बुधवार, 19 मार्च 2025

'राष्ट्रपति' ने विकास के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट किया

'राष्ट्रपति' ने विकास के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट किया 

अखिलेश पांडेय 
औगाडौगू। वर्तमान में वैश्विक वातावरण अस्थिर हो रहा है। कई देशों में कट्टरपंथी मजबूत हो रहे हैं। इसलिए, धार्मिक कट्टरता बढ़ रही है। साथ ही, धर्म के नाम पर समाज में दरार पैदा की जा रही है। दुनिया में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, ऐसे में बुर्किना फासो के राष्ट्रपति इब्राहिम ट्राओरे ने अपनी दृढ़ता दिखाते हुए विकास के प्रति अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया है। 
इब्राहिम ट्राओरे ने सऊदी अरब द्वारा उनके देश में 200 मस्जिदें बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इसके बजाय, ट्राओरे ने सुझाव दिया कि सऊदी अरब को स्कूलों, अस्पतालों या व्यवसायों में निवेश करना चाहिए, जिससे बुर्किना फासो के लोगों के लिए रोजगार पैदा हो सकें। 
इस बारे में ट्राओरे ने कहा कि बुर्किना फासो में पहले से ही कई खाली मस्जिदें हैं और देश को वास्तव में विकास और प्रगति की आवश्यकता है। हमारे देश ने बहुत नुकसान उठाया है और अब इन सभी समस्याओं से उबरकर स्वतंत्रता वापस पाने की आवश्यकता है। यह निर्णय बुर्किना फासो के विकास के लिए ट्राओरे के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक विकास को प्राथमिकता देता है। उनके नेतृत्व में, देश सतत विकास और समावेशी प्रशासन की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। 

8वें वेतन आयोग को लेकर 'वित्त मंत्री' का बयान

8वें वेतन आयोग को लेकर 'वित्त मंत्री' का बयान 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से जबसे 8वें वेतन आयोग की घोषणा की गई है। तभी से कर्मचारियों के मन में अपनी सैलरी को लेकर उम्‍मीदें बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय सरकारी कर्मचारी अपने मूल वेतन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जनवरी में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की पुष्टि की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उसी महीने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की पुष्टि कर दी। अब वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ा बयान दिया है। 
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 8वें वेतन आयोग का कार्यान्वयन 36 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों अथवा उनके परिवारों के साथ-साथ रक्षा कर्मियों और उनके पेंशनभोगियों के लिए लाभकारी साबित होगा। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों की अनुमानित संख्या क्रमश: 36.57 लाख (1 मार्च, 2025 तक) और 33.91 लाख (31 दिसंबर, 2024 तक) रुपये है। 

जांच-परखकर किया है फैसला 

सीतारमण बताया कि केंद्र ने इसके गठन के संबंध में क्‍या प्रगति की है। सरकार ने वित्त मंत्री, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्य सरकारों जैसे हितधारकों द्वारा दिए गए इनपुट्स पर भी विचार किया है। इसके अलावा 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का वित्तीय प्रभाव, जिसमें वेतन और पेंशन में महंगाई के हिसाब से संशोधन, भत्ते और लाभ शामिल हैं। सभी सिफारिशें प्रस्तुत और स्वीकृत होने के बाद इसे प्रदान किया जाएगा। वेतन आयोग हर 10 साल में गठित किया जाता है। 

कितने दिन में आएगी रिपोर्ट 

सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी तो दे दी है, लेकिन आयोग अपनी रिपोर्ट कितने दिन में सौंपेगा इसे लेकर बड़ा सवाल सभी के मन में है। इस बाबत जब वित्‍तमंत्री से पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) का गठन करने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट को सरकार को सौंपने में कितना समय लगेगा, यह समय के साथ तय किया जाएगा। मालूम हो कि 8वें वेतन की सिफारिशों को 1 जनवरी, 2025 से लागू किया जाना है। 

कौशाम्बी: 'खेलकूद प्रतियोगिता' का आयोजन हुआ

कौशाम्बी: 'खेलकूद प्रतियोगिता' का आयोजन हुआ 

अजीत कुशवाहा 
कौशाम्बी। 35वीं राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन स्वर्गीय रतन लाल शर्मा स्टेडियम कानपुर में हुआ। जिसमें जनपद कौशाम्बी के परिषदीय विद्यालयों के छात्रों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए हैंडबॉल प्रतियोगिता में बालक वर्ग में गोल्ड मेडल तथा वॉलीबॉल प्रतियोगिता में बालक वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर कौशाम्बी के इतिहास में शानदार उपलब्धि हासिल की।पी. एम. विद्यालय कसिया पश्चिम का राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में दस्तक।राज्यस्तरीय हैंडबाल प्रतियोगिता विजेता मण्डल प्रयागराज टीम कौशाम्बी जिसमें पी. एम विद्यालय कसिया पश्चिम के शनि कुमार कक्षा 8 को टीम गोल्ड एवं वॉलीबाल प्रतियोगिता उप विजेता मण्डल प्रयागराज टीम कौशाम्बी, जिसमें पी. एम. विद्यालय कसिया पश्चिम के आर्यन सिंह कक्षा 8 व विष्णुकांत कक्षा 8 को टीम सिल्वर मेडल प्राप्त हुए। 
कीर्तिमान को स्थापित करने में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कमलेंद्र कुशवाहा का कुशल मार्गदर्शन तथा जनपद के खेलकूद और व्यायाम शिक्षकों चंद्रबली रैना, आलोक पटेल, मनमोहन सिंह चौहान कैथल शकील अहमद मानस मिश्रा सत्य प्रकाश राजीव सिंह राजेंद्र सिंह मयंक शुक्ला आदि शिक्षकों का दिशा निर्देश महत्वपूर्ण रहा। तथा प्रतियोगिता के दौरान मनोबल बढ़ाने और व्यवस्था हेतु टीम के अगुवा नीरज उमराव खंड शिक्षा अधिकारी कड़ा तथा शालिनी कुशवाहा पूनम सिंह कमला देवी रिंकी देवी अरुण कुमार आदि शिक्षक मौजूद रहें। 

स्वास्थ्य: सेहत के लिए फायदेमंद हैं 'डिटॉक्स वाटर'

स्वास्थ्य: सेहत के लिए फायदेमंद हैं 'डिटॉक्स वाटर' 

सरस्वती उपाध्याय 
डिटॉक्स वाटर को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि गलत तरीके से इसका सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है ? आमतौर पर डिटॉक्स वाटर का इस्तेमाल शरीर से टॉक्सिन्स निकालने और वेट लॉस के लिए किया जाता है। लेकिन, अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। 
कैसे नुकसान पहुंचा सकता है डिटॉक्स वाटर ? 

इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ सकता है - ज्यादा डिटॉक्स वाटर पीने से शरीर में सोडियम और पोटैशियम का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे कमजोरी और चक्कर आने की समस्या हो सकती है। 

डिहाइड्रेशन का खतरा - कई बार लोग सिर्फ डिटॉक्स वाटर पर निर्भर हो जाते हैं और पर्याप्त मात्रा में साधारण पानी नहीं पीते, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।

पाचन तंत्र पर असर - कुछ डिटॉक्स ड्रिंक्स बहुत अधिक फाइबर वाले होते हैं, जो पेट में गैस, ऐंठन और लूज मोशन जैसी परेशानियां पैदा कर सकते हैं।

ब्लड शुगर पर असर - फलों और शहद से बने डिटॉक्स वाटर में नैचुरल शुगर होती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है।

एनर्जी लेवल में गिरावट - अगर आप डिटॉक्स वाटर को खाने का विकल्प मानकर इसे जरूरत से ज्यादा पीते हैं, तो यह कमजोरी और थकान का कारण बन सकता है।

कैसे करें सही इस्तेमाल ? 

डिटॉक्स वाटर को संतुलित मात्रा में पिएं, दिनभर में 1-2 गिलास ही पर्याप्त होता है। 
इसे अपनी रेगुलर डाइट का हिस्सा बनाएं, लेकिन पूरी तरह उस पर निर्भर न रहें। 
अगर आपको किसी भी तरह की हेल्थ प्रॉब्लम है, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें। 

जनहित के कार्यों में लापरवाही को अस्वीकार बताया

जनहित के कार्यों में लापरवाही को अस्वीकार बताया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनहित के कार्यों में लापरवाही को अस्वीकार बताया है। उन्होंने कहा है कि अच्छे लोगों की कहीं कोई कमी नहीं है, इन्हें प्रोत्साहन मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बुधवार को लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित सीएम कमांड सेंटर का निरीक्षण किया और प्रदेश भर में विभिन्न विभागों और परियोजनाओं के परफॉर्मेंस की भी जानकारी ली। उन्होंने विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि सिर्फ तीन कैटेगरी ए, बी और सी के तहत विभागों और योजनाओं की मॉनीटरिंग की जानी चाहिए। इसके तहत जनपद स्तर पर प्रतिदिन, अल्टरनेट दिनों में, साप्ताहिक और पाक्षिक समीक्षा की जानी चाहिए। इसके लिए जनपद स्तर पर अधिकारी की तैनाती की जाए, जो देखे कि रिपोर्ट में जो डेटा दिया जा रहा है वो कितना सही है। इसके बाद महीने में एक बार मंत्री स्तर पर समीक्षा की जाए और सभी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत की जाएं। मुख्यमंत्री ने वरासत, लैंड यूज जैसी सुविधाओं के निर्धारण में समय सीमा का पालन करने पर जोर दिया। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फ्लैगशिप योजनओं की प्रगति को ट्रैक व मॉनिटर करने के लिए एक रैंकिंग प्रणाली विकसित की गई है। इसमें क्वालिटी और स्पीड पर ध्यान देना आवश्यक है। जिन विभागों और परियोजनाओं की क्वालिटी और स्पीड कमजोर है, उसे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसमें भी हमारा प्रयास होना चाहिए कि ये सभी कैटेगरी परफॉर्मेंस बेस्ड हों तथा सबकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। बेहतर परफॉर्मेंस करने वाले विभागों के विषय में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें नंबर नहीं देखना है, बल्कि हमारा फोकस क्वालिटी पर होना चाहिए। क्वालिटी और ट्रांसपेरेंसी दोनों आवश्यक है। उन्होंने एमएसएमई विभाग को निर्देश दिया कि ओडीओपी को आगे बढ़ाना होगा। देखना होगा कि क्या इसमें जनपदों के विशिष्ट फूड को भी जोड़ा जा सकता है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि परफॉर्मेंस का जो डेटा विभाग देते हैं, उनकी रैंडम चेकिंग की जाए। मुख्य सचिव स्तर पर होने वाली समीक्षा बैठकों में टॉप-10 विभागों और योजनाओं पर चर्चा की जाए। जो विभाग और योजनाएं टॉप पर हैं, उनका प्रजेंटेशन सबके सामने रखा जाए और उन्हें बताया जाए कि किस तरह कार्य करना है और कहां कमी रह गई है। उनकी रिपोर्ट और सक्सेस स्टोरीज को बाकी के साथ शेयर किया जाना चाहिए। ये भी देखा जाना चाहिए कि जो लोग पीछे हैं। उसके पीछे कारण क्या है। उन्होंने कड़े शब्दों में निर्देश दिए कि यदि सरकार जो स्कीम या अभियान चलाती है और अगर वह 100 प्रतिशत सैचुरेटेड नहीं होता तो उसका उद्देश्य अपूर्ण है। नियमित रूप से उनकी चेकिंग होनी चाहिए। हर विभाग अपने स्तर पर हर दिन मॉनीटरिंग करे। उन्होंने कहा कि स्कीम बनाते समय अधिकारी यह जरूर ध्यान दें कि इसका लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंच सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल छोटे टार्गेट देकर खानापूर्ति नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे क्षमता आधारित बनाना चाहिए। आईजीआरएस की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आईजीआरएस के संदर्भ के विषय में संतुष्टिकरण का प्रतिशत बढ़ना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि रेवेन्यू, पुलिस, हेल्थ, जिला प्रशासन, नगर निगम, पंचायती राज व अन्य संबंधित विभाग शिकायतों से जुड़े पक्ष को जवाबदेह बनाएं। समस्याओं के निस्तारण को प्राथमिकता में रखते हुए टेक्नोलॉजी का उपयोग करें। 
महत्वपूर्ण परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त परियोजनाएं समय पर चलें, इसको प्राथमिकता में रखते हुए आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएं। कानपुर मेट्रो समेत अन्य परियोजनाओं की निरंतर फोटो अपलोड किए जाने के लिए भी मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया, ताकि अधिकारी अपडेट रहें। ई-अधियाचन के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त अधियाचन भेजे जाने से पहले विभाग स्तर पर चेक किए जाएं। उन्होंने निवेश मित्र पेंडिंग मामलों के भी जल्द से जल्द निस्तारण के आदेश दिए। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-79, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बृहस्पतिवार, मार्च 20, 2024

3. शक-1945, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 23 डी.सै., अधिकतम- 29 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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