सोमवार, 30 दिसंबर 2024

विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया

विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया 

अखिलेश पांडेय 
मेलबर्न। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में एक बार फिर विवाद हो गया है। ये विवाद यशस्वी जायसवाल के आउट होने पर हुआ है। कमिंस की बाउंसर पर यशस्वी ने पुल किया और गेंद विकेटकीपर के हाथों में गई। ऑस्ट्रेलिया की अपील पर अंपायर ने यशस्वी को नॉट आउट दिया और फिर मेजबान टीम ने रिव्यू लिया। तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दे दिया और यहीं विवाद हो गया। 
ये विवाद इसलिए हुआ। क्योंकि, रिव्यू में जब गेंद यशस्वी के बल्ले और दस्तानों के पास से गई, तो स्निको मीटर पर कोई हलचल नहीं थी। इसके बाद भी तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला बदलते हुए यशस्वी को आउट दे दिया। 
ये फैसला देख मैदान पर मौजूदा भारतीय दर्शकों ने बवाल काट दिया और हंगामा मचाने लगें। भारतीय दर्शकों को ऑस्ट्रेलिया को हूट करते देखा गया। यशस्वी शतक से चूक गए। उन्होंने 84 रन बनाएं और वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम खेल भावना के विपरीत अपने कमानेपन का मैदान पर एहसास करा रही थी और तीसरे अंपायर के नीचतापूर्ण कृत्य द्वारा जश्न मना रही थी। 

मुजफ्फरनगर: कार्यशाला का समापन किया गया

मुजफ्फरनगर: कार्यशाला का समापन किया गया 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। जनपद के प्रतिष्ठित श्री राम कॉलेज के ललित कला विभाग में तकरीबन एक सप्ताह तक आयोजित की गई हैंड पेंटिंग ऑन टेक्सटाइल फैब्रिक कार्यशाला में स्टूडेंट्स को कपड़ों पर चित्रकारी और डिजाइन बनाना सिखाए गए। 
सोमवार को श्री राम कॉलेज के ललित कला विभाग में तकरीबन एक सप्ताह तक आयोजित की गई हैंड पेंटिंग ऑन टेक्सटाइल फैब्रिक कार्यशाला का भव्य रूप से समापन किया गया। 
श्री राम कॉलेज के ललित कला विभाग में आयोजित की गई इस कार्यशाला का उद्देश्य पारंपरिक कला शैलियों एवं आधुनिक डिजाइनों के माध्यम से कपड़ा सज्जा के क्षेत्र में नई संभावनाओं को उजागर करना था। कार्यशाला में शामिल हुई हैंड प्रिंटिंग में सिद्धहस्त रेखा पुंडीर सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य एसडी कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निक के मार्गदर्शन में सभी विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। 
इस दौरान पर शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को न केवल डिजाइन और रंगों की तकनीकी जानकारी दी। बल्कि, कपड़ों पर पेंटिंग के लिए आवश्यक सामग्री का सही उपयोग और रखरखाव किस तरह से किया जाए, इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी। प्रतिभागियों ने ब्लॉक प्रिंटिंग, फ्रीहैंड डिजाइन, मधुबनी, वर्ली, और फ्लोरल मोटिफ्स जैसी शैलियों पर काम किया। इसके अलावा, उन्होंने रंग संयोजन, ब्रश टेक्निक्स और फैब्रिक पेंट्स के साथ काम करने की बारीकियों को भी सीखा। फाइन आर्ट्स की हेड मीनाक्षी काकरान ने डिजाइन शैलियों के बारें में स्टूडेंट को विस्तार से बताया। पारंपरिक मधुबनी, वर्ली, आधुनिक जियोमेट्रिक पैटर्न, एब्स्ट्रैक्ट आर्ट, और कंटेम्पररी मोटिफ्स और फ्लोरल डिजाइन पर ये कार्यशाला केन्द्रित रहीं। 
प्रतिभागियों ने कहा कि इस कार्यशाला ने उन्हें न केवल एक नई कला सीखने का मौका दिया, बल्कि अपने विचारों और रचनात्मकता को प्रस्तुत करने का मंच भी दिया। इस अवसर पर ललित कला विभाग के निदेशक डॉ. मनोज धीमान ने भविष्य में भी इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल न केवल कला और शिल्प को प्रोत्साहित करती है। बल्कि, स्थानीय कलाकारों को नई पहचान देने में भी कारगर होती है। कार्यशाला के अन्तिम दिवस पर प्रतिभागियों द्वारा तैयार की गई कपड़ा पेंटिंग की एक प्रदर्शनी लगाई गई एवं विद्यार्थियों ने अपने-अपने कार्यो की समीक्षा भी की। 
इस कार्यशाला को सफल बनाने में ललित कला विभाग के प्रवक्ताओं एवं सदस्यों रजनीकांत, बिन्नू पुंडीर, डॉ अनु, रीना त्यागी, मयंक सैनी, अजित कुमार मन्ना, सोनी श्रीवास्तव, सिद्धार्थ, शहजादी एवं करुणाकर शर्मा आदि का योगदान रहा। 

किसानों से बातचीत करें तीनों प्राधिकरण: टिकैत

किसानों से बातचीत करें तीनों प्राधिकरण: टिकैत 

विजय भाटी 
गौतमबुद्ध नगर। संयुक्त क‍िसान मोर्चे की ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर महापंचायत शुरू हो गई है। इस पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पहुंच गए हैं। जीरो पाॅइंट पर किसानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बार बड़ी संख्या में महिला किसान भी इकट्ठा हुईं हैं। 
हालांकि, नोएडा में अपने मुद्दों को लेकर कई महीनों से संघर्ष कर रहे किसान संगठनों ने इस महापंचायत से किनारा कर लिया है। इसमें सुखबीर खलीफा समेत अन्य किसान नेताओं का संगठन शामिल है। महापंचायत में पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि तीनों प्राधिकरण बैठकर किसानों से बातचीत करें। देश में सब चीज के रेट बढ़े हैं। लेक‍िन, जमीन के रेट क्यों नहीं बढ़े ? क्या किसानों की जमीन सस्ते दामों पर चली जाएगी ? ये आंदोलन पूरे देश में चलेंगे। अगर सरकारें नहीं मानीं, तो आंदोलन तेज होगा। अलग-अलग जगहों के अलग-अलग मुद्दे हैं। 
यहां का भूमि अधिग्रहण का है, दूसरी जगह एमएसपी गारंटी का है। कहीं छात्रों पर लाठीचार्ज हो रहे हैं, हर जगह कमेटी बनी हुई है। यहां गौतम बुद्ध नगर में भूमि अधिग्रहण का मामला है। सरकार और प्राधिकरण बैठकर बातचीत करें। भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि परिषद का कोई भी सदस्य और पदाधिकारी महापंचायत में शामिल नहीं होगा। पंचायत से पहले मंच और आने वाले किसानों के लिए भोजन की व्यवस्‍था की जा रही है। यहां टेंट लगा दिए गए हैं। इसके अलावा पुलिस का सख्त इंतजाम भी किया गया है। पंचायत में बुलंदशहर, मेरठ, अलीगढ़, मथुरा, हापुड़ मंडल के किसान शामिल होंगे। हालांकि, जब इस धरने की शुरुआत हुई थी, तब सभी संगठन एक साथ थे। पुलिस प्रशासन की ओर से जीरो पाॅइंट पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। 
गौरतलब है कि इस महापंचायत में जिन मुद्दों पर चर्चा होगी, उनमें किसानों को 64.7 परसेंट मुआवजा और 10 प्रतिशत प्लॉट किसानों के देने और 2013 भूमि बिल अधिग्रहण कानून लागू करने के मुद्दे शाम‍िल हैं। इसके अलावा सरकार एवं प्राधिकरण की गलत नीतियों के द्वारा धरने को खत्म करने का प्रयास और संयुक्त मोर्चे के साथियों को जबरदस्ती उठाकर जेल में बंद करने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। 
किसानों का कहना है कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक वे आंदोलन करते रहेंगे। इससे पहले भी जीरो पॉइंट पर ही महापंचायत के लिए पहुंचे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उनमें से कई किसान नेता और किसान अभी भी जेल में बंद हैंं, जिनकी रिहाई के लिए लगातार अलग-अलग किसान संगठन प्रयास कर रहे हैं। 

वर्ष 2024 के अंतिम एपिसोड को संबोधित किया

वर्ष 2024 के अंतिम एपिसोड को संबोधित किया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों से 2025 में महाकुंभ मेले में भाग लेने के दौरान समाज में विभाजन और नफरत की भावनाओं को खत्म करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। 
हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू होगा और 26 फरवरी, 2025 को प्रयागराज में समाप्त होगा। 117वें और वर्ष 2024 के अंतिम एपिसोड को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। इस समय वहां संगम तट पर बड़े पैमाने पर तैयारियां चल रही हैं। जब हम कुंभ में भाग लेंगे तो समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने का संकल्प लेंगे।” 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुंभ एकता का महाकुंभ है। क्योंकि, यहां कोई भेदभाव नहीं है और सभी समान हैं। उन्होंने कहा, “पहली बार कुंभ आयोजन में अल चैटबॉट का उपयोग किया जाएगा। अल चैटबॉट के माध्यम से कुंभ से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी। कहीं कोई भेदभाव नहीं है, कोई बड़ा नहीं है, कोई छोटा नहीं है। इसलिए हमारा कुंभ एकता का महाकुंभ भी है। श्रद्धालुओं को उनके मोबाइल फोन पर सरकार द्वारा स्वीकृत टूर पैकेज, आवास और होमस्टे के बारे में जानकारी दी जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि 2025 के महाकुंभ में श्रद्धालुओं को विभिन्न घाटों और मंदिरों तक आसानी से पहुंचने में सहायता के लिए डिजिटल नेविगेशन उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा, “डिजिटल नेविगेशन की मदद से आप महाकुंभ 2025 में विभिन्न घाटों, मंदिरों और साधुओं के अखाड़ों तक पहुंच सकेंगे। यही नेविगेशन सिस्टम आपको पार्किंग स्थलों तक पहुंचने में भी मदद करेगा। पूरे मेला क्षेत्र को एआई संचालित कैमरों से कवर किया जा रहा है। 
कुंभ के दौरान अगर कोई अपने परिजनों से बिछड़ जाता है, तो ये कैमरे उसे ढूंढने में मदद करेंगे। श्रद्धालुओं को डिजिटल खोया-पाया केंद्र की सुविधा भी मिलेगी।” मुख्य स्नान पर्व, जिसे “शाही स्नान” के नाम से जाना जाता है। 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होगा, जब उपस्थित लोगों की संख्या सबसे अधिक होने की संभावना है। प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार आयोजित होने वाले महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है। 
मन की बात प्रधानमंत्री मोदी का मासिक रेडियो कार्यक्रम है, जहाँ वे भारत के नागरिकों के साथ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं। यह कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है। 3 अक्टूबर 2014 को शुरू किए गए मन की बात का उद्देश्य भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़ना है, जिसमें महिलाएँ, बुज़ुर्ग और युवा शामिल हैं। 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा, ‘मन की बात’ 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित की जाती है, जिनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तो, फ़ारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। मन की बात का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो के 500 से ज़्यादा केंद्रों से किया जाता है। 

कौशाम्बी: विशेष 'कला-प्रदर्शन' का आयोजन किया

कौशाम्बी: विशेष 'कला-प्रदर्शन' का आयोजन किया 

रामबाबू केसरवानी 
कौशाम्बी। प्रेसिडेंसी स्कूल भीटी में एक विशेष कला-प्रदर्शन का आयोजन सोमवार को किया गया, जिसमें कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों ने पेंटिंग के माध्यम से प्रयागराज के विश्वप्रसिद्ध महाकुंभ का जीवंत चित्रण किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ावा देना और उन्हें भारतीय संस्कृति की महान धरोहर से जोड़ना था। 
छात्रों ने अपनी कला के माध्यम से महाकुंभ के विभिन्न पहलुओं को उकेरा। उनकी पेंटिंग्स में संगम का दृश्य, गंगा आरती, नागा साधुओं की छवियां, श्रद्धालुओं की आस्था और पूजा-अर्चना के अद्भुत दृश्य प्रमुख रूप से देखने को मिलें। छात्रों ने कड़ी मेहनत और अपनी कल्पनाशक्ति का प्रयोग करते हुए महाकुंभ की धार्मिक और सांस्कृतिक महिमा को बाखूबी प्रदर्शित किया।महाकुंभ के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली पेंटिंग्स ने सभी को आकर्षित किया।छात्रों ने अपनी कलात्मक क्षमता और भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी समझ का परिचय दिया। 
इस गतिविधि के माध्यम से छात्रों ने यह संदेश दिया कि भारतीय परंपराओं और त्योहारों को समझना और उनका आदर करना हमारी सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करता है। 
विद्यालय के चेयरमैन निवर्तमान विधायक संजय कुमार गुप्ता ने छात्रों की रचनात्मकता की सराहना करते हुए कहा,महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी भारतीय संस्कृति का अद्भुत प्रतीक है। इस प्रकार की गतिविधियां छात्रों को अपनी जड़ों से जोड़ने और उनकी कला को निखारने में मदद करती है।" डायरेक्टर श्रीमती सीमा पवार ने छात्रों की सराहना करते हुए कहा,इस प्रकार की कला-गतिविधियां न केवल छात्रों के मानसिक और कलात्मक विकास में सहायक होती है, बल्कि उन्हें अपने देश की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराती है। हमारा विद्यालय सदैव ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत रहेगा। 
छात्रों ने इस अवसर पर अपने अनुभव साझा किए और कहा कि इस गतिविधि ने उन्हें महाकुंभ के महत्व को गहराई से समझने का अवसर दिया। उन्होंने कला के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करने पर गर्व महसूस किया। 
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों ने भी छात्रों के इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की रचनात्मक गतिविधियां बच्चों को उनके शैक्षणिक जीवन से परे जाकर नई दिशाओं में सोचने और अपने व्यक्तित्व को निखारने का अवसर प्रदान करती है। विद्यालय ने इस सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों और शिक्षकों को बधाई दी। इस तरह की गतिविधियां न केवल छात्रों को रचनात्मक बनाने में सहायक होती है। बल्कि, उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने की प्रेरणा भी देती है। कौशाम्बी प्रेसिडेंसी स्कूल भीटी इस दिशा में भविष्य में भी इसी तरह के आयोजन करता रहेगा। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-365, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. मंगलवार, दिसंबर 31, 2024

3. शक-1945, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 25 डी.सै., अधिकतम- 19 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित) 

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