'भाजपा' ने त्यौहारों का राजनीतिकरण किया
संदीप मिश्र
अयोध्या। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने त्यौहारों का भी राजनीतिकरण कर दिया है।
उन्होंने शनिवार को यहां कहा कि दीपोत्सव में सपा सांसद को आमंत्रित न करने पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा की सोच की मानसिकता है कि त्यौहारों का भी राजनीतिकरण कर दिया है। दीपोत्सव में वही गए, जिनको कार्ड दिया गया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस दीपोत्सव में किसानों व गरीबों के लिये कोई जगह नहीं थी। दीपोत्सव में मुझे क्यों नहीं बुलाया गया ? यह भाजपा की सोच है और उनकी विचारधारा है। उनकी मानसिकता हैै कि इन पर्वों को हम सब मिलजुलकर सदियों से मनाते चले आ रहे हैं। तमाम लोग यह कहते हुए पाएं गए कि अगर आप दीपोत्सव में जातें, तो केवल आपकी ही चर्चा होती। इसलिए, मुझको नहीं बुलाया गया। फैजाबाद के सपा सांसद ने कहा कि हमारा देश किसानों का देश है। लेकिन, न तो किसानों को बुलाया गया और न ही गरीबों को।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इन त्यौहारों का राजनीतिकरण कर दिया है। यह देश की एकता के लिये अखंडता व अनेकता में एकता का जो सूत्र है, उस सूत्र को कमजोर करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि गंगा जमुनी संस्कृति है। उस संस्कृति के विपरीत भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सूर्यकांत पाण्डेय ने अयोध्या में संपन्न दीपोत्सव में सांसद अवधेश प्रसाद को आमंत्रित न करके धर्म की राजनीति का खुलासा कर दिया है। भाजपा सरकार द्वारा नियंत्रित प्रशासन ने मौजूदा सांसद को आमंत्रित न करके संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का अपमान किया है, जिसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा। श्री पाण्डेय ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा किये जा रहे धार्मिक कर्मकाण्ड पूर्णतया राजनीतिक पहलू लिए हैं। इनका धर्म का धंधा टिकाऊ नहीं बिकाऊ है। भाजपा ने धर्म को पाखण्ड में बदलकर उसको धंधा बना दिया है।
उन्होंने समाज के बेरोजगार युवाओं का ध्यान भटकाने के लिए तमाम अपसंस्कृतियों का इजाफा कर दिया है। भाकपा नेता ने कहा कि भाजपा ने यह गलत परम्परा डाली है। आने वाली सरकारें इसी का अनुसरण करेंगी तो लोकतंत्र का बड़ा विनाशकारी हश्र होगा। संसद में इस मामले को उठाना चाहिए। इस बीच अयोध्या नगर निगम के महापौर ने सपा सांसद को दीपोत्सव में आमंत्रित न करने के बयान पर कहा कि राजनीति भाजपा नहीं सपा कर रही है। इसके पीछे राजनीति की मंशा देखी जा रही है। सपा सांसद के प्रोटोकाल के तहत व्यवस्था की गई थी। उनके सहयोगियों की भी व्यवस्था की गई थी।
उन्होंने कहा कि सांसद को सद्बुद्धि आएं। जनता ने उनको यहां का प्रतिनिधि चुना है। लेकिन, वह यहां की संस्कृति का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं। अयोध्या नगर निगम के महापौर ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस दीपोत्सव के कारण अयोध्या की पहचान दुनिया भर में बनती चली जा रही है। यह अयोध्या की पहचान से जुड़ा हुआ उत्सव है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह नहीं आएं, उनको आना चाहिये था।
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