निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की गई: डीएम
सुशील केसरवानी
कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा सम्राट उदयन सभागार में राष्ट्रीय पोषण मिशन एवं आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक तहसीलों के एक-एक विकास खण्ड में कैम्प का आयोजन कर अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं की गोद भराई, बच्चों का अन्नप्राशन एवं सैम/मैम बच्चां का वजन कराया जाय। उन्होंने कहा कि कैम्प में महिला ग्राम प्रधानों को आमन्त्रित किया जाएं, जिससे सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को महिलाओं तक पहुॅचाकर लाभान्वित/सम्मानित किया जा सकें। उन्होंने अच्छा कार्य करने वाली ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्मानित भी किया जाएं।
उन्होंने कहा कि जो भी ऑगनबाड़ी केन्द्र समय से खुलता हुआ न पाया जाएं, उस केन्द्र के ऑगनबाड़ी कार्यकत्री के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मूरतगंज ब्लॉक के ग्राम-फादिलाबाद में आंगनबाड़ी भवन के हो रहें निर्माण कार्य की प्रगति धीमी पाये जाने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए ऑगनबाड़ी भवन के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कराने एवं जब तक हैण्डओवर नहीं हो जाता है। तब तक जे.ई. का वेतन रोकने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने ऑगनबाड़ी भवनों में चल रहें कायाकल्प के कार्य का निरीक्षण एडीओ पंचायतों द्वारा कराये जाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सीडीपीओ, ऑबनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सुपरवाइजरों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन ऑबनबाड़ी केन्द्रों में कायाकल्प का कार्य कराया जाना है, उसकी सूची एक सप्ताह के अन्दर अवश्य उपलब्ध कराएं। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सैम बच्चों को चिहिन्त कर मैम/सासान्य श्रेणी में परिवर्तित करने के लिए पूरे मनोयोग से कार्य करें।
उन्हांने सभी सुपरवाइजरों एवं सीडीपीओ को घर-घर जाकर सैम बच्चों को चिहिन्त कर उन्हें एनआरसी में भर्ती कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद में मातृ शिशु मृत्यु दर कम से कम करने के लिए आरबीएसके की टीम एवं ऑगनबाड़ी सुपरवाइजरों की एक टीम बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही उन्होंने आरबीएसके की टीम को गॉव-गॉव भ्रमण कर ऑगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण एवं पोषण ट्रैकर को चेक करने के निर्देश दिए। जिला कार्यक्रम अधिकारी रेनू वर्मा द्वारा बताया गया पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषण की जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अप्रैल 24 से नवंबर 24 तक जिले के सभी विकास खंड से कुल 112 बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराए गए, जिसमें से 35 बच्चे सुधार होकर मध्यम श्रेणी में और 40 बच्चे पूरी तौर से सामान्य की श्रेणी में आ गए हैं।
अन्य बच्चों के भी वजन और लंबाई में वृद्धि हो रही है। अगस्त 24 में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के मोटिवेट करने से कसिया मूरतगंज की मोनी चौरसिया द्वारा अपने बच्चे प्रतीक चौरसिया को पोषण पुनर्वास केंद्र भर्ती होकर 14 दिन रूककर इलाज कराया गया। आज बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। इतना ही नहीं मोनी चौरसिया ने कसिया क्षेत्र के अन्य कमजोर बच्चों की माताओ को अपने बच्चे के पोषण पुनर्वास केंद्र से इलाज करा कर स्वस्थ होने का उदाहरण बता कर निखिल पिता राकेश,रिवांश पिता राम मूरत, हिमांशु पिता रमेश चंद्र को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजने के लिए प्रेरित किया। आज यह सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।
डीपीओ द्वारा अवगत कराया गया कि कड़ा गांव विकासखंड कड़ा के इशू और अंश पिता दिलीप, नगर पंचायत अझुवा के अंबेडकर नगर से प्रिंस पिता संजय कुमार सिद्धार्थ पिता जगत नारायण विश्वकर्मा ने भी अपने बच्चों का इलाज करा कर पूरी तौर से अपने बच्चों को स्वस्थ कर लिया गया है। पोषण पुनर्वास केंद्र में 14 दिन भर्ती होने पर अभिभावक को खाना नाश्ता, रू0-50 प्रतिदिन के अनुसार अभिभावक के खाते में धनराशि भी प्रेषित किया जाता है। कार्यक्रम अधिकारी द्वारा लोगों से आग्रह किया गया कि प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को सभी आंगनबाड़ी केद्रो पर आयोजित होने वाले वजन दिवस पर अपने 06 वर्ष तक के बच्चों का वजन एवं लंबाई-ऊंचाई की माप जरूर कराएं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ती बहन से अपने बच्चों की पोषण ई-श्रेणी की जानकारी भी जरूर प्राप्त करें, यदि बच्चे का वजन और लंबाई नियमित रूप से बढ़ रहा है, तो बच्चा स्वस्थ की श्रेणी में है।
स्वस्थ बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास उसके पोषण एवं पढ़ाई को निर्धारित करता है। सभी अभिभावको को अपने बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य के प्रति अच्छे तरह से ध्यान देने की जरूरत है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हिन्द प्रकाशमणि एवं प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी रेनू वर्मा सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहें।
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