'शिक्षक-अभिभावक' संगोष्ठी का आयोजन किया
सुशील केसरवानी
कौशाम्बी। रिद्धि सिद्धि ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के हेलो किड्स, केपीएस भरवारी और एन.डी. कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक प्रगति, व्यक्तित्व विकास, और उनके भविष्य को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों के बीच संवाद को सशक्त बनाना था।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के शिक्षकों द्वारा अभिभावकों का हार्दिक स्वागत करते हुए हुई। उपस्थित अभिभावकों को बच्चों की प्रगति रिपोर्ट, परीक्षा परिणाम और उनकी सह-शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। स्कूल के प्रत्येक कक्षा-शिक्षक ने अभिभावकों के साथ छात्रों की उपलब्धियों और उनके सुधार के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की।
संगोष्ठी में न केवल छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को उजागर किया गया, बल्कि उनके व्यवहार, नैतिक मूल्यों और स्कूल में उनके प्रदर्शन पर भी चर्चा की गई। शिक्षकों ने छात्रों की कमजोरी और उनकी सुधार की रणनीतियों पर अभिभावकों से चर्चा की। अभिभावकों को बच्चों के सह-शैक्षणिक कौशल, जैसे खेलकूद, कला, और सांस्कृतिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी के बारे में भी जानकारी दी गई। अभिभावकों ने अपने बच्चों के लिए शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाने के सुझाव भी साझा किए।
उन्होंने विद्यालय की शिक्षण विधियों और अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं की सराहना की। कई अभिभावकों ने कहा कि इस तरह की संगोष्ठियां उनके बच्चों के विकास को सही दिशा देने में सहायक हैं। संगोष्ठी के दौरान स्कूल प्रशासन ने आगामी परीक्षा प्रणाली, पाठ्यक्रम में बदलाव, और अतिरिक्त गतिविधियों को लेकर अभिभावकों को जानकारी दी। साथ ही, बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल में चलाए जा रहें विशेष कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के चेयरमैन निवर्तमान विधायक संजय कुमार गुप्ता ने कहा कि "शिक्षक-अभिभावक संवाद बच्चों की शिक्षा और व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के आयोजन न केवल बच्चों के विकास की दिशा में सहयोग बढ़ाते हैं। बल्कि, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करते हैं।"
डायरेक्टर श्रीमती सीमा पवार ने अपने संदेश में कहा हमारा लक्ष्य न केवल छात्रों को शैक्षणिक सफलता दिलाना है। बल्कि, उन्हें नैतिक और सामाजिक मूल्यों से भी संपन्न बनाना है। ऐसी संगोष्ठियां अभिभावकों और शिक्षकों के सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाती हैं। "डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मयंक मिश्रा ने कहा,आज की यह संगोष्ठी एक संवाद का पुल है, जो बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने में मदद करेगा। हम अभिभावकों के सुझावों और समर्थन के लिए आभारी हैं।"
अंत में, विद्यालय प्रशासन ने अभिभावकों का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि उनकी हर चिंता पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस संगोष्ठी ने शिक्षक-अभिभावक संवाद को और अधिक प्रभावी और उपयोगी बनाने का अवसर प्रदान किया। इस आयोजन को अभिभावकों और शिक्षकों ने बेहद उपयोगी और प्रेरणादायक बताया।
यह संगोष्ठी न केवल छात्रों के शैक्षिक भविष्य को मजबूत करने का एक प्रयास था, बल्कि उनके सर्वांगीण विकास को भी सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई।
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