शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2024

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित 

सरस्वती उपाध्याय 
हिंदू धर्म में, चंद्रघंटा देवी महादेवी का तीसरा नवदुर्गा रूप है। जिसकी पूजा नवरात्रि (नवदुर्गा की नौ दिव्य रातें) के तीसरे दिन की जाती है। उनके नाम चंद्रघंटा का अर्थ है "जिसके पास घंटी के आकार का आधा चाँद है"। उनकी तीसरी आँख हमेशा खुली रहती है, जो बुराई के खिलाफ लड़ाई के लिए उनकी निरंतर तत्परता को दर्शाती है। उन्हें चंद्रखंडा, वृकवाहिनी या चंद्रिका के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि वह अपनी कृपा, वीरता और साहस से लोगों को पुरस्कृत करती हैं। उनकी कृपा से भक्तों के सभी पाप, संकट, शारीरिक कष्ट, मानसिक क्लेश और भूत-प्रेत बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं।

मंत्र... 

पिण्डजप्रवरारुढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

दंतकथा... 

शिव पुराण के अनुसार, चंद्रघंटा भगवान शिव की शक्ति हैं, जो चंद्रशेखर के रूप में हैं। शिव के प्रत्येक पहलू में शक्ति है, इसलिए वे अर्धनारीश्वर हैं। 
कई वर्षों तक तपस्या करने के बाद पार्वती ने भगवान शिव से विवाह किया। विवाह के बाद हर स्त्री के लिए एक नया जीवन शुरू होता है। जब पार्वती शिव के घर गईं तो उनका पूरे दिल से स्वागत किया गया। जैसे ही वह शिव निवास वाली गुफा में पहुँचीं, गुफा में गंदगी फैली हुई थी और सभी चीजें इधर-उधर बिखरी हुई थीं। सबसे बड़ी चिंता मकड़ी के जाले थे। पार्वती ने अपने विवाह के परिधान में झाड़ू ली और पूरी गुफा को साफ किया। दिन बीतते गए और पार्वती अपने नए घर में नए लोगों के साथ बस गई। 
जब यह सब हो रहा था, एक नया राक्षस, तारकासुर ने ब्रह्मांड में जड़ें जमा लीं। तारकासुर की शिव के परिवार पर बुरी नजर थी। वह पार्वती पर बुरी नजर रखता था ताकि उसकी मृत्यु का वास्तविक कारण काट सके। उसे वरदान था कि वह केवल शिव और पार्वती के जैविक पुत्र द्वारा ही मारा जाएगा। पार्वती और शिव के जीवन में हंगामा खड़ा करने के लिए, उसने जतुकासुर नामक एक राक्षस को नियुक्त किया। जतुकासुर एक दुष्ट चमगादड़-राक्षस है। वह और उसकी सेना पार्वती पर हमला करने के लिए आई थी। इन सब से अनजान पार्वती अपने दैनिक कामों में व्यस्त थीं। उस समय, शिव गहन तपस्या कर रहे थे, पार्वती कैलास पर्वत पर रोजमर्रा के काम निपटा रही थीं। इस स्थिति का फायदा उठाकर, जतुकासुर ने युद्ध का आह्वान किया और कैलास पर्वत की ओर कूच कर दिया। 
जतुकासुर ने अपनी चमगादड़ों की सेना के पंखों की सहायता से आकाश को ढक लिया। एक-एक करके सभी क्रूर और दुष्ट चमगादड़ों ने शिव गणों पर आक्रमण कर दिया। इससे पार्वती भयभीत हो गई। तब तक इन चमगादड़ों ने उत्पात मचा रखा था और नव सुसज्जित पार्वती, कैलास क्षेत्र को नष्ट करना शुरू कर दिया था। इससे पार्वती क्रोधित हुईं, लेकिन वे भयभीत रहीं। पार्वती के मन में नंदी से सहायता मांगने का विचार आया। इसलिए उन्होंने नंदी की खोज की, लेकिन नंदी कहीं दिखाई नहीं दिए। पार्वती का भय बढ़ गया। लगातार पराजय का सामना करने के बाद, शिवगण पार्वती के पास आए और उन्हें बचाने की गुहार लगाई। पार्वती रोती हुई शिव के पास गईं, जहां वे तपस्या कर रहे थे, लेकिन वे असहाय थीं। शिव अपनी तपस्या छोड़ने में असमर्थ थे। उन्होंने पार्वती को उनकी आंतरिक शक्ति के बारे में याद दिलाया और कहा कि वे स्वयं शक्ति का स्वरूप हैं। 
पार्वती अंधेरे में बाहर गईं और उन्हें मुश्किल से कुछ दिखाई दे रहा था। इस पर काबू पाने के लिए उन्हें चांद की रोशनी की जरूरत थी। पार्वती ने चंद्रदेव से मदद मांगी और उन्होंने युद्ध के मैदान को रोशन करके पार्वती का साथ दिया। पार्वती ने युद्ध के दौरान चंद्रदेव को अर्धचंद्र के रूप में अपने सिर पर पहना था। पार्वती को मंद रोशनी में चमगादड़ों से लड़ने में सक्षम सेना की आवश्यकता थी। भेड़ियों का एक विशाल झुंड पार्वती की सहायता के लिए आया। भेड़ियों ने चमगादड़ों पर हमला कर दिया और पार्वती ने जातकासुर से युद्ध किया। एक लंबी लड़ाई के बाद पार्वती को पता चला कि शैतान आकाश में चमगादड़ों से सक्रिय होता है। इसलिए पार्वती युद्ध के मैदान में एक घंटा लेकर आईं और इसे जोर से बजाया, तो चमगादड़ उड़ गए। भेड़ियों में से एक ने जातकासुर पर छलांग लगा दी। वह जमीन पर गिरने पर दहाड़ने लगा। 
एक हाथ में चाकू और दूसरे हाथ में घंटा, माथे पर चंद्रमा और भेड़िये पर बैठी पार्वती के इस भयावह रूप को ब्रह्मदेव ने चंद्रघंटा नाम दिया है। बाद में शिव ने पार्वती से कहा कि यह युद्ध किसी भी व्यक्ति को किसी भी युद्ध और बाधाओं (आंतरिक या बाहरी) के डर को दूर करने का साहस प्रदान करेगा। साथ ही, कोई भी महिला अपने पति के बिना कमजोर या असहाय नहीं है।

रूप... 

इस खंड की तटस्थता विवादित है। ( जनवरी 2023 )
चंद्रघंटा के दस हाथ हैं, जिनमें से दो हाथों में त्रिशूल, गदा, धनुष-बाण, खड़क, कमला, घंटा और कमंडल है। जबकि उनका एक हाथ आशीर्वाद मुद्रा या अभयमुद्रा में है। वह भेड़िये पर सवार हैं, जो वीरता और साहस का प्रतीक है। वह अपने माथे पर घंटी का अर्धचंद्र धारण करती हैं और माथे के बीच में तीसरी आंख है। उनका रंग सुनहरा है। शिव चंद्रघंटा के रूप को सुंदरता, आकर्षण और अनुग्रह के एक महान उदाहरण के रूप में देखते हैं। चंद्रघंटा अपने वाहन के रूप में भेड़िये की सवारी करती हैं। हालाँकि कई शास्त्रों के अनुसार "वृकवाहिनी", "वृकहृधा" का उल्लेख है, जिसका अर्थ है भेड़िये (वृक) पर सवार होना (रुधा) या देवी द्वारा उस पर आसन लगाना। देवी चंद्रघंटा का यह रूप देवी दुर्गा द्वारा धारण किया गया एक अधिक योद्धा और स्पष्ट रूप से आक्रामक रूप है। हालांकि, विभिन्न हथियारों से सुसज्जित होने के बावजूद, वह उतनी ही देखभाल करने वाली, दयालु और अपने भक्तों के लिए मातृ गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं। जबकि, इस रूप का प्राथमिक कारण राक्षसों का विनाश था। उनका उग्र चित्रण अपने साथ यह प्रोत्साहन लाता है कि उनकी प्रार्थना करने से व्यक्ति को निर्भयता मिल सकती है। वह अन्यथा शांति का अवतार हैं। 
चंद्रघंटा की पूजा करने वाले भक्तों में दिव्य तेज की आभा विकसित होती है। चंद्रघंटा दुष्टों का नाश करने के लिए तत्पर रहती हैं। लेकिन, अपने भक्तों के लिए वे एक दयालु और करुणामयी माँ हैं, जो शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं। उनके और राक्षसों के बीच युद्ध के दौरान, उनके घंटे से उत्पन्न गड़गड़ाहट की ध्वनि ने राक्षसों को स्तब्ध और अचेत कर दिया था। वह हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहती हैं। जो उनके भक्तों के शत्रुओं को नष्ट करने की उनकी उत्सुकता को दर्शाता है। ताकि, वे शांति और समृद्धि में रह सकें। उनका निवास मणिपुर चक्र में है।

'जिला स्वच्छता समिति' की बैठक की गई: डीएम

'जिला स्वच्छता समिति' की बैठक की गई: डीएम 

सर्वे कराकर अवशेष रह गए पात्रों को व्यक्तिगत शौचालय से करें लाभान्वित- डीएम 

पंचायत सहायको द्वारा कुल चयनित 4 लाख 08 हजार 594 लाभार्थियों के शौचालयों का कराया जाना था सत्यापन

सुशील केसरवानी 
कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा उदयन सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत जिला स्वच्छता समिति की बैठक की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के अवशेष एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्राप्त धनराशि से कराये गए कार्यों की समीक्षा के दौरान जिला पंचायतराज अधिकारी को सर्वे कराकर अवशेष रह गए सभी पात्र लोगों को व्यक्तिगत शौचालय से लाभान्वित करने के निर्देश दिए। 
इसके साथ उन्होंने कहा कि लाभार्थियों द्वारा व्यक्तिगत शौचालय का उपयोग किया जा रहा है या नहीं। नियमित सत्यापन कराकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएं। उन्होंने शौचालयों की जियो टैंगिग कराकर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। 
उन्हांने सभी खण्ड विकास अधिकारियों, ए-डीपीआरओ, एडीओ पंचायत एवं डीसी को आपसी समन्वय बनाकर अपने-अपने विकास खण्डों के मॉडल ग्रामों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान मॉडल ग्रामों का मानक के अनुसार मॉनीटरिंग करेंगे एवं ग्रामवासियों से बात-चीत कर फोटो सहित अवगत कराएंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि पिछली बैठक में प्लास्टिक मैनेजमेन्ट यूनिट इकाई नेवादा एवं मंझनपुर की समीक्षा की गई थी, उस दौरान बताया गया था कि इकाई में विद्युत कनेक्शन का कार्य न होने के इकाई बन्द है, इकाई में विद्युत कनेक्शन का कार्य जल्द से जल्द कराकर इकाई को चालू कराने के निर्देश दिए गये थे। लेकिन उसके उपरान्त भी इकाई का संचालन नहीं हो पाया है। जिस पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त करते हुए 10 दिवस के अन्दर विद्युत कनेक्शन का कार्य कराते हुए इकाई को संचालित कराने के निर्देश दिए। 
बैठक में जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन सुजीत शुक्ला ने बताया है कि 2024-25 में लक्ष्य 19406 के सापेक्ष कुल 22606 शौचालयों का लक्ष्य निर्धारित हुआ है। भारत सरकार के पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों में से 11596 व्यक्ति पात्र पायें गयें, जिनकी एम0आई0एस0 करा दी गयी है, जिसमें से 6624 लाभार्थियों को 02 चरणों में पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से प्रथम किश्त एवं 4750 लाभार्थियों को दोनों किश्त की धनराशि लाभार्थियों के खाते में अवमुक्त कर दी गयी है एवं अभी भी एम0आई0एस0 के सापेक्ष 4972 लाभार्थियों को प्रथम किश्त एवं 1874 लाभार्थियों की द्वितीय किश्त की धनराशि अवमुक्त किया जाना अवशेष है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत शौचालयों की रेट्रोंफिटिंग के अन्तर्गत पंचायत सहायको द्वारा अभियान में कुल चयनित 4 लाख 08 हजार 594 लाभार्थियों के शौचालयों का सत्यापन कराया जाना था, जिसके सापेक्ष 391973 लाभार्थियों का सत्यापन किया जा चुका है। अवशेष 16621 लाभार्थियों के शौचालायों का सत्यापन प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि अब तक वित्तीय वर्ष-2024-25 में कुल 173 ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत 287 ग्रामों को मॉडल ग्राम बनाये जाने पर विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, उपायुक्त स्वतः रोजगार सुखराज बन्धु एवं सभी विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारी सहित अन्य सम्बधित अधिकारीगण उपस्थित रहें। 

सड़क पर थूकने के मामलें को लेकर चिंता जताई

सड़क पर थूकने के मामलें को लेकर चिंता जताई 

कविता गर्ग 
नागपुर। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत आयोजित किए गए कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पान मसाला खाकर सड़क पर थूकने के मामलें को लेकर गहरी चिंता जताई है। 
उन्होंने कहा है कि सड़क पर थूकने वाले लोगों की तस्वीर खींचकर उन्हें अखबारों में प्रकाशित किया जाना चाहिए, ताकि लोग उन्हें देख सके। दरअसल नागपुर नगर निकाय द्वारा आयोजित किए गए स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि लोग जब दूसरे देशों में जाते हैं, तो वहां पर खुद के सभ्य होने का दिखावा करते हुए साफ सफाई के मामले को लेकर अच्छा व्यवहार करते हैं। 
लेकिन, अपने देश में वापस लौटते ही वह साफ सफाई के महत्व को नजरंदाज करते हुए आसानी के साथ सड़क पर कचरे को फेंक देते हैं। इस मौके पर उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए स्वच्छता बनाए रखने पर जोर दिया और सिंगल प्लास्टिक यूज से दूरी बनाकर रखने की लोगों से अपील की। 

24 विमान बनाने के वादे को पूरा करना होगा

24 विमान बनाने के वादे को पूरा करना होगा 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा है कि यदि भविष्य के युद्धों में जीत हासिल करनी है, तो स्वदेशी लड़ाकू विमानों और हथियारों की संख्या बढानी होगी और इसके लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को हर वर्ष 24 विमान बनाने के वादे को पूरा करना होगा। 
दिनों-दिन बदलती परिस्थितियों और मौजूदा युद्धों को देखते हुए वायु सेना की ताकत के बढते महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यदि एचएएल इस चुनौती को पूरा नहीं कर पाता है, तो देश के निजी क्षेत्र को इसके लिए आगे आना होगा। उन्होंने बेबाक अंदाज में कहा कि वायु सेना में लड़ाकू विमानों के स्क्वैड्रनों की संख्या रातों रात नहीं बढायी जा सकती। उन्होंने कहा कि वायु सेना को अभी उसके पास जो विमान और हथियार हैं, उन्हीं के साथ लड़ना होगा। साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि वर्ष 2047 तक वायु सेना के बेड़े के सभी विमान और हथियार स्वदेशी होंगे। उन्होंने कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में तेजी से ढांचागत निर्माण और सुविधाएं बढा रहा है और हम भी अपने क्षेत्र में ढांचागत निर्माण और सुविधा बढाने में लगे हैं। वायु सेना प्रमुख ने वायु सेना के 92 वें स्थापना दिवस आठ अक्टूबर से पहले शुक्रवार को यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में माना कि वायु सेना के पास लड़ाकू विमानों के स्कवाड्रनों की संख्या कम है। लेकिन इसे रातों-रात नहीं बढाया जा सकता। 
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में एकदम कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि यह अल्पावधि या ऐसा मामला नहीं है कि इसे रातों रात खरीद लिया जाये। उन्होंने कहा कि खरीद के साथ साथ प्रशिक्षण भी उतना ही जरूरी है और उसमें समय लगता है। उन्होंने कहा कि न केवल विमान का चयन बल्कि, उसे वायु सेना में शामिल करने में भी समय लगता है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि यदि वायु सेना दो या तीन स्कवाड्रन एकदम खरीद भी लेती है तो उन विमानों के लिए प्रशिक्षण में भी समय लगता है जो जरूरी है। उल्लेखनीय है कि वायु सेना में लड़ाकू विमानों के स्कवैड्रनों की संख्या स्वीकृत संख्या 42 से कहीं कम 31 है। वायु सेना को पिछले करीब एक दशक से विमानों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान तेजस की परियोजना में देरी हो रही है। एच एएल ने प्रत्येक वर्ष 24 विमान बनाने का वादा किया था और इसे पूरा कर लिया जाता है तो विमानों के मामले में वायु सेना की स्थिति सुधर जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि एच ए एल का यह वादा पूरा नहीं हो पाता है तो यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि एच ए एल की कुछ सीमाएं और वास्तविक दिक्कतें होंगी। उन्होंने कहा कि वह भी देशभक्त संगठन है और किसी कारण से काम नहीं हो पा रहा होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि वैसे भी हम एक एजेन्सी पर निर्भर नहीं कर सकते स्वदेशी विमानों की जरूरत को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र को आगे आना होगा। वायु सेना की स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि वायु सेना के पास जो विमान और हथियार हैं उसे उनसे ही लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थिति में प्रशिक्षण का महत्व बढ जाता है और हम उस पर बहुत जोर दे रहे हैं। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वायु सेना युद्ध जैसी स्थितियों में गहन प्रशिक्षण कर रही है और इस पर निरंतर ध्यान दिया जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने तथा उन्हें युद्ध जीतने में सक्षम बनाने के लिए देश की विनिर्माण एजेन्सियों को उत्पादन बढाना होगा। युद्ध और टकराव की स्थिति में यदि आप बाहरी हथियारों पर निर्भर हैं तो निहित स्वार्थ वाले तत्व आपकी आपूर्ति श्रंखला को बाधित कर सकते हैं। उन्होंने कहा , “ यदि आप को युद्ध लड़ना है तो आपके हथियार स्वदेशी होने चाहिए। आप खरीदे हुए हथियारों की आपूर्ति श्रंखला पर भरोसा नहीं कर सकते। हमारे पास अपने देश में बने हथियार होने चाहिए। ” वायु सेना प्रमुख ने देश में बनाये जा रहे विभिन्न विमानों और अन्य हथियारों विशेष रूप से तेजस के सभी स्वरूपों के विनिर्माण की समय सीमा का उल्लेख करते हुए उम्मीद जतायी कि वर्ष 2047 तक वायु सेना के सभी विमान और हथियार स्वदेशी होंगे। चीन के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चीन नियंत्रण रेखा विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में बहुत तेजी से ढांचागत निर्माण और सुविधाएं बना रहा है। उन्होंने कहा कि भारत भी अपने क्षेत्र में ढांचागत निर्माण और सुविधा बढाने लगा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में राज्य सरकारों के साथ बात कर ऊंचे तथा दुर्गम इलाकों में उन्नत हवाई पट्टियां बनायी जा रही हैं। चीन से मुकाबले और तुलना से संबंधित एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चीन को लेकर हमारे अपने आकलन हैं और उन पर हमारा भरोसा है। उन्होंने कहा कि हम प्रशिक्षण तथा एक्सपोजर व अभ्यास के मामले में चीन से बेहतर हैं। साथ ही उन्होंने माना कि प्रौद्योगिकी के मामले में चीन हमसे आगे है। मिसाइलों से सुरक्षा के लिए इजरायल की तर्ज पर आयरन डोम की जरूरत से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए रक्षा प्रणाली खरीद रहा है। यह दूसरी बात है कि समूचे देश में हर महत्वपूर्ण जगह की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में हवाई रक्षा प्रणाली की जरूरत होगी। अग्निवीरों के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में फीडबैक बहुत सकारात्मक है और उनका मनोबल बहुत ऊंचा है। चार वर्ष के कार्यकाल के बाद अग्निवीरों को स्थायी रूप से वायु सेना में शामिल किये जाने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि वायु सेना 25 प्रतिशत से ज्यादा को भी ले सकती है लेकिन इस संबंध में निर्णय वायु सेना को लेना है। इस बार वायु सेना का स्थापना दिवस चेन्नई में मनाया जाएगा। 
इस अवसर पर 6 अक्टूबर को मरीना बीच पर शानदार एयर शो का आयोजन किया गया है। जबकि मुख्य समारोह में 8 अक्टूबर को चेन्नई के तामबरम वायु सेना स्टेशन पर होगा। मरीना बीच पर एयर शो में वायु सेना के 22 तरह के 72 विमान करतबबाजी दिखायेंगे। इस एयर शो काे दस से 12 लाखों लोगों द्वारा देखे जाने का अनुमान है। वायु सेना की इस बार दर्शकों के मामले में लिमिका बुक ऑफ रिकार्ड का रिकार्ड तोड़ने की कोशिश है। 

जरूरतमंद लोगों ने सीएम से मदद की गुहार लगाई

जरूरतमंद लोगों ने सीएम से मदद की गुहार लगाई 

संदीप मिश्र 
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में पहुंचे गंभीर बीमारियों के इलाज में आर्थिक रूप से असमर्थ लोगों ने सीएम से मदद की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि जिन जरूरतमंद लोगों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है। उनके इलाज का खर्च उनकी सरकार उठाएगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में विभिन्न स्थानों से आए तकरीबन 300 लोगों से मुलाकात की और एक-एक करके उनकी समस्याओं को सुना। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्याओं के निस्तारण के लिए पीड़ितों को आश्वस्त करते हुए उनके प्रार्थना पत्र संबंधित अधिकारियों को हस्तगत किये और लोगों को आश्वस्त किया कि किसी को भी अपनी समस्या को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि, सरकार की ओर से सभी लोगों की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यक्रम में कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता संबंधित प्रार्थना पत्र लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचे थे। योगी आदित्यनाथ ने सभी को मदद का भरोसा दिया है। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-350, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, अक्टूबर 05, 2024

3. शक-1945, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 36 डी.सै., अधिकतम- 41 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

email:universalexpress.editor@gmail.com 

संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित) 

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित  सरस्वती उपाध्याय  हिंदू धर्म में, चंद्रघंटा देवी महादेवी का तीसरा नवदुर्गा रूप है।...