सीएम ने ईडी की कार्रवाई को गुंडागर्दी करार दिया
इकबाल अंसारी
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार और अन्य लोगों के परिसरों की मंगलवार को तलाशी ली। ईडी के अधिकारियों ने पीएमएलए के तहत सुबह सात बजे से करीब 10-12 परिसरों में शाम तक तलाशी अभियान चलाया। इधर ईडी की कार्रवाई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुंडागर्दी करार दिया।
मेरे PA के घर आज 16 घंटे ED के 23 अफ़सरों ने रेड की। गहन छानबीन के बाद उन्हें कुछ नहीं मिला। एक पैसा नहीं मिला, कोई ज्वैलरी नहीं या किसी प्रकार की कोई संपत्ति नहीं, कोई काग़ज़ नहीं।
इन्होंने मनीष सिसोदिया के यहाँ रेड की, वहाँ कुछ नहीं मिला। इन्होंने सत्येन्द्र जैन के यहाँ रेड की।
अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर ईडी रेड को लेकर लंबा पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, मेरे PA के घर आज 16 घंटे ED के 23 अफसरों ने रेड की। गहन छानबीन के बाद उन्हें कुछ नहीं मिला। एक पैसा नहीं मिला, कोई ज्वैलरी नहीं या किसी प्रकार की कोई संपत्ति नहीं, कोई कागज नहीं। इन्होंने मनीष सिसोदिया के यहां रेड की, वहां कुछ नहीं मिला। सत्येन्द्र जैन के यहां रेड की, वहां कुछ नहीं मिला। इन्होंने संजय सिंह के यहां रेड की, वहां कुछ नहीं मिला। क्या ED किसी के भी घर में ऐसे ही बिना किसी कारण घुस सकती है? क्या ये सरासर गुंडागर्दी नहीं है?
अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा, साफ है कि ये सभी रेड और गिरफ्तारियां केवल राजनीतिक द्वेष के तहत की जा रही हैं, हमें परेशान करने के लिए, आम आदमी पार्टी को कुचलने के लिए. दो साल हो गये जांच करते करते। एक नया पैसा या कोई सबूत नहीं मिला। ये देश कानून और संविधान से चलता है। भारत देश किसी की बपौती नहीं है। ये देश 140 करोड़ लोगों का है। इस किस्म की गुंडागर्दी लोग कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की टेंडर प्रोसेस में कथित अनियमितताओं से उत्पन्न करीब 21 करोड़ रुपये की रिश्वत को चुनावी कोष के रूप में आम आदमी पार्टी (आप) को भेजा गया। इस मामले में ईडी 31 जनवरी को सेवानिवृत्त मुख्य इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि अरोड़ा ने डीजेबी के कुछ ठेके 38 करोड़ रुपये में ‘एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ को दिए जबकि कंपनी तकनीकी योग्यता के मानदंड को पूरा नहीं करती थी। ईडी के सूत्रों के अनुसार, जांच में पाया गया कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने कथित तौर पर फर्जी, जाली और झूठे दस्तावेज जमा कर ठेका हासिल किया। ऐसा आरोप है कि अरोड़ा को जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी योग्यता के मानदंड को पूरा नहीं करती है।