शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
29 मार्च और 21 सितंबर को लगेगा 'चंद्र ग्रहण'
मंगलवार, 3 सितंबर 2024
18 सितंबर को लगेगा साल का दूसरा 'चंद्र ग्रहण'
बुधवार, 17 जुलाई 2024
राशि वृश्चिक पर संचार करने वाले हैं 'चंद्रमा'
शनिवार, 13 जुलाई 2024
16 को ग्रहों के राजा सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे
रविवार, 7 अप्रैल 2024
54 साल बाद पूर्ण सूर्य ग्रहण, भारत में नहीं दिखेगा
शनिवार, 6 अप्रैल 2024
सूर्य ग्रहण आने से पहले सूरज में शांति देखी
सोमवार, 1 अप्रैल 2024
6 अप्रैल को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे 'शनि'
रविवार, 18 फ़रवरी 2024
ज्योतिष: होली के दिन लगेगा पहला 'चंद्र ग्रहण'
सोमवार, 5 फ़रवरी 2024
8 अप्रैल को लगेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण: नासा
रविवार, 22 अक्तूबर 2023
28 अक्तूबर को लगेगा साल का अंतिम 'चंद्रग्रहण'
सोमवार, 9 अक्तूबर 2023
14 को दूसरा सूर्य ग्रहण, शनि का नक्षत्र परिवर्तन
मंगलवार, 3 अक्तूबर 2023
प्रोटोटाइप ब्लूवॉकर 3 उपग्रह का प्रभाव, चिंता
प्रोटोटाइप ब्लूवॉकर 3 उपग्रह का प्रभाव, चिंता
इकबाल अंसारी/सुनील श्रीवास्तव
नई दिल्ली/लंदन। पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे बड़े उपग्रहों के समूहों ने खगोलविदों की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि ये रात के समय आकाश में तारों का अवलोकन की उनकी क्षमता को बाधित कर सकते हैं। वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने नेचर पत्रिका में एक शोधपत्र प्रकाशित किया है, जिसमें खगोल विज्ञान पर प्रोटोटाइप ब्लूवॉकर 3 उपग्रह के प्रभाव का विवरण दिया गया है। इस टीम में इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
ब्लूवॉकर 3 एक प्रोटोटाइप उपग्रह है, जो इसका स्वामित्व रखने वाली कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल द्वारा नियोजित उपग्रह समूह का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दुनिया में कहीं भी मोबाइल या ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करना है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ब्लूवॉकर 3 के अवलोकन से पता चला है कि यह रात के आकाश में सबसे चमकदार वस्तुओं में से एक था, जिसकी चमक ने सभी चमकदार तारों की चमक को फीका कर दिया। दुनिया भर में कई कंपनियों ने ऐसे उपग्रह तारामंडल की परिकल्पना की है।
पृथ्वी के करीब इनकी स्थिति और अपेक्षाकृत बड़े आकार के कारण, रात के समय आकाश के अवलोकन को बाधित करने की इनकी क्षमता अधिक है तथा यही कारण है कि खगोलविद इन नक्षत्रों, या उपग्रहों के समूहों के बारे में चिंता जता रहे हैं। इंपीरियल कॉलेज में भौतिकी विभाग के डेव क्लेमेंट्स ने कहा, "रात का आकाश एक अनोखी प्रयोगशाला है जो वैज्ञानिकों को ऐसे प्रयोग करने की अनुमति देता है जो स्थलीय प्रयोगशालाओं में नहीं किए जा सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्राचीन समय का रात्रि आकाश भी मानवता की साझा सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे बड़े पैमाने पर समाज एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाना चाहिए।’’ सितंबर 2022 में ब्लूवॉकर 3 के प्रक्षेपण के कुछ हफ्तों के भीतर किए गए अवलोकन से पता चला कि उपग्रह आकाश में सबसे चमकदार वस्तुओं में से एक था।
खगोलविदों ने कहा कि उपग्रह तारामंडल दुनिया भर में संचार में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन खगोलीय अवलोकनों में इनका हस्तक्षेप ब्रह्मांड की समझ में वैज्ञानिकों की प्रगति को गंभीर रूप से बाधित कर सकता है। उन्होंने अपने शोधपत्र में कहा कि इसलिए इन उपग्रह तारामंडल की तैनाती इनके दुष्प्रभावों पर उचित विचार करते हुए और खगोल विज्ञान पर इनके प्रभाव को कम करने के प्रयासों के साथ की जानी चाहिए।
मंगलवार, 27 जून 2023
गुरु पूर्णिमा पर कई राशियों को मिलेगा लाभ
गुरु पूर्णिमा पर कई राशियों को मिलेगा लाभ
सरस्वती उपाध्याय
कहते है कि यदि कुंडली में गुरु उच्च और प्रबल स्थान पर हैं, तो हमें कार्यों में सफलता, यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है और अगर गुरू पूर्णिमा पर गुरू की पूजा की जाए तो बड़ा फल प्राप्त होगा। खास बात ये है कि इस दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था, तभी से इस दिन गुरू पुर्णिमा मनाई जाती है। हर साल आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। इस साल गुरू पूर्णिमा 3 जुलाई को पड़ रही है और इस दिन 3 बड़े संयोग भी बन रहे है, जिससे कई राशियों को लाभ मिलेगा।
एक साथ बनेंगे 3 योग
ज्योतिष के मुताबिक, गुरु पूर्णिमा वाले दिन ब्रह्म योग, इंद्र योग और बुधादित्य राजयोग बन रहा है। इन शुभ योग में गुरुओं दीक्षा लेना शुभफलदायी होगा। गुरु की चरण वंदना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी और सफलता मिलेगी।ब्रह्म योग 02 जुलाई 2023 को रात 07.26 से 03 जुलाई 2023 दोपहर 03.45 रहेगा।इंद्र योग – 03 जुलाई 2023 से दोपहर 03.45 से 04 जुलाई 2023 सुबह 11.50 तक रहेगा। बुधादित्य योग भी बनेगा क्योकि 24 जून को बुध का मिथुन राशि में प्रवेश हो गया है, ऐसे में सूर्य पहले से ही मिथुन राशि में विराजमान हैं, ऐसे में इन ग्रहों की युति से बुधादित्य राजयोग बन रहा है।
गुरु पूर्णिमा तिथि 2023
हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक इस वर्ष 2 जुलाई को शाम 6 बजकर 2 मिनट पर आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी। जिसका समापन 3 जुलाई को रात 11 बजकर 8 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा का त्योहार 3 जुलाई को मनाया जाएगा।
मिथुन राशि : गुरू पूर्णिमा मिथुन राशि वालों के लिए बेहद शुभ रहने वाली है। मिथुन राशि वालों को करियर में सफलता मिलेगी। बैंक बैलेंस बढ़ेगा। पारिवारिक समस्या से मुक्ति मिलेगी। आपको शुभ समाचार भी प्राप्त हो सकता है।
सिंह राशि : गुरू पूर्णिमा का दिन जातकों के लिए बेहद अच्छा रहने वाला है। सिंह राशि के जातकों को धन लाभ हो सकता है। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। कार्यस्थल में शुभ समाचार मिलने की प्रबल संभावना है। नया काम शुरू करने के लिए अच्छा समय है।
शुक्रवार, 16 जून 2023
ज्योतिष: 139 दिनों तक उल्टी चाल चलेंगे 'शनिदेव'
ज्योतिष: 139 दिनों तक उल्टी चाल चलेंगे 'शनिदेव'
सरस्वती उपाध्याय
30 साल के बाद यानी 3 दशक के बाद 3 राशियों की जिंदगी में गोल्डन टाइम शुरू होने जा रहा है। यह गोल्डन टाइम 17 जून 2023 से शुरू होकर 4 नवंबर 2023 तक रहेगा। शनिदेव 139 दिनों तक उल्टी चाल चलेंगे, जिसे ज्योतिष की भाषा में वक्री हो जाना कहते हैं। शनिदेव जब उल्टी चाल चलेंगे तो 3 राशियों, सिंह राशि, वृश्चिक राशि और कुंभ राशि वालों की झोली भर देंगे।
शनि देव को हमारे ज्योतिष में और नवग्रहों में एक प्रमुख स्थान हासिल है। इन्हें न्याय का देवता और कर्म का कारक माना जाता है। शनिदेव एक ऐसे ग्रह हैं, जो हमारे कर्मों के मुताबिक हमें फल देते हैं। ऐसा माना जाता है कि शनि देव जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसे रंक से राजा बना देते हैं और जिन पर उनकी क्रूर दृष्टि पड़ती है, उस व्यक्ति की मुसीबतें बढ़ जाती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि हमारे इसी जीवन में शनि हमारे कर्मों के मुताबिक हमें फल देते हैं।
यही शनि देव 17 जून 2023 को रात 10:48 पर वक्री हो जाएंगे यानी उल्टी चाल चलने लगेंगे। 139 दिन उल्टी चाल चलने के बाद शनि देव इसी साल 4 नवंबर 2023 को सुबह 8:26 पर फिर से मार्गी हो जाएंगे यानी सीधी चाल चलने लगेंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सभी 9 ग्रहों में शनि का गोचर विशेष महत्व रखता है। शनि देव सबसे धीमी चाल से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। शनि अढ़ाई साल के बाद अपनी राशि बदलते हैं और सभी 12 राशियों के भ्रमण में वह 30 साल का समय लगाते हैं। इनकी महादशा 19 साल तक चलती है। शनि एक राशि में अढ़ाई साल रहते हैं और इसी बीच कुछ महीनों के लिए वह उल्टी चाल भी चलते हैं। शनिदेव जब अपनी चाल बदलते हैं, उदय होते हैं, अस्त होते हैं ,वक्री अवस्था में होते हैं और फिर मार्गी अवस्था में आते हैं तो जहां कई राशियों को राहत देते हैं, वहीं कई राशियों की जिंदगी में उथल-पुथल भी मचा देते हैं।
17 जून को शनि अपनी ही राशि कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं। उनके कुंभ राशि में वक्री होने से शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। वैदिक ज्योतिष में इसे बेहद ही शुभ योग माना गया है। इस दौरान इस राजयोग से 3 राशि वालों को विशेष रूप से लाभ होगा। इस अवधि में इन राशि वालों को धन लाभ और मान-सम्मान की प्राप्ति हो सकती है।शनिदेव की चाल से 3 राशि वालों का गोल्डन पीरियड शुरू हो जाएगा और इनमें पहली भाग्यशाली राशि सूर्य की सिंह राशि है। सिंह राशि वालों को लंबे समय के बाद कोई खुशखबरी मिलने जा रही है।
शश राजयोग सिंह राशि वालों के लिए अनुकूल रहने वाला है। शनि देव इस राशि के सप्तम भाव में भ्रमण करने जा रहे हैं। ऐसे में आपको आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। इस समय परिवार और सभी सदस्यों के साथ अच्छे संबंध बनेंगे। अविवाहित लोगों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। वैवाहित लोगों का जीवन अच्छा बितेगा। आजीविका में भी इस समय सुधार होगा। अगर आप कोई काम शुरू करने की सोच रहे हैं, पार्टनरशिप में काम शुरू किया जा सकता है। कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत हासिल कर सकते हैं।
सिंह राशि के लोग अपनी मेहनत और लगन से अच्छा नाम और पैसा कमाने में कामयाब रहेंगे। आपकी संपत्ति में भी इजाफा होगा और पैतृक संपत्ति भी हासिल हो सकती है। पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। समाज में मान सम्मान बढ़ेगा और कैरियर में तरक्की होगी। आपकी नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगी।
दूसरी राशि जिसका गोल्डन पीरियड शुरू होने वाला है, वह चंद्रमा की वृश्चिक राशि है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के वक्री करने से बनने वाला शश राजयोग वृश्चिक राशि वालों के लिए भी अनुकूल परिणाम ला सकते है। आर्थिक और प्रॉपर्टी के मामलों में लाभ होगा। बता दें कि शनि आपकी राशि के चतुर्थ भाव में गोचर कर रहे हैं। इस दौरान आप वाहन या प्रॉपर्टी आदि खरीद सकते हैं। पैतृक संपत्ति से इस अवधि में लाभ हो सकता है। मां का सहयोग प्राप्त होगा। रियल स्टेट, जमीन-जायदाद और शनि ग्रह से संबंधित काम करने वाले लोगों के लिए भी ये समय बेहद शुभ रहेगा।
आपके जीवन में शांति, सुख और समृद्धि लेकर आएगा। आपको अपार धन लाभ भी होगा। आप अपना पैसा बचाने में भी कामयाब रहेंगे। परिणाम स्वरूप आपके बैंक बैलेंस में बढ़ोतरी होगी। कैरियर में अच्छा मुकाम हासिल होगा। आपकी टैलेंट की सराहना होगी। कार्यक्षेत्र में आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों का पूरा सहयोग मिलेगा। व्यापारियों को अपने काम में खूब मुनाफा होगा। परिवार में खुशहाली का माहौल बनेगा। भाग्य के दरवाजे खुल जायेंगे। आपके व्यवहार और आचरण से लोग आपकी तरफ आकर्षित होंगे और आपकी फैन फॉलोइंग भी बढ़ेगी।
तीसरी भाग्यशाली राशि कुंभ राशि है, जिसमें शनिदेव वक्री होने जा रहे हैं और जिसमें शश योग का निर्माण होने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के व्रकी करने से कुंभ राशि वालों को विशेष लाभ दिलाने वाला है। इस दौरान इस राशि के जातक बहुत भाग्यशाली सिद्ध होंगे। बता दें कि शनि कुंभ राशि के लग्न भाव में वक्री करने जा रहे हैं और इसी राशि के स्वामी ग्रह हैं। ऐसे में इस अवधि में व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार देखने को मिलेगा। नेतृत्व क्षमता में बढ़ोतरी होगी। काफी लंबे समय से रुके हुए काम इस अवधि में पूरी होंगे। इस अवधि में जीवनसाथी की तरक्की हो सकती है। पार्टनरशिप में काम कर रहे हैं, तो सफलता मिलेगी।
कुंभ राशि के लोग अपने कैरियर में एक नई उड़ान भर सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं का मौका मिल सकता है और विदेश में स्थायी रूप से रहने का भी मौका मिल सकता है। मेष राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में पदोन्नति, सहकर्मियों और वरिष्ठों से सराहना भी मिल सकती है। व्यवसाय करने वाले जातकों को व्यापक रूप से लाभ हो सकता है। अगर आपको बिजनेस में इन्वेस्टमेंट करने की सोच रहे हैं तो इस समय करना बहुत शुभ रहेगा। इसके साथ ही समाज में मान-सम्मान और पद प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।
गुरुवार, 18 मई 2023
विशेष: आज मनाई जाएगी शनि जयंती, जानिए
विशेष: आज मनाई जाएगी शनि जयंती, जानिए
सरस्वती उपाध्याय
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्म प्रधान का देवता माना जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक साल के ज्येष्ठ माह के कृष्ण-पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग भगवान शनिदेव की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं। इस साल शनि जयंती 19 मई को मनाई जाएगी।
इतना ही नहीं, शनि की उपासना करने से साढ़ेसाती शनि ग्रह का दोष से मुक्ति भी मिलती है। आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे, कि किन राशियों पर शनिदेव की अपार कृपया रहेगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम के मुताबिक भगवान शनि एक ऐसे देवता हैं, जो तिलक पहले करते हैं और राजा बाद में बनाते हैं। शनि जयंती पर कुछ राशि के जातकों के लिए सर्वाधिक लाभ होने वाला है। जैसे मकर राशि, तुला राशि के जातक, मेष राशि के जातक और मिथुन राशि के जातक पर शनि जयंती के दिन भगवान शनि देव की अपार कृपया रहेगी।
शनि जयंती के दिन ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं। ऐसी स्थिति में मिथुन राशि के जातकों के लिए मान सम्मान बढ़ेगा। समाज में कद ऊंचा होगा। लंबे समय से अटके हुए काम जल्द पूरा होंगे। धन का लाभ होगा। नौकरी और व्यवसाय के क्षेत्र में पदोन्नति होगी।
गुरुवार, 4 मई 2023
ज्योतिष: आज लगेगा साल का पहला 'चंद्र ग्रहण'
ज्योतिष: आज लगेगा साल का पहला 'चंद्र ग्रहण'
सरस्वती उपाध्याय
सूर्य ग्रहण के बाद साल का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को लगने जा रहा है। साल का यह पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लगेगा। इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर लगने वाले इस चंद्र ग्रहण पर 130 वर्षों बाद दुर्लभ संयोग बनेगा, दरअसल 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण दोनों का संयोग बन रहा है। आपको बता दें कि 15 दिनों के अंतराल पर यह साल 2023 का दूसरा ग्रहण होगा। इसके पहले 20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था। इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सका था।
अब बुद्ध पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्रग्रहण लगेगा। यह ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। जिसमें चांद की सतह पर धूल भरी आंधी के रूप में नजर आएगा। साल का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 5 मई को रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगा। जो आधी रात को यानी 1 बजकर 1 मिनट तक चलेगा। ग्रहण का उच्चतम काल रात 10 बजकर 52 मिनट पर होगा।
धार्मिक नजरिए से जब भी उपच्छाया चंद्रग्रहण लगता है तो इसको ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के होने पर ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है जबकि चंद्र ग्रहण होने पर 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ काम और पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। सूतक की समाप्ति के बाद ही सभी तरह के धार्मिक कार्य दोबारा से शुरू होते हैं।
आइए जानते हैं साल के पहले चंद्र ग्रहण का समय, सूतककाल और इसे कहां-कहां पर देखा जा सकेगा। खगोल विज्ञानियों के अनुसार साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के ज्यादातर हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा। जहां तक भारत में इस चंद्र ग्रहण के दिखाई देने का मामला है तो ज्यादातर खगोल शास्त्र के जानकारों और हिंदू पंचांग की गणनाओं के आधार पर यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। लेकिन टाइम एंड डेट डॉट काम के अनुसार भारत के कुछ हिस्सों में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है।
साल का पहला चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो तब ये तीनों एक सीधी लाइन में कुछ देर के लिए आ जाते हैं। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। जब पृथ्वी की परछाई सीधी चंद्रमा पर न पड़े तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं।
शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023
किन राशियों पर रहेगी 'शनि' की कृपा, जानिए
किन राशियों पर रहेगी 'शनि' की कृपा, जानिए
सरस्वती उपाध्याय
शनि के कुंभ राशि में होने से शश महायोग का निर्माण होने जा रहा है। इसका बड़ा लाभ कुछ राशियों को मिलने वाला है। आइए जानते हैं, कि किन राशियों पर शनि की कृपा रहेगी। ज्योतिष शास्त्र में शनि को सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। शनि को हमेशा संकट के ग्रह के रूप में देखा जाता है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. कई ऐसे शनि योग हैं, जो व्यक्ति रंक से राजा बना देते हैं। इन्हीं में से एक है शश महापुरुष योग...!
अगर शनि, मकर, कुंभ या तुला राशि के केंद्र में स्थित हो और लग्न बलवान हो तो शश योग का निर्माण होता है। यह एक तरह का राजयोग है। 17 जनवरी को शनि का कुंभ राशि में गोचर हुआ था। अगले ढाई साल तक शनि कुंभ राशि में रहेंगे। शनि के कुंभ राशि में होने से शश महायोग का निर्माण होने वाला है। इसका बंपर लाभ कुछ राशियों को मिलने वाला है।
वृषभ- इस राजयोग से वृषभ राशि वालों को विशेष लाभ मिलने वाला है। शनि की कृपा से आपके जीवन में अच्छे परिवर्तन आने के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। जीवन की कुछ परेशानियों से आपको हमेशा के लिए निजात मिल सकेगी. इस योग से आपको कहीं से आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। आपकी सेहत अच्छी रहेगी और इस दौरान आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा।
मिथुन- इस योग से मिथुन राशि वालों के जीवन में कई अच्छे परिवर्तन आने के पूरे योग बनते दिखाई दे रहे हैं। आप कई सामाजिक कार्य में भी अधिक बढ़-चढ़कर भाग लेंगे, जिससे समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। परिजनों के साथ किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। पदोनत्ति के लिहाज से आपको कई बड़े अवसर मिलने वाले हैं। आपके शादीशुदा जीवन में चल रहा हर प्रकार का तनाव भी दूर होगा।
सिंह- इस योग के प्रभाव से सिंह राशि के जातकों को कम मेहनत में भी अच्छे परिणाम हासिल होंगे। छात्र इस दौरान जो भी परीक्षा को देंगे, उसमें आपको अच्छे अंक प्राप्त होंगे। शश योग आपको कार्यक्षेत्र में बड़ी सफलता दिलाएगा। इस दौरान आप भूमि, भवन संबंधी कार्यों में सफलता हासिल करेंगे। जो लोग किसी व्यापार से जुड़े हैं, उन्हें भी इस दौरान कोई बड़ी डील मिल सकती है।
तुला- इस योग का प्रभाव तुला राशि वालों के कार्यक्षेत्र में दिखाई देगा। आप जो भी काम करेंगे उसमें आपको सफलता हासिल होगी। राजनीतिक से जुड़े लोग इस योग से शीर्ष पदों तक पहुंच सकते हैं। यह समय आपके लिए आर्थिक लाभ लेकर आया है। इस दौरान आपको करियर में कई नए अवसर मिलने की संभावना है, जो छात्र विदेश जाकर पढ़ाई करने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए यह समय विशेष फलदायी साबित होगा।
कुंभ- आपकी सेहत में पहले से काफी सुधार होंगे और आप खुद में सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे। इस योग के परिणाम से आपके आर्थिक जीवन में भी पहसे से सुधार आएगा। आप कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं जिसका आपको लाभ होगा। अनुशासन और कड़ी मेहनत के बल पर आप कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ेंगे और पद और वेतन में वृद्धि प्राप्त करने में भी सफल रहेंगे। आपको मान-सम्मान का भी लाभ होगा।
शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023
20 अप्रैल को लगेगा साल का पहला 'सूर्य ग्रहण'
20 अप्रैल को लगेगा साल का पहला 'सूर्य ग्रहण'
सरस्वती उपाध्याय
20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण मेष राशि और अश्वनी नक्षत्र में लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस सूर्य ग्रहण पर ग्रहों का बेहद खास संयोग बनेगा। दरअसल, मंगल के मिथुन में और बुध के मेष राशि में होने से अशुभ योग बन रहे हैं। वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, मंगल मेष राशि और बुध ग्रह मिथुन राशि का स्वामी है। वहीं, सूर्यग्रहण के समय सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में राहु और बुध के साथ होंगे। बुध के मेष और मंगल के मिथुन राशि में होने की वजह से राशि परिवर्तन योग बन रहा है। जिसका असर कुछ राशियों पर नकारात्मक पड़ेगा और कुछ राशियों पर सकारात्मक। आइए जानते हैं कि इस सूर्य ग्रहण में राशि परिवर्तन योग से किन राशियों को सावधान रहना होगा ?
1. मेष...
मेष राशि वालों को इस राशि परिवर्तन बेहद अशुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। आत्मविश्वास में कमी आ सकती है। कानूनी मामलों में फंस सकते हैं। कारोबार से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर आप किसी निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो अभी ना करें। रिश्तों में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। अनावश्यक खर्चों पर लगाम लगाने की जरूरत है।
2. वृष...
वृष राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन अच्छा नहीं है। आपको इच्छानुसार परिणाम मिलने में दिक्कत आ सकती है। आत्मविश्वास की कमी होगी और आप भविष्य के बारे में सोचकर परेशान हो सकते हैं। कार्य स्थल पर किसी से झगड़ा हो सकता है। अपने गुस्से पर काबू रखें। यात्रा या निवेश करने के लिए भी यह सही समय नहीं है। पैसा कमाने के लिए कोई भी शार्टकट अपनाना भारी पड़ सकता है।
3. कन्या...
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण राशि परिवर्तन अशुभ साबित हो सकता है। इसे लेकर आप मानिसक तौर पर परेशान रहेंगे। घर का माहौल भी इस दौरान खराब हो सकता है। परिवार के लोगों के साथ आपका मनमुटाव हो सकता है। अगर घर में सुख-शांति चाहते हैं, तो अपना व्यवहार सुधारने की कोशिश करें। जीवनसाथी के साथ छोटे-छोटे मुद्दों पर लड़ाई हो सकती है। काम का बोझ बढ़ने से परेशान होंगे।
4. तुला...
कार्यक्षेत्र में कुछ बदलाव या स्थानांतरण का सामना करना पड़ सकता है। बिजनेस पार्टनर से कुछ मतभेद हो सकती है। किसी भी तरह के निवेश के लिए ये समय उचित नहीं है। अचल संपत्ति या पैतृक संपत्ति से संबंधित मामलों में अचानक लाभ मिल सकता है। विवाहित लोगों को अपने जीवनसाथी के सेहत पर ध्यान देना होगा। सेहत के लिहाज से ये गोचर शुभ नहीं रहेगा। आपको आंख और दांतों से जुड़ी कोई समस्या हो सकती है।
5. मकर...
इसका प्रभाव इस राशि के जातकों की सेहत पर पड़ सकता है। आपको सिरदर्द, आंखों की रोशनी, सर्दी और खांसी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इस दौरान अपनी सेहत पर विशेष ध्यान दें। किसी भी समस्या को टालने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करें। कार्यक्षेत्र में थकान और सुस्ती महसूस कर सकते हैं। ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत हो सकती है।
मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023
20 अप्रैल को लगेगा वर्ष 2023 का पहला 'सूर्य ग्रहण'
20 अप्रैल को लगेगा वर्ष 2023 का पहला 'सूर्य ग्रहण'
सरस्वती उपाध्याय
नई दिल्ली। साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है। ग्रहण एक भौगोलिक घटना है। इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है। वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल, गुरुवार को है। इस सूर्य ग्रहण की अवधि सुबह 7 बजे से दोपहर 12.29 मिनट तक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण सभी राशियों को प्रभावित करेगा। हालांकि मेष समेत तीन राशियों के जातकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
दिनांक: 20 अप्रैल 2023
दिन: गुरुवार
ग्रहण काल: सुबह 07.04 मिनट से दोपहर 12.29 मिनट तक
इन राशियों को रहना होगा सावधान !
मेष राशिः मेष राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण से सावधान रहने की जरूरत है। उन्हें तकलीफ हो सकती है। इस दौरान सूर्य देव आपकी राशि में गोचर करेंगे। इस कारण ग्रहण का बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है। किसी काम को पूरा करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कन्या राशिः सूर्य ग्रहण के दिन कन्या राशि वालों को सतर्क रहने की जरूरत है। मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं। मानसिक तनाव रहेगा। असफलता का सामना करना पड़ सकता है। क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा। बेवजह की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
सिंह राशिः सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव आप पर पड़ सकता है। इस अवधि में किए गए काम का विपरीत रिजल्ट मिल सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में मुश्किलें आ सकती हैं। कार्यस्थल में आपको सावधान रहने की जरूरत है। विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
शनिवार, 19 नवंबर 2022
ग्रहों के राशि परिवर्तन और उदित होने का प्रभाव पड़ेगा
ग्रहों के राशि परिवर्तन और उदित होने का प्रभाव पड़ेगा
ज्योतिष अनुसार ग्रहों के राशि परिवर्तन और उदित होने का प्रभाव सभी राशियों पर देखा जाता है। इस कड़ी में 20 नवंबर 2022 की रात को वैभव के दाता शुक्र देव वृश्चिक राशि में उदित होने जा रहे हैं, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर देखा जाएगा। लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं, जिनको इस समय आकस्मिक धनलाभ और उन्नति के योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये तीन राशियां…
सिंह शु्क्र देव आपकी कुंडली के चतुर्थ भाव में उदय होने जा रहे हैं। इसे माता और भौतिक सुख का भाव कहा जाता है। शुक्र के उदय होने से बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलने के योग हैं। प्रॉपर्टी और वाहन खरीद सकते हैं। आर्थिक लाभ होगा। इस समय आपको माता का भी सहयोग प्राप्त होगा।
वृष शुक्र देव आपकी कुंडली के सातवें घर में उदित हो रहे हैं। ये घर शादी-विवाह और पार्टनरशिप का होता है। आपका वैवाहिक जीवन सुखद होगा। अविवाहित लोगों को विवाह का प्रस्ताव आएगा। साझेदारी के काम में अच्छा धनलाभ हो सकता है। साथी के साथ मिलकर निवेश करना अनुकूल साबित हो सकता है।
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र का उदित होना लाभदायक है। आपकी कुंडली के पांचवे घर में शुक्र उदय होने से संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। पांचवा घर संतान और शिक्षा का होता है। छात्रों को परीक्षा में सफलता मिलेगी। प्रेम-सबंधों में मधुरता आएगी। वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं।
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