मंगलवार, 22 अक्तूबर 2024

'जिला स्तरीय सतर्कता समिति' की बैठक आयोजित

'जिला स्तरीय सतर्कता समिति' की बैठक आयोजित 

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जनपद स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक संपन्न

सुबोध केसरवानी 
कौशाम्बी। मंगलवार को जिलाधिकारी के निर्देश अनुसार जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक उदयन सभागार में खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित की गई। बैठक में सहायक आयुक्त खाद्य श्रीमती ममता चौधरी द्वारा पिछले त्रिमासिक में विभाग द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया गया। बैठक की अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार गोंड द्वारा की गई। कोटेदारों और एमडीएम का पंजीकरण कराने, पुष्टाहार इकाईयो का पंजीकरण कराने के विशेष निर्देश दिए गए। 
बैठक में विभिन्न ज़िला स्तरीय अधिकारियों, जन-प्रतिनिधियों व व्यापार मंडल के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में अपर जिलाधिकारी द्वारा विभागीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से विभिन्न विभागोँ को आवश्यक निर्देश दिए गए। 
आगामी पर्वों पर स्वस्थ खानपान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सघन व प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से  आवश्यक विषयों पर बैठक में चर्चा की गई। बैठक में खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी शिव प्रताप तिवारी, भरत मिश्रा, नीतिन कुमार व शहाब उद्दीन सिद्दीकी
शामिल रहें। 

भारत के आर्थिक बुनियादी ढांचे मजबूत बने हुए हैं

भारत के आर्थिक बुनियादी ढांचे मजबूत बने हुए हैं 

सुनील श्रीवास्तव 
वाशिंगटन डीसी/न्यूयॉर्क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक परिवेश के लगातार जटिल होते जाने के बावजूद भारत के व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचे मजबूत बने हुए हैं, जो भविष्य के विकास के लिए एक मजबूत आधार के रूप में काम कर रहे हैं। श्रीमती सीतारमण ने यहां कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक परिचर्चा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि 2013 में, भारत बाजार विनिमय दरों पर दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। वर्तमान में, यह पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है,और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अनुमान लगाया है कि यह 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। वैश्विक विकास में भारत के योगदान में अगले पाँच वर्षों में 200 आधार अंकों की वृद्धि होने का अनुमान है। 
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की अच्छी आर्थिक वृद्धि का श्रेय इसके बेहतर कोविड-19 प्रबंधन को दिया जा सकता है, साथ ही सरकार द्वारा अपनी विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करने, डिजिटल और वित्तीय प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करने, नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और व्यापार करने में आसानी बढ़ाने के लिए किए गए उपायों की एक श्रृंखला को भी दिया जा सकता है। 
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वित्तीय समावेशन के विस्तार ने एक अधिक जीवंत और लचीली वित्तीय प्रणाली बनाई है। बैंक खातों वाले वयस्कों की संख्या 2011 से दोगुनी से अधिक हो गई है। जिससे बचतकर्ताओं और निवेशकों का एक बड़ा समूह उपलब्ध हुआ है। वित्तीय पहुँच में यह वृद्धि, अधिक शिक्षित और कुशल कार्यबल के साथ मिलकर, भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में उभरते रुझानों का लाभ उठाने की स्थिति में ला खड़ा करती है। 
वित्त मंत्री ने प्रश्नों के उतर में कहा कि भारत की बैंकिंग प्रणाली मजबूत बनी हुई है। जिसमें गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों का स्तर कम है और पूंजी पर्याप्तता अनुपात उच्च है। वित्तीय क्षेत्र प्रमुख उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक ऋण प्रदान करके विकास को बनाए रखने में महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी आई है, जिसमें भारतमाला और सागरमाला जैसी बड़े पैमाने की परियोजनाओं ने पूरे देश में कनेक्टिविटी सुनिश्चित की है। 
डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश ने अर्थव्यवस्था की झटकों को झेलने की क्षमता को और मजबूत किया है। डिजिटल वित्तीय समावेशन ने उन लाखों नागरिकों तक पहुँच प्रदान की है, जो पहले वंचित थे। श्रीमती सीतारमण ने कहा "2047 तक, जब भारत स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा, तो हमारे पास समृद्धि के एक नए युग को परिभाषित करने का मौका होगा। न केवल हमारे अपने नागरिकों के लिए बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी। दुनिया में भारत की भूमिका बढ़ रही है और हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने, अपने नवाचारों को साझा करने और वैश्विक शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए तैयार हैं।" उन्होंने कहा कि आने वाले दशक इस बात से परिभाषित होंगे कि भारत अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का प्रबंधन कैसे प्रभावी ढंग से करता है, अपनी वैश्विक साझेदारी को मजबूत करता है और तेजी से बदलती दुनिया की जटिलताओं को कैसे पार करता है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि आगे भारत के लिए न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि प्रौद्योगिकी, स्थिरता और समावेशी विकास पर वैश्विक विमर्श को आकार देने के लिए चुनौतियां भी हैं और भरपूर अवसर भी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में जीवन के प्रति व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए और योजनाओं को लागू करते हुए कई कदम उठाए गए हैं, जिन्हें हमने कागजों पर ही नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी लागू किया है। वित्तीय समावेशन, गारंटी मुक्त ऋण, ब्याज में छूट, किफायती आवास, किफायती गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना, स्वच्छता, आयुष्मान भारत कार्ड के माध्यम से गरीबों के लिए स्वास्थ्य बीमा आदि - इन सभी ने गरीबी के विभिन्न पहलुओं को लक्षित किया है, जिससे असमानता कम हुई है। इसलिए, आजकल असमानता को पहले से कहीं बेहतर तरीके से पाटा जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा " प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि महिलाएं नेतृत्व करें और हमेशा उनके लिए बोलते हैं। भारत सरकार की ड्रोन दीदी योजना जिस पर मुझे बहुत गर्व है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को ड्रोन चलाना और उसका उपयोग करना सिखाया जा रहा है। इस योजना ने गांवों में मानसिकता में बदलाव लाया है, जहां महिलाएं अब तकनीक का उपयोग कर रही हैं। अच्छी बात यह है कि सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उठाया गया एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम सफल रहा है और आज ड्रोन दीदियां लखपति दीदियां भी बन रही हैं।" उन्होंने कहा " आज भारत का दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करना है कि हमारे सभी भागीदारों के साथ हमारे ऐसे संबंध हों, जहाँ आर्थिक और सामरिक संबंध मजबूत हो सकें। आज एक तस्वीर उभर रही है कि भारत कई गुटों से संबद्ध होने के बावजूद अपनी तटस्थ, गुटनिरपेक्ष स्थिति बनाए हुए है।" श्रीमती सीतारमण ने कहा " जब भारतीय अर्थव्यवस्था की बात आती है तो सरकार की अपने 1.4 अरब नागरिकों के प्रति बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। 
हमारा कर्तव्य है कि हम सुनिश्चित करें कि उनकी आकांक्षाएँ पूरी हों और उन्हें वे सुविधाएँ प्रदान करें जो वे चाहते हैं। इसके लिए हमें भारत के हितों को सबसे ऊपर रखना होगा।" वित्त मंत्री ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी एक ऐसी चीज है जिस पर प्रत्येक राष्ट्र का अपना दृष्टिकोण होता है। इसके लिए समाधान राष्ट्र-विशिष्ट और देश के संदर्भ में उपयुक्त होने चाहिए। जैसे, भारत के भीतर कई भू-जलवायु पारिस्थितिकी तंत्र हैं। इसलिए, जो समाधान पहाड़ों के लिए उपयुक्त हो सकता है। वह अर्ध-शुष्क मैदानों के लिए अच्छा नहीं हो सकता। 

भारत: 'बीएसएनएल' ने कई नई सेवाएं पेश की

भारत: 'बीएसएनएल' ने कई नई सेवाएं पेश की 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने मंगलवार को कई नई सेवाएं पेश की। इनमें ‘स्पैम ब्लॉकर्स’ से लेकर स्वचालित सिम कियोस्क और डायरेक्ट-टू-डिवाइस सेवाएं शामिल हैं। बीएसएनएल ने सीडैक के साथ साझेदारी में खनन कार्यों के लिए कम विलंबता वाली 5 जी संपर्क सेवा भी शुरू की है। 
इसमें भारत में निर्मित उपकरणों और बीएसएनएल की प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता का लाभ उठाया गया है। संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुल सात नई सेवाओं की शुरुआत की। बीएसएनएल की नई सेवाओं का अनावरण करते हुए सिंधिया ने कहा कि बीएसएनएल सरकार का एक प्रमुख उद्यम है। एक प्रमुख उद्यम जो हमारे देश के प्रत्येक नागरिक की आकांक्षाओं, सपनों तथा अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। सिंधिया ने कहा कि बीएसएनएल वर्षों से विभिन्न उपलब्धियां हासिल करते हुए लोगों की सेवा कर रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि परिदृश्य प्रतिस्पर्धी तथा समेकित होने पर बीएसएनएल नई चुनौतियों से पार पा लेगी। सिंधिया ने इसे भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि बीएसएनएल ने अपना स्वयं का 4जी दूरसंचार ढांचा तैयार किया है, जिसे 5जी में बदला जा सकता है। 
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि बीएसएनएल प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण में सदैव अग्रणी रहेगी। मंत्री ने कहा कि अगले साल के मध्य तक बीएसएनएल के पास 1,00,000 4जी ‘साइट’ होंगी। उस समय कुछ ‘साइट’ पर 5जी सेवा होगी। 

बालों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं 'तिल'

बालों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं 'तिल' 

सरस्वती उपाध्याय 
बालों की सेहत के लिए तिल एक बेहतरीन सामग्री है। विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर तिल स्कैल्प को पोषण देता है और बालों को मजबूत बनाता है। तिल में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल, और हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं। इसके अलावा, तिल में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। 
तिल में मौजूद ओमेगा-3, ओमेगा-6, और ओमेगा-9 फैटी एसिड स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं और बालों को आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, बालों का विकास तेज़ होता है, और समय से पहले बाल झड़ने की समस्या कम होती है। इसके अलावा, तिल में मौजूद विटामिन और मिनरल स्कैल्प को स्वस्थ रखने और बालों के टूटने को कम करने में मदद करते हैं। 
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर तिल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने में मदद करता है। तिल में मौजूद ज़रूरी पोषक तत्व जैसे कॉपर और आयरन, मेलेनिन के उत्पादन के लिए ज़रूरी होते हैं, जो बालों को रंग प्रदान करता है। इन ज़रूरी तत्वों को शरीर को प्रदान करके, तिल स्वस्थ बालों के रंग को बनाए रखने और समय से पहले सफेद बाल आने से रोकने में मदद कर सकता है। 
अच्छी तरह से गर्म किए हुए नारियल तेल में दो चम्मच तिल डालें और इसे अपने स्कैल्प पर लगाकर मालिश करें। 15 मिनट बाद हर्बल शैम्पू से धो लें। यह पैक समय से पहले सफेद बाल आने से रोकने के लिए बेहतरीन है। एक कटोरी में थोड़ा सा तिल का तेल लें। फिर इसमें थोड़ा सा जेल मिलाएं। अच्छी तरह मिलाने के बाद इसे अपने स्कैल्प पर लगाएं। यह बालों के विकास के लिए एक बेहतरीन पैक है। 

स्कूलों में अस्त्र-शस्त्र व शास्त्र की कक्षा लागू करें

स्कूलों में अस्त्र-शस्त्र व शास्त्र की कक्षा लागू करें 

हरिओम उपाध्याय 
नई दिल्ली। हिंदूवादी भाजपा सनातनी नेता धर्मगुरु राजू चंदेल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मांग करते हुए कहा कि देश के तमाम राज्यों के स्कूलों में सनातनी जाति के तमाम वर्गों के बच्चों के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में शस्त्र व शास्त्र के ज्ञान की कक्षा शुरू की जाएं। 
त्रेता युग से लेकर द्वापर युग तक यह तमाम शिक्षा विद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा भी सनातनी जाति के बच्चों को दी जाती थी। परंतु मुगल काल और अंग्रेजी हुकूमत के चलते यह शिक्षा प्रणाली एवं कक्षाएं बंद कर दी गई। ऐसा करने से सनातनी वर्ग के बच्चे कमजोर व निर्बल-दुर्बल साबित हो रहे हैं। 
चंदेल ने कहा कि सनातनी हिंदू जाति के बच्चे निर्बल-दुर्बल ना हो। इसीलिए उनके प्रथम कक्षा से लेकर 12 वीं कक्षा तक बच्चों को शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा दी जाए। ऐसा करने से शास्त्रों के पढ़ने से हमारे गौरवशाली इतिहास के बारे में सनातनी हिंदू जाति के बच्चों को अपने देवी-देवता और अपने गौरवशाली भारत के इतिहास की जानकारी होगी। शस्त्र के ज्ञान होने से वह निर्बल-दुर्बल नहीं रहेगा। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-309, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, अक्टूबर 23, 2024

3. शक-1945, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 35 डी.सै., अधिकतम- 39 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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'जिला स्तरीय सतर्कता समिति' की बैठक आयोजित

'जिला स्तरीय सतर्कता समिति' की बैठक आयोजित  खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जनपद स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक संपन्न सुब...