी निभाएंगी। 17 महिलाएं अनशन पर बैठीं है। महिलाओं ने हाथों पर इंकलाबी मेहंदी रचाई है साथ ही हाथों पर मेहंदी से कृषि यंत्र के चित्र भी बनाए हैं। महिलाओं का कहना है कि घर की किचन से लेकर बच्चों की पढ़ाई और आंदोलन को पूरे तालमेल से संभाला जा रहा है। आधी आबादी आज अपना हक चाहती है। मंच पर मौजूद महिला रवनीत कौर ने कहा मेहंदी सिर्फ सौंदर्य करण का साधन नहीं है। आंदोलन में मौजूद महिलाओं ने आज अपने हाथों पर इंकलाबी मेहंदी लगाकर अपने हक की आवाज उठाने की कोशिश की है। महिलाओं ने हाथों पर मेहंदी से किसानों एकता और आंदोलन के इंकलाब नारे लिखे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारी उत्साह

अश्वनी उपाध्याय

 गाजियाबाद। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं में खासा उत्साह एवं आत्मविश्वास देखा गया। हॉस्पिटल की निदेशक उपासना अरोड़ा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अपने सभी महिला डॉक्टरों एवं महिला स्टाफ को बधाई दी एवं हॉस्पिटल के विभिन्न विभागों की महिलाओं ने इस दिवस पर कोरोना पर विजय की मुद्रा में फोटो खिंचा। इस अवसर पर उपासना अरोड़ा ने कहा कि पहले हमें कोविड-19 से निपटने की चुनौती थी और हम उस चुनौती को शहर से स्वीकार करते हुए उस से लड़ते रहे और 6000 से ज्यादा कोविड-19 के मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया। आप जब कि हमें कोविड-19 के टीकाकरण की जिम्मेदारी दी गई है हमारी टीम उसे पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन कर रही है और हम तब तक दृढ़ता से डटे रहेंगे जब तक इस देश से कोरोना का एक-एक केस खत्म नहीं हो जाता। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त महिलाओं से ज्यादा से ज्यादा कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए आग्रह किया।

गाजियाबाद में मनाया गया 'सड़क सुरक्षा सप्ताह'

अश्वनी उपाध्याय   

गाजियाबाद। सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत आज गुलमोहर गार्डन सोसाइटी मे फेडरेशन आफ गाज़ियाबाद के संरक्षक आलोक कुमार की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा के लिए एक कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एसपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा सहित, सीएफओ सुनील कुमार तिवारी, राजनगर एक्सटैन्शन के पार्षद संजीव त्यागी, मोरटा चौकी इंचार्ज महक सिंह बाल्यान आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी को सड़क पर चलने के नियम समझाना, सभी को सुरक्षा की नियम बताना था। गुलमोहर के निवासियों ने भी आसपास के क्षेत्र में आए दिन आने वाली समस्याओं से अवगत कराया। महिलाओं के और से रेनू सिंह ने अपनी समस्याओं को रखा। विपरीत दिशा में वाहन चलाने, गलत जगह पार्किंग करने की समस्या को स्वयं एस पी ट्रैफिक ने नोट कर उपयुक्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।

रेट के हिसाब से लेगा नगर निगम दुकानों का किराया

अश्वनी उपाध्याय   

गाज़ियाबाद। जिलें के नागरिकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं देने के प्रयास बढ़ाने के साथ-साथ नगर निगम ने अपनी आय बढ़ाने के साधनों की खोज शुरू कर दी है। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर द्वारा कराई गई जांच में पता चला है कि पिछले 20 सालों से नगर निगम ने अपनी दुकानों का किराया नहीं बढ़ाया है। जबकि, मार्केट के हिसाब से किराया कई गुना बढ़ चुका है। ऐसे में निगम ने सर्किल रेट के हिसाब से ही किराया वसूलने का मन बना लिया है। यही नहीं, ऐसी दुकानों से निगम प्रीमियम भी लेगा जो दुकानें अब मूल आवंटियों के पास नहीं हैं। इसके लिए निगम ने सर्वे शुरू कर दिया है और 1279 में से करीब 650 दुकानों पर नंबरिंग भी कर दी है। आपको बता दें कि कविनगर, विजयनगर, वसुंधरा, मोहननगर और सिटी जोन में निगम की 1279 दुकानें हैं। करीब दो दशकों से इन दुकानों का किराया नहीं बढ़ाया गया है। अभी भी इन दुकानों का किराया एक हजार से दो हजार तक है। जबकि, इन्हीं बाजारों में निजी दुकानों का किराया 10 से 20 हजार रुपये तक है। ऐसे में नगर निगम अब इन दुकानों का किराया बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। नगर निगम दुकानों के किराये में पारदर्शिता लाने के लिए सर्किल रेट और जिला प्रशासन की ओर से तय की गई किराया दर को आधार बनाएगा।2014 में शहर में 450 रुपये प्रति वर्ग मीटर की किराया दर थी। नगर निगम अब जिला प्रशासन से 2020 की नई किराया दर लेगा। इसके आधार पर किराया निर्धारण किया जाएगा।

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित  सरस्वती उपाध्याय  हिंदू धर्म में, चंद्रघंटा देवी महादेवी का तीसरा नवदुर्गा रूप है।...