सोमवार, 2 दिसंबर 2024

एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया

एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया 

पंकज कपूर 
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को डाट काली मंदिर देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने एक्सप्रेस वे के निर्माण में इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का कार्य अन्तिम चरण में हैं। 
इस एक्सप्रेसवे का तेजी से निर्माण होने पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मोदी एवं केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस वे के पूर्ण होने पर देहरादून से दिल्ली का सफर मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण हो जाएगा। इससे जहां लोगों का आवागमन सरल होगा। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को और सुगमता होगी। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी को बढ़ाने, पयर्टन और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी यह प्रोजेक्ट सहायक सिद्ध होगा। इस प्रोजेक्ट में इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय करते हुए एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी बनाया गया है, जो वन्यजीवों की सुरक्षा एवं उनकी आवाजाही को मुक्त और पूर्ण तरीके से सुरक्षित बनाएगा। 

संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने का आग्रह किया: सीएम

संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने का आग्रह किया: सीएम 

मिनाक्षी लोढी 
कोलकाता। बांग्लादेश में फिलहाल तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। इस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिंता जताई है। उन्होंने सोमवार को केंद्र से पड़ोसी देश में शांति लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने का आग्रह किया। इसके साथ ही विदेशी धरती पर सताए गए भारतीयों को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की। 
उन्होंने यह भी मांग की कि विदेश मंत्री को बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति पर भारत के रुख से संसद को अवगत कराना चाहिए। सीएम ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी खुद यह काम करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं तो विदेश मंत्री को मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान इस पर बात रखनी चाहिए। 
दिन के सत्र के पहले चरण के दौरान विधानसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर टिप्पणी करना उनके अधिकार क्षेत्र से परे है, क्योंकि बंगाल देश के संघीय ढांचे में केवल एक राज्य है। हालांकि, हालिया घटनाक्रम और बांग्लादेश में रहने वाले कई लोगों के रिश्तेदारों द्वारा बताए गए अनुभव, हमारी तरफ आने वाले लोगों की गिरफ्तारी और इस्कॉन के प्रतिनिधियों के साथ मेरी बातचीत ने, मुझे इस सदन में यह बयान देने के लिए मजबूर किया है। 
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि वह इस मामले पर आधिकारिक टिप्पणी करने के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। इसलिए विदेश मंत्रालय से इस मुद्दे को बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ और यदि आवश्यक हो, तो संयुक्त राष्ट्र के साथ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो बांग्लादेश की (अंतरिम) सरकार से बात कर एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना को भेजा जाए ताकि सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद मिल सकें। यह कहते हुए कि सताए गए भारतीयों को बचाने और सीमा के इस ओर उनका पुनर्वास करने की तत्काल आवश्यकता है। 
मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर जरूरी हुआ, तो हम बांग्लादेश में जिन भारतीयों पर हमला हो रहा है उनका पुनर्वास कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर हमें अपनी एक रोटी उनके साथ साझा करने में कोई समस्या नहीं है। उनके लिए भोजन की कोई कमी नहीं होगी। 
बनर्जी ने जोर देकर कहा कि वह बांग्लादेश और अन्य जगहों पर रहने वाले सभी समुदायों के बीच सद्भाव, भाईचारे के संबंध और सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की आशा करती हैं। 
कुछ समय पहले गलती से बांग्लादेश के जलक्षेत्र में प्रवेश करने वाले 79 भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने कहा कि हमारे मछुआरे अब भी उनके कब्जे में हैं और उन्हें रिहा किया जाना बाकी है। उन्होंने याद करते हुए कहा, 'जब बांग्लादेश के मछुआरे हमारे जल क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे, तो हमने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की थी। 
सीमा के दूसरी ओर कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के बावजूद केंद्र सरकार पर पिछले 10 दिनों से चुप रहने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने भाजपा का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, 'वे अपने केंद्रीय नेतृत्व से बांग्लादेश की स्थिति में केंद्र को सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करने के लिए क्यों नहीं कहते ? इसके बजाय, उनके नेता हमारी भूमि सीमाओं के साथ माल की आवाजाही को बंद करने की मांग कर रहे हैं।' 
उन्होंने कहा, 'उन्हें पता होना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय सीमा समझौतों के अनुसार, वस्तुओं की आवाजाही रोकना हमारे हाथ में नहीं है। हम केवल केंद्र द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के छह नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और स्पीकर बिमान बनर्जी भी मौजूद रहें। 13 नवंबर को हुए उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले छह विधायकों में सीताई से संगीता रॉय, मदारीहाट से जयप्रकाश टोप्पो, नैहाटी से सनत डे, हरोआ से एसके रबीउल इस्लाम, मेदिनीपुर से सुजॉय हाजरा और तलडांगरा से फाल्गुनी सिंहबाबू शामिल हैं। राज्यपाल द्वारा नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाते ही तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने 'जय बांग्ला' के नारे लगाएं। 

निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की गई: डीएम

निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की गई: डीएम 

सुशील केसरवानी 
कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा सम्राट उदयन सभागार में राष्ट्रीय पोषण मिशन एवं आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक तहसीलों के एक-एक विकास खण्ड में कैम्प का आयोजन कर अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं की गोद भराई, बच्चों का अन्नप्राशन एवं सैम/मैम बच्चां का वजन कराया जाय। उन्होंने कहा कि कैम्प में महिला ग्राम प्रधानों को आमन्त्रित किया जाएं, जिससे सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को महिलाओं तक पहुॅचाकर लाभान्वित/सम्मानित किया जा सकें। उन्होंने अच्छा कार्य करने वाली ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्मानित भी किया जाएं। 
उन्होंने कहा कि जो भी ऑगनबाड़ी केन्द्र समय से खुलता हुआ न पाया जाएं, उस केन्द्र के ऑगनबाड़ी कार्यकत्री के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मूरतगंज ब्लॉक के ग्राम-फादिलाबाद में आंगनबाड़ी भवन के हो रहें निर्माण कार्य की प्रगति धीमी पाये जाने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए ऑगनबाड़ी भवन के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कराने एवं जब तक हैण्डओवर नहीं हो जाता है। तब तक जे.ई. का वेतन रोकने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने ऑगनबाड़ी भवनों में चल रहें कायाकल्प के कार्य का निरीक्षण एडीओ पंचायतों द्वारा कराये जाने के निर्देश दिए। 
जिलाधिकारी ने सीडीपीओ, ऑबनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सुपरवाइजरों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन ऑबनबाड़ी केन्द्रों में कायाकल्प का कार्य कराया जाना है, उसकी सूची एक सप्ताह के अन्दर अवश्य उपलब्ध कराएं। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सैम बच्चों को चिहिन्त कर मैम/सासान्य श्रेणी में परिवर्तित करने के लिए पूरे मनोयोग से कार्य करें। 
उन्हांने सभी सुपरवाइजरों एवं सीडीपीओ को घर-घर जाकर सैम बच्चों को चिहिन्त कर उन्हें एनआरसी में भर्ती कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद में मातृ शिशु मृत्यु दर कम से कम करने के लिए आरबीएसके की टीम एवं ऑगनबाड़ी सुपरवाइजरों की एक टीम बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। 
इसके साथ ही उन्होंने आरबीएसके की टीम को गॉव-गॉव भ्रमण कर ऑगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण एवं पोषण ट्रैकर को चेक करने के निर्देश दिए। जिला कार्यक्रम अधिकारी रेनू वर्मा द्वारा बताया गया पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषण की जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अप्रैल 24 से नवंबर 24 तक जिले के सभी विकास खंड से कुल 112 बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराए गए, जिसमें से 35 बच्चे सुधार होकर मध्यम श्रेणी में और 40 बच्चे पूरी तौर से सामान्य की श्रेणी में आ गए हैं। 
अन्य बच्चों के भी वजन और लंबाई में वृद्धि हो रही है। अगस्त 24 में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के मोटिवेट करने से कसिया मूरतगंज की मोनी चौरसिया द्वारा अपने बच्चे प्रतीक चौरसिया को पोषण पुनर्वास केंद्र भर्ती होकर 14 दिन रूककर इलाज कराया गया। आज बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। इतना ही नहीं मोनी चौरसिया ने कसिया क्षेत्र के अन्य कमजोर बच्चों की माताओ को अपने बच्चे के पोषण पुनर्वास केंद्र से इलाज करा कर स्वस्थ होने का उदाहरण बता कर निखिल पिता राकेश,रिवांश पिता राम मूरत, हिमांशु पिता रमेश चंद्र को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजने के लिए प्रेरित किया। आज यह सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। 
डीपीओ द्वारा अवगत कराया गया कि कड़ा गांव विकासखंड कड़ा के इशू और अंश पिता दिलीप, नगर पंचायत अझुवा के अंबेडकर नगर से प्रिंस पिता संजय कुमार सिद्धार्थ पिता जगत नारायण विश्वकर्मा ने भी अपने बच्चों का इलाज करा कर पूरी तौर से अपने बच्चों को स्वस्थ कर लिया गया है। पोषण पुनर्वास केंद्र में 14 दिन भर्ती होने पर अभिभावक को खाना नाश्ता, रू0-50 प्रतिदिन के अनुसार अभिभावक के खाते में धनराशि भी प्रेषित किया जाता है। कार्यक्रम अधिकारी द्वारा लोगों से आग्रह किया गया कि प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को सभी आंगनबाड़ी केद्रो पर आयोजित होने वाले वजन दिवस पर अपने 06 वर्ष तक के बच्चों का वजन एवं लंबाई-ऊंचाई की माप जरूर कराएं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ती बहन से अपने बच्चों की पोषण ई-श्रेणी की जानकारी भी जरूर प्राप्त करें, यदि बच्चे का वजन और लंबाई नियमित रूप से बढ़ रहा है, तो बच्चा स्वस्थ की श्रेणी में है। 
स्वस्थ बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास उसके पोषण एवं पढ़ाई को निर्धारित करता है। सभी अभिभावको को अपने बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य के प्रति अच्छे तरह से ध्यान देने की जरूरत है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हिन्द प्रकाशमणि एवं प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी रेनू वर्मा सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहें। 

अभिनय से संन्यास लेने का ऐलान किया: विक्रांत

अभिनय से संन्यास लेने का ऐलान किया: विक्रांत 

कविता गर्ग 
मुंबई। बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता विक्रांत मैसी ने अभिनय से संन्यास लेने का ऐलान किया है। अपनी दमदार एक्टिंग के लिए मशहूर विक्रांत मैसी इन दिनों 'द साबरमती रिपोर्ट' को लेकर चर्चा में हैं। गोधरा कांड पर आधारित यह फिल्म हाल ही में रिलीज हुयी है, जिसे दर्शकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। इस बीच विक्रांत ने अपने एक पोस्ट से सोशल मीडिया में हलचल मचा दी है। 
विक्रांत मैसी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक भावनात्मक नोट के माध्यम से अभिनय से सन्यास लेने का ऐलान किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, पिछले कुछ वर्ष और उसके बाद के वर्ष अभूतपूर्व रहे हैं। मैं आपके अमिट समर्थन के लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं। लेकिन जैसे-जैसे मैं आगे बढ़ता हूं, मुझे एहसास होता है कि अब समय आ गया है कि मैं घर वापस जाऊं, खुद को संभालूं एक पति, पिता और एक बेटे के रूप में तथा एक अभिनेता के रूप में भी। तो 2025 में हम एक दूसरे से आखिरी बार मिलेंगे। पिछली दो फिल्में और कई साल की यादें, आप सभी का फिर से शुक्रिया और मैं आप सभी का हमेशा ऋणी रहूंगा। विक्रांत मैसी ने अपने पोस्ट में अभिनय से सन्यास लेने की वजह का खुलासा नहीं किया है। 
विक्रांत मैसी ने संन्यास लेने का फैसला ऐसे समय में किया है, जब उनका करियर अपने चरम पर है। '12वीं फेल', 'द साबरमती रिपोर्ट' और 'सेक्टर 36' में अपनी यादगार भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले विक्रांत मैसी के इस फैसले से उनके प्रशंसकों को काफी निराश किया है। 

कांग्रेस नेताओं ने 'एससी' का दरवाजा खटखटाया

कांग्रेस नेताओं ने 'एससी' का दरवाजा खटखटाया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। मंदिर-मस्जिद सर्वे से उपजे विवादों पर रोक लगाने के लिए कांग्रेस नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस तरह के विवाद से देश में सांप्रदायिक सद्भाव प्रभावित हो रहा है। 
गौरतलब है कि हाल ही में संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के बाद जिस तरह से हिंसा की घटनाएं हुई और उसके बाद अजमेर दरगाह को भी मंदिर का दावा करने वाली याचिका को निचली अदालत द्वारा स्वीकार किया गया। उसको लेकर देश में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। हालांकि, संभल हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल एक याचिका पर फैसला करते हुए स्पष्ट किया था कि जब तक हाई कोर्ट का इस मामले में कोई निर्णय न जाएं। तब तक निचली अदालत इसमें कोई कार्रवाई नहीं करेंगी। 
अब कांग्रेस नेता आलोक शर्मा और प्रिया मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दोनों नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अदालत केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दें कि वह किसी भी धार्मिक स्थल के सर्वे आदेश को लागू न करें जोकि पैलेस आफ वरशिप एक्ट 1991 के खिलाफ हो। याचिका में आगे लिखा गया कि इस तरह के विवादित मामलों के चलते समाज में आपसी तनाव बढ़ रहा है तथा सांप्रदायिक सद्भाव में कमी आ रही है। दोनों नेताओं ने इस तरह के अदालतों में चल रहे मामलों पर रोक लगाने की मांग की है। 
सुप्रीम कोर्ट में इन याचिकाओं के दाखिल होने के बाद अब सब की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना क्या फैसला सुनाती हैं ? 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-350, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. मंगलवार, दिसंबर 03, 2024

3. शक-1945, कार्तिक, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 25 डी.सै., अधिकतम- 17 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

email:universalexpress.editor@gmail.com 

संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित) 

महाकुंभ: गाइडलाइन व हेल्पलाइन नंबर जारी किए

महाकुंभ: गाइडलाइन व हेल्पलाइन नंबर जारी किए  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ में श्रद्धालु कल्पवास के लिए जाते हैं। उनके लिए जिला आपदा प्...