भारत ने ₹48,614 करोड़ का भारी निवेश किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए (AMCA) और स्वदेशी कावेरी जेट इंजन के विकास के लिए 48,614 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया है। यह कदम देश के आत्मनिर्भर रक्षा उद्देश्यों को और मजबूत करेगा, जिससे भारत की वायु सेना को अत्याधुनिक तकनीक से लैस युद्धक विमान मिलेंगे।
AMCA और इंजन विकास
भारत सरकार ने अपने रक्षा बजट में यह विशाल राशि एडवांस्ड एयरक्राफ्ट और एरो इंजन के विकास के लिए आवंटित की है। यह निवेश AMCA, एक स्टील्थ फाइटर जेट, और स्वदेशी कावेरी इंजन के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। स्वदेशी तकनीक से विकसित होने वाले ये विमान भारत को वायु शक्ति में आत्मनिर्भर बना सकते हैं, जो भारतीय रक्षा रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।
AMCA परियोजना का उद्देश्य भारत को विश्व स्तरीय तकनीकी क्षमताओं से लैस फाइटर जेट प्रदान करना है, जो आधुनिक युद्ध की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हों। AMCA के विकास से भारत की वायु सेना की ताकत में इजाफा होगा और यह देश को वायु रक्षा के क्षेत्र में स्वायत्त बनाएगा।
स्वदेशी कावेरी इंजन का विकास
स्वदेशी कावेरी इंजन का विकास भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह इंजन पहले ही हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस को शक्ति प्रदान करने में सक्षम है। कावेरी इंजन की शुरुआत 1980 के दशक के अंत में हुई थी, जब इसे भारतीय विमानन को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के तहत गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (GTRE) द्वारा विकसित किया गया था। कावेरी इंजन की विकास यात्रा में कई चुनौतियाँ आईं। लेकिन, अब यह एक मजबूत और भरोसेमंद इंजन बनकर सामने आया है। AMCA और अन्य स्वदेशी लड़ाकू विमानों के लिए कावेरी इंजन को और अधिक उन्नत बनाया जा रहा है, जिससे विमान की प्रदर्शन क्षमता में सुधार होगा।
आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
भारत का यह कदम आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम पहल है। स्वदेशी तकनीक पर आधारित लड़ाकू विमान और इंजन भारतीय सेना को विदेशी निर्यातकों पर निर्भरता कम करने में मदद करेंगे। इससे न केवल भारत के रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि इससे रोजगार सृजन, तकनीकी विकास और देश की रक्षा प्रणाली को भी मजबूती मिलेगी।
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