29 मार्च और 21 सितंबर को लगेगा 'चंद्र ग्रहण'
सरस्वती उपाध्याय
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को महत्वपूर्ण माना गया है। जब भी कोई ग्रहण लगता है, तो उस घटना को खगोलीय घटनाओं में एक माना जाता है। साल 2024 की तरह 2025 में दो सूर्य ग्रहण लगेंगे। साल 2025 में पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च और दूसरा 21 सितंबर को लगेगा। ये दोनों आंशिक सूर्य ग्रहण होंगे, ऐसे में ये दोनों भी भारत में नहीं दिखाई देंगे। इसलिए, इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा। जिन देशों पर यह ग्रहण दिखाई देगा, वहां सूतक ग्रहण के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा।
कब लगता है सूर्य ग्रहण ?
ज्योतिष के मुताबिक, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है, तो सूर्य ग्रहण लगता है।
जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक लाइन में सीधे नहीं होते। इस कारण चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढक पाता है, वही अन्य सूर्य ग्रहण में लोकेशन के कारण भी आंशिक सूर्य ग्रहण दिखता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा पृथ्वी से दूर हो। तब यह पूरी तरह सूर्य को ढक नहीं पाता, जिस कारण हमें सूर्य ग्रहण के दौरान आसमान में एक ‘आग की रिंग’ दिखती है। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण को वलयाकार-पूर्ण ग्रहण कहा जाता है। इसमें यह सूर्य को पूरी तरह ढंकता है, लेकिन कुछ हिस्सा खुला रह जाता है।
अगले साल 2025 मार्च/ सितंबर में लगेंगे सूर्य ग्रहण
साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को होगा।भारतीय समयानुसार 2 : 20 मिनट पर शुरू होगा और 6 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगा। यूरोप, एशिया के कुछ हिस्से, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर में दिखेगा।भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए, इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा।
2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को होगा और यह भी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। यह ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। ग्रहण की शुरुआत रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगी और यह 22 सितंबर की तड़के सुबह 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। यह भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा।
ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं ?
ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ बंद कर देना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के अवधि के दौरान घर के पूजा वाले स्थान को पर्दे से ढक दें।
भूलकर भी देवी-देवताओं की पूजा न करें। सूर्य ग्रहण के दौरान खाना-पीना बिल्कुल न खाएं।
खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दें।
ग्रहण की समाप्ति के बाद घर और पूजा स्थल को गंगाजल का छिड़काव करके शुद्ध किया जाता है।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही ग्रहण देखना चाहिए।