मंगलवार, 14 जनवरी 2025

आसाराम को 75 दिन की अंतिम जमानत दी

आसाराम को 75 दिन की अंतिम जमानत दी 

नरेश राघानी 
जयपुर। हाईकोर्ट से दी गई अंतरिम जमानत के बाद नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम 11 साल बाद जेल से बाहर आएगा। आसाराम की ओर से सजा स्थगन एवं जमानत के लिए दायर की गई याचिका पर आज हुई सुनवाई में हाईकोर्ट द्वारा आसाराम को बड़ी राहत दी गई है। 
मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के जस्टिस दिनेश मेहता एवं जस्टिस विनीत कुमार माथुर की बेंच ने जोधपुर रेप केस मामले में दोषी पाए जा चुके आसाराम को 75 दिन की अंतिम जमानत दे दी है। न्यायाधीशों ने कहा है कि 31 मार्च 2025 तक आसाराम जेल से बाहर रहकर अपना इलाज कर सकेंगे। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस दौरान आसाराम को अपने किसी भी अनुयायी से मिलने की अनुमति नहीं होगी और ना ही जेल से बाहर आकर आसाराम की ओर से मीडिया के बीच कोई बयान जारी किया जा सकेगा। 
हाईकोर्ट ने कहा है कि आसाराम 24 घंटे तीन पुलिस कर्मियों की पूरी निगरानी में रहकर अपना पूरा इलाज करवा सकेंगे। 
अंतरिम जमानत हासिल करने वाले आसाराम के वकील आरएस सलूजा ने 8 जनवरी को हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए यह अर्जी दाखिल की थी, जिस पर आज 6 दिन बाद हाई कोर्ट का फैसला आया है। 

हेलमेट के बिना पेट्रोल पंप पर पेट्रोल नहीं मिलेगा

हेलमेट के बिना पेट्रोल पंप पर पेट्रोल नहीं मिलेगा 

भानु प्रताप उपाध्याय 
सहारनपुर। हेलमेट लगाकर बाइक चलाने का मुकम्मल इंतजाम करते हुए जिलाधिकारी ने बगैर हेलमेट लगाए पहुंचने वाले को पेट्रोल नहीं देने के आधे जारी किए हैं। जिलाधिकारी के आदेशों के मुताबिक, अब बगैर हेलमेट के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल नहीं मिल सकेगा। जिलाधिकारी मनीष बंसल के निर्देशानुसार, जनपद में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने तथा हेलमेट न पहनने के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की मृत्यु पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नो हेलमेट, नो फ्यूल की रणनीति लागू कर दी गई है। 
जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि सभी मोटर साइकिल चालकों एवं सवारियों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बी०आई०एस०) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप प्रोटेक्टिव हेड गियर हेलमेट पहनना अनिवार्य है। इन प्राविधानों का उल्लंघन केन्द्रीय मोटर यान अधिनियम के तहत दण्डनीय है, जिसमें जुर्माने का प्राविधान है। जिलाधिकारी ने जनपद में संचालित समस्त पेट्रोल पम्प संचालकों एवं स्वामियों को निर्देश दिए हैं कि आगामी 07 दिवसों में वह अपने प्रांगण में इस आशय के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाएंगे कि 26 जनवरी 2025 से किसी भी दशा में ऐसे दो पहिया वाहन चालक को पेट्रोल का विक्रय नहीं किया जाएगा, जिसके चालक तथा सहयात्री ने हेलमेट नहीं पहना हो। 
जिलाधिकारी ने कहा है कि सभी पेट्रोल पम्प संचालक एवं स्वामी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके प्रतिष्ठान में सी०सी०टी०वी० कैमरा सदैव सक्रिय रहें। ताकि, किसी भी विवाद की स्थिति में सी०सी०टी०वी० फुटेज का अवलोकन कर आवश्यक निर्णय लिया जा सकें। 

अक्षर, सुंदर एवं अर्शदीप को टीम से बाहर किया

अक्षर, सुंदर एवं अर्शदीप को टीम से बाहर किया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर एवं इरफान पठान की ओर से संयुक्त रूप से चैंपियन ट्रॉफी के लिए चुनी गई टीम से अक्षर पटेल व वाशिंगटन सुंदर एवं अर्शदीप सिंह को बाहर कर दिया गया है। रवि बिश्नोई, शिवम दुबे एवं रियान पराग को भी गावस्कर पठान की टीम में जगह नहीं मिली है। चैंपियन ट्रॉफी अगले महीने से शुरू होने जा रही है। टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड-न्यूजीलैंड दक्षिण अफ्रीका अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश की ओर से अपनी अपनी टीमों का ऐलान कर दिया गया है। जबकि, भारत और पाकिस्तान की टीमों की घोषणा किया जाना अभी बाकी है। 
इस बीच भारतीय टीम के ऐलान से पहले महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर एवं इरफान पठान ने आपस में मिल कर चुनी टीम से कई स्टार खिलाड़ियों को बाहर कर दिया है। अक्षर पटेल व वाशिंगठन सुंदर एवं अर्शदीप सिंह को गावस्कर पठान की टीम में जगह नहीं मिल पाई है। इनके अलावा रवि बिश्नोई शिवम दुबे और रियान पराग भी गावस्कर पठान की टीम में अपनी जगह नहीं बना सके हैं। 
चैंपियन ट्रॉफी- 2025 के लिए सुनील गावस्कर एवं इरफान पठान की ओर से चुनी गई टीम में रोहित शर्मा, यशस्वी जयसवाल, विराट कोहली, केएल राहुल, ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, हार्दिक पांड्या, रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, शुभमन गिल, संजू सैमसन, मोहम्मद सिराज एवं नीतीश कुमार रेड्डी को स्थान दिया गया है। 

कमजोर कड़ी 'संपादकीय'

कमजोर कड़ी   'संपादकीय' 

प्रत्येक मनुष्य के जीवन में एक बार ऐसा समय निश्चित रूप से आता है। जब स्थिति अनुरूप जल की एक-एक बूंद के महत्व का आभास होता है। जल की आवश्यकता और उस पर निर्भरता का आभास होता है। यह सामान्य जीवन में साधारण-सी बात हो सकती है। किंतु वर्तमान समय में जल संरक्षण असाधारण बात हो चली है। भूगर्भ जल स्तर इतनी तेजी से घटता जा रहा है, जिसके फलित परिणाम का अनुमान लगाना कठिन है। निकट भविष्य में पानी का अभाव मनुष्य के जीवन में दुष्कर साबित होगा। उदाहरण के तौर पर जनपद गाजियाबाद के खोड़ा क्षेत्र में जल संकट डेरा डाल चुका है, अगला नंबर लोनी क्षेत्र का है। 
लोनी क्षेत्र में हजारों घन मीटर जल दोहन कर, प्रतिदिन प्रदूषित करके बहा दिया जाता है। औद्योगिक क्षेत्र ट्रॉनिका सिटी से प्रयोग के बाद प्रदूषित जल की निकासी से आसपास के ग्रामीण निवासियों का जीवन प्रभावित हुआ है। नगरीय क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से संचालित औद्योगिक संस्थानों के द्वारा अप्रत्याशित रूप से जलदोहन करके बहाया जा रहा है। जिसमें 90 प्रतिशत ऐसे संस्थान मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। जिनके पास विभाग के द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं है और पानी को रीसाइकलिंग करने की व्यवस्था अथवा संसाधन भी नहीं है। जिसके कारण जल स्तर तेजी से गिरता जा रहा है। 
लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल संरक्षण विभाग के नामित अधिकारी एवं जिला अधिकारी गाजियाबाद की आंखों पर चढ़े चश्मे को हटाने की आवश्यकता है। लेकिन यह संभव कैसे होगा ? इस विकट समस्या को सामने खड़ा देखकर एक भी जनप्रतिनिधि अथवा समाज सेवक आंदोलनरत नहीं है। जन-जागृति, प्रवाह और प्रसार की प्रक्रिया का कोई नियत निर्धारण नहीं है। क्योंकि यह वास्तव में जनहित का विषय है, इसमें स्वार्थ सिद्धि, हित-लाभ की कोई पृष्ठभूमि नहीं है। यही एक 'कमजोर कड़ी' है, जो विषय के प्रति नेतृत्व के अभाव का पर्दापण करती है। विभागीय अधिशासी अभियंता, कनिष्ठ अभियंता आदि एक भी अधिकारी प्रक्रिया अनुरूप कार्य नहीं कर पा रहा है। 
इससे भी अधिक चिंता की बात तो यह है कि जिस लोनी क्षेत्र की बात की जा रही है। इस क्षेत्र में जन्म लेने वाले तीन विधायक वर्तमान समय में जनता का उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह बात तो जनता को ज्ञात ही होगी कि मदन भैया, नंदकिशोर और योगेश धामा तीनों विधायक लोनी क्षेत्र में पैदा हुए हैं। क्षेत्र की जनता के सामने एक विकट समस्या पल प्रतिपल विकराल रूप धारण करती जा रही है। उसके बावजूद किसी ने भी विधानसभा में इस समस्या पर कोई सवाल नहीं उठाया है। ऐसा भी नहीं है कि तीनों विधायक अशिक्षित है। अगर कमी है तो जनहित के विषय पर गंभीरता की, जिसके लिए समय का अभाव है। परंतु आने वाली पीढ़ी इन्हें कभी माफ नहीं करेगी, भविष्य इन्हें 'कमजोर कड़ी' से परिभाषित करेगा। क्योंकि यह आज का विषय है, कल बहुत देर हो चुकी होगी। जनता को भी विषय की गंभीरता पर ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता है। क्योंकि "जल है तो कल" है। 
राधेश्याम 'निर्भयपुत्र' 

महाकुंभ में आए तीर्थ यात्रियों का स्वागत किया

महाकुंभ में आए तीर्थ यात्रियों का स्वागत किया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ-2025 में आए तीर्थ यात्रियों का स्वागत एवं हार्दिक अभिनंदन करने के साथ सबकी तीर्थ यात्रा के सफलतापूर्वक संपन्न होने को अनंत शुभकामनाएं दी है। 
सपा मुखिया ने तीर्थ यात्रियों के लिए कुछ सुविधाओं की भी डिमांड उठाई है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने महाकुंभ- 2025 को लेकर किये ट्वीट में लिखा है- सीधी मांग, तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए भोजन एवं सिर पर साये की व्यवस्था की जाएं। एक अन्य ट्वीट में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट के साथ पोस्ट किये वीडियो में लिखा है कि नदी किनारे प्यासे लोग कह रहे हैं कि बिन पानी सब सून। समाजवादी पार्टी के मुखिया ने इससे पहले एक अन्य ट्वीट में महाकुंभ में शामिल होने आए तीर्थ यात्रियों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए उन्हें यात्रा संपन्न होने की अनंत शुभकामनाएं दी है। 
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बीते दिन पौष पूर्णिमा के मौके पर महाकुंभ 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो दुनिया को किनारे लगाते हैं, भाजपा ने उन्हें ही किनारे पर कर दिया है। जिनका जीवन नाव चलाना है और उसी से उनका घर चलता है। वह नाविक भाजपा सरकार से पूछ रहे हैं कि आप ही बताएं, इन हालातों में हमारा कहां ठिकाना है ? 

यौन उत्पीड़न मामलें की सुनवाई होनी चाहिए

यौन उत्पीड़न मामलें की सुनवाई होनी चाहिए 

कविता गर्ग 
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि पिछले साल के बदलापुर स्कूल, यौन उत्पीड़न मामलें की सुनवाई तेजी से होनी चाहिए। क्योंकि, पीड़ित लड़कियां बहुत छोटी हैं। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की एचसी खंडपीठ ने यह टिप्पणी तब की जब सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने पीठ को सूचित किया कि जांच पूरी हो गई है। आरोप पत्र दायर किया गया है और मुकदमा आगे बढ़ने वाला है। यह मामला सामने आने के बाद कि स्थानीय बदलापुर पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने में देरी की थी। उच्च न्यायालय ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया था। पिछले साल अगस्त में, एक पुरुष परिचारक ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर इलाके में स्थित अपने स्कूल के शौचालय के अंदर चार और पांच साल की दो लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया। 
सुनवाई के दौरान, अदालत ने यह भी कहा कि, जैसा कि पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत अनिवार्य है। लड़कियों की जांच के समय एक महिला अभियोजक को उपस्थित रहना होगा। 
वेनेगांवकर ने पुष्टि किया कि मामलें में विशेष लोक अभियोजक की सहायता के लिए एक महिला अभियोजक को नियुक्त किया गया है। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-15, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, जनवरी 15, 2024

3. शक-1945, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 15 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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'टिकटॉक' पर बैन लगाने का फैसला सुनाया: एससी

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