सोमवार, 2 सितंबर 2024

डीएम की अध्यक्षता में समितियों की बैठक संपन्न

डीएम की अध्यक्षता में समितियों की बैठक संपन्न 

गणेश साहू 
कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी की अध्यक्षता में उदयन सभागार में जिला पर्यावरणीय समिति, वृक्षारोपण समिति, जिला गंगा समिति एवं वन बंदोबस्त समिति की बैठक सम्पन्न हुई।
जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा जमुना के किनारे जैविक खेती को बढावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया जाए। गंगा/जमुना नदियों में नालों का पानी न गिरने पाएं। जहां कही भी गांव क्षेत्रों में नालियों की निकासी नदियां के तरफ हो उन्हें रोका जाएं। ग्रामवासियो को जागरूक भी किया जाएं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के किनारे जैविक खेती कर रहें कृषकों/संस्थाओं एवं नमामि गंगे के अन्तर्गत किये जा रहें कार्यों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो भी योजनाएं शासन द्वारा चल रही है। उनका सबसे पहला लाभ नदी के किनारे स्थित ग्रामों को मिले।
जिलाधिकारी ने बैठक में गंगा/जमुना के किनारे स्थित ग्रामों में स्वच्छता एवं शौचालयों की स्थिति भी जानी। जिलाधिकारी ने पौधारोपण स्थलों कि जियो टैगिंग की प्रगति रिपोर्ट जानी व अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो वृक्षारोपण अभियान के तहत जो पौधे रोपित किए गए है। उनका सौ प्रतिशत जियो टैगिंग किया जाएं। इसके साथ ही उन्होंने उ.प्र. प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के उपस्थित अधिकारी को मा. राष्ट्रीय हरित अधिकरण, नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में उ.प्र. प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड से सहमति प्राप्त किये बिना संचालित ईंट-भट्ठों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी रामसिंह यादव सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।

26 डॉक्टरों को बर्खास्त करने का निर्देश: पाठक

26 डॉक्टरों को बर्खास्त करने का निर्देश: पाठक 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। यूपी में लापरवाही करने और ड्यूटी से लगातार गैर हाजिर रहने वाले 26 डॉक्टरों पर गाज गिरी है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इन सभी को बर्खास्त करने का निर्देश दिया है।
ड्यूटी के प्रति लापरवाह रहने और गैर हाजिर होने के कारण स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को इन सभी डॉक्टरों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया है। वहीं, तीन चिकित्सकों की दो साल के लिए दो-दो वेतन वृद्धियां रोकीं गई गई हैं और एक को परनिंदा प्रविष्टि दी गई है।
जिन डॉक्टरों पर गाज गिरी है।  उनमें जालौन, बरेली, मैनपुरी, सिद्धार्थनगर, ललितपुर और बलिया के चिकित्सक शामिल हैं। इस सूची में बस्ती, रायबरेली, मथुरा, फिरोजाबाद, बहराइच, सहारनपुर और शाहजहांपुर के भी डॉक्टर शामिल हैं।

सीएम ने अधिकारियों के साथ आपात बैठक की

सीएम ने अधिकारियों के साथ आपात बैठक की 

संदीप मिश्र 
लखनऊ/बहराइच। यूपी के बहराइच जिले में भेड़िए के आतंक को देखते हुए सीएम योगी प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। बैठक के बाद पूरा प्रशासन हरकत में आ गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में हाल के दिनों में घटित मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में उन्होंने विभागीय मंत्री और संबंधित विभाग के अधिकारियों को मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने, उनकी मॉनीटरिंग करने एवं घटनाओं के बढ़ने के कारणों पर मंथन करने के निर्देश दिये ताकि इन पर अंकुश लगाया जा सके। सीएम योगी के निर्देश के बाद मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर कई जिलाधिकारी सक्रिय हो गये और आनन-फानन में टीम बनाकर कॉम्बिंग एवं गांव-गांव में जाकर जन जागरुकता फैलाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के विभिन्न जिलों से आदमखोर भेड़िये या तेंदुए द्वारा हमले की सूचना आ रही है। उन्होंने इन घटनाओं को नियंत्रित करने, वन्यजीव को पकड़ने एवं आवश्यकतानुसार आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित जिलों में प्रशासन, पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत, राजस्व विभाग द्वारा व्यापक जन जागरूकता पैदा करने एवं लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में भी बताने के आदेश दिए। बैठक के बाद वन मंत्री और संबंधित अधिकारी हरकत में आ गए।
वन मंत्री ने बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बिजनौर सहित अन्य जिलों में तत्काल वन विभाग के अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती के निर्देश दिये। साथ ही ज्वाइंट पेट्रोलिंग बढ़ाने का आदेश दिया। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों में कैंप करने, जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लाइट की समस्या हो, वहां पेट्रोमैक्स की व्यवस्था करने का आदेश दिया। बता दें कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा घोषित किया है। इसके जरिये वन्य जीवों के हमले में घायल लोगों अथवा असमय काल-कवलित हुए लोगों के परिवारीजनों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
मानव-वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी, सीतापुर जिलाधिकारी अभिषेक आनंद और लखीमपुर खीरी जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने अपने-अपने जिले में पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग को अावश्यक दिशा निर्देश जारी किये। इसमें रेंज स्तर पर वन क्षेत्रों में गश्त के साथ जंगल से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में गश्त के लिए कार्य योजना के अनुसार वन कर्मियों की टीम रोजाना गश्त करें, इसकी सूचना रजिस्टर पर अंकित करें। आरक्षित वन क्षेत्रों से लगे ग्रामों में मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए बैठकों का आयोजन किया जाए एवं वन्य जीवों से सावधानी बरतने के लिए ग्रामीणों को सजग किया जाए। ग्रामीणों को यह समझाया जाए कि वह अपने खेतों में कृषि कार्य के लिए समूहों में आवाज करते हुए जाएं, जिससे वन्य जीव रास्ते से हट जाएं।
संवेदनशील क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। सार्वजनिक स्थलों पर (मन्दिर, गुरूद्वारा, मस्जिद, स्कूल, स्थानीय बाजार, गन्ना क्रय केन्द्र, खण्ड विकास कार्यालय, तहसील) वन्यजीवों से सावधानी रखने से संबंधित होर्डिंग्स लगवाए जाएं। वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों में रास्ते के किनारे एवं सार्वजनिक स्थलों पर प्रचार-प्रसार के लिए पोस्टर चिपकाए जाएं। साथ ही ग्रामीणों में सतर्कता के लिए पम्पलेट्स बंटवाये जाएं। संयोगवश यदि किसी क्षेत्र में मानव वन्य जीव संघर्ष की कोई घटना घटित होती है, तो तत्काल स्थानीय स्टाफ एवं रेंज स्टाफ द्वारा रेस्क्यू करने के साथ उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाए। वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों में गश्त के दौरान रेंज स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग किया जाए। इसके अलावा स्थानीय स्वयं सहायता समूह, बुद्धिजीवी संवर्ग, ग्राम प्रधान एवं वन्य जीव पशुओं के प्रति संवेदनशील व्यक्तियों से सहयोग लिया जाए। आरक्षित वन क्षेत्र से लगी ग्रामीण सीमाओं एवं पगडंडियों पर स्थानीय स्टाफ द्वारा गश्त एवं एंटी स्नेयर बाक लगातार की जाए। जंगल सीमा से लगे गांवों के ग्राम प्रधानों से स्थानीय वन कर्मियों द्वारा आपस में मोबाइल द्वारा संपर्क रखा जाए।

अब्दुल की अर्जी पर सुनवाई करेंगी खंडपीठ

अब्दुल की अर्जी पर सुनवाई करेंगी खंडपीठ 

पंकज कपूर 
नैनीताल। उत्तराखंड के हल्द्वानी दंगा के प्रमुख आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत अर्जी पर सुनवाई उच्च न्यायालय की खंडपीठ (डबल बेंच) करेगी। एकलपीठ ने सोमवार को जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। आरोपी अब्दुल मलिक की ओर से सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की गयी है। न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में इस मामले में सुनवाई हुई। 
आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की ओर से पैरवी की गई। लेकिन, जमानत पर सुनवाई से पहले सहायक सरकारी (एजीए) अधिवक्ता मनीषा सिंह राना की ओर से अपील की पोषणीयता (मेंटेनेबिलिटी) पर सवाल उठाया दिया गया। उन्होंने कहा कि गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) जैसे गंभीर मामलों में राष्ट्रीय जांच अधिनियम (एनआईए एक्ट) के तहत शेषन कोर्ट को विशेष कोर्ट की शक्तियां प्राप्त हैं और शेषन कोर्ट के आदेश को उच्च न्यायालय की एकल पीठ के बजाय खंडपीठ में चुनौती दी जा सकती है। इसके उलट आरोपी की ओर से कहा गया कि एनआईए एक्ट के तहत यूएपीए जैसे मामलों के लिये स्पेशल कोर्ट का प्रावधान है और शेषन कोर्ट स्पेशल कोर्ट नहीं है। इसलिए एकलपीठ अपील पर सुनवाई कर सकती है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 30 अगस्त को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। आज अदालत ने निर्णय जारी करते हुए कहा कि सत्र न्यायालय को विशेष अदालत का अधिकार प्राप्त है और उसके आदेश को डबलबेंच में ही चुनौती दी जा सकती है। अदालत के आदेश से साफ है कि अब आरोपी की अपील पर सुनवाई हाईकोर्ट की डबलबेंच करेगी। जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत के समक्ष एक कानूनी प्रश्न खड़ा किया गया कि दंगा के आरोपी पर प्रदेश पुलिस ने यूएपीए जैसी गंभीर धारायें आरोपित की हैं। निचली अदालत (शेषन कोर्ट) आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर चुकी है। ऐसे में आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र पर हाईकोर्ट की एकलपीठ को सुनवाई का अधिकार नहीं है। जमानत प्रार्थना पत्र पर युगलपीठ (डबलबेंच) ही सुनवाई कर सकती है। आरोपी की ओर से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से दलील दी गयी कि एनआईए एक्ट के अनुसार ऐसे मामलों की सुनवाई के लिये सरकार की ओर से विशेष अदालतों (स्पेशल कोर्ट) के गठन का प्रावधान है। प्रदेश में विशेष अदालत का गठन नहीं है। इस मामले की जांच प्रदेश की पुलिस कर रही है। इसलिये शेषन कोर्ट के निर्णय के खिलाफ एकलपीठ में जमानत अर्जी लगायी जानी उचित है। अदालत को मामले के वरियता के आधार पर जमानत अर्जी पर सुनवाई करनी चाहिए। वहीं सरकारी अधिवक्ता मनीषा राणा सिंह की ओर से जोरदार पैरवी करते हुए कहा गया कि एनआईए एक्ट में प्रावधान है कि यदि प्रदेश में स्पेशल कोर्ट का प्रावधान नहीं है तो शेषन कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगी। यह भी कहा गया कि शेषन कोर्ट ने एनआईए एक्ट के तहत ही आरोपी की जमानत अर्जी खारिज की है। अदालत ने लंबी चली बहस के बाद इस मामले में निर्णय सुरक्षित रख लिया है कि जमानत अर्जी पर सुनवाई हाईकोर्ट की एकलपीठ करेगी या युगलपीठ। यह तय होने के बाद ही आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई हो सकेगी। 
यहां बता दें कि इसी साल 08 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाने के दौरान दंगा भड़क गया था। एक समुदाय विशेष के लोगों ने आगजनी, तोड़फोड़ और हथियारों से हमला कर दिया था। पुलिस के अनुसार इस दौरान पांच लोगों की मौत हो गयी थी। 
इस मामले में पुलिस ने लगभग 100 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस की ओर से आरोपियों पर यूएपीए और अन्य गंभीर धाराएं आरोपित की गई थीं।

पीडीए अभ्यर्थियों को हक नहीं दे रहीं सरकार

पीडीए अभ्यर्थियों को हक नहीं दे रहीं सरकार 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 69000 शिक्षक भर्ती के पीडीए अभ्यर्थियों को उनका हक या अधिकार नहीं दे रहीं है। अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि भाजपा की नीति पीडीए विरोधी है। भाजपा पिछड़ों, दलितों के आरक्षण के साथ लूट कर रही है। सरकार नौजवानों, किसानों, कर्मचारियों का शोषण कर रही है। 
उच्च न्यायालय के फैसले के बाद शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों को लेकर भाजपा की नीयत साफ नहीं है। अपने हक और आरक्षण को बचाने के लिए शिक्षक अभ्यर्थी लम्बे समय से लगातार संघर्ष कर रहे है। उन्होने कहा कि कई वर्षों की लम्बी लड़ाई के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से न्याय मिला लेकिन सरकार उनका हक नहीं देना चाहती है। भाजपा सरकार मामले को उलझाये रखना चाहती है। मुख्यमंत्री और सरकार के अन्य लोग शिक्षक अभ्यर्थियों की झूठी दिलासा दे रहे हैं। हाईकोर्ट के निर्णय पर अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला लेने के बजाय वे उसे लटकाये रखना चाहते है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार असंवैधानिक कार्य कर रही है। भाजपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। इसका रवैया तानाशाही पूर्ण है। यह सरकार नौजवानों को अपमानित कर रही है। मामला 69000 शिक्षक अभ्यर्थियों का हो, शिक्षामित्रों या अन्य कर्मचारी व नौजवानों का हो, भाजपा सरकार ने सभी के साथ अन्याय किया है। अपने हक के लिए लोकतांत्रिक ढंग से मांग करने वालों पर सरकार पुलिस से लाठियां बरसाती है। 
69 हजार पदों पर आरक्षण की मांग कर रहे अभ्यर्थियों और शिक्षामित्रों को न जाने कितनी बार लाठियों से पीटा गया है। हिरासत में लिया गया और अपमानित किया गया, लेकिन उनकी मांगे नहीं मानी गई। उन्होने कहा कि सरकार के खिलाफ जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आने वाले विधानसभा उपचुनाव और 2027 के आम विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को सत्ता से हटाकर उसके अहंकार को तोड़ देगी।

कैबिनेट मंत्री ने समाधान दिवस का आयोजन किया

कैबिनेट मंत्री ने समाधान दिवस का आयोजन किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। जिले में पुरकाजी विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकदल के विधायक और उत्तर प्रदेश की सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने अपने विधानसभा क्षेत्र में समाधान दिवस का आयोजन किया। इस समाधान दिवस में काफी भीड़ देखने को मिली। जिसमें विभिन्न समस्याओं को लेकर फरियादी कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार से मिले और अपनी समस्या से अवगत कराया।
वहीं, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कैबिनेट मंत्री के इस समाधान दिवस कार्यक्रम में संबंधित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान जो भी फरियादी अपनी समस्या लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार के दरबार पहुंचा तो लोकल की समस्या का मौके पर ही निस्तारण किया गया। बाकी प्रार्थना पत्र को संबंधित अधिकारियों को निस्तारण के लिए भेजे गए हैं।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र के बहुत लोग ऐसे होते हैं जो मंत्री या विधायक तक किसी कारण से नहीं पहुंच पाते, इसलिए उन लोगों के लिए समाधान दिवस का आयोजन किया गया। आपको बता दें कि कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने पहले ही घोषणा की थी, कि वह हर माह के आखिरी शुक्रवार को अपने विधानसभा पुरकाजी क्षेत्र के बदला स्थित डाक बंगले पर मौजूद रहकर विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुनेंगे और उनका निस्तारण भी कराएंगे

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-318, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. मंगलवार, सितंबर 03, 2024

3. शक-1945, भाद्रपद, शुक्ल-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 36 डी.सै., अधिकतम- 41 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय  (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

email:universalexpress.editor@gmail.com 

संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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