शनिवार, 2 नवंबर 2024

अध्यात्म: आज मनाया जाएगा 'भैया दूज' का पर्व

अध्यात्म: आज मनाया जाएगा 'भैया दूज' का पर्व 

सरस्वती उपाध्याय 
भैया दूज का त्योहार भाई-बहन के प्यार और उनके रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है। ये दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है। भैया दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, खुशहाल जीवन और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। 
मान्यता है कि भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी के घर गए थें और उन्होंने उन्हें तिलक किया था। तभी से भाई दूज पर बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं। अलग-अलग स्थानों पर इस पर्व को मनाने का अलग रिवाज है। इसके साथ ही भाई दूज को मनाने के पीछे कई कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं। 
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल-पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 2 नवंबर 2024 की रात 8 बजकर 22 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 3 नवंबर 2024 को रात 11 बजकर 6 मिनट पर होगा। ऐसे में 3 नवंबर 2024 को भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। 

आइए जानते हैं भाई दूज का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, आरती सहित अन्य जानकारी। 

भैया दूज 2024 तिलक लगाने का समय 

भैया दूज 2024 पर भाई को तिलक लगाने का समय सुबह 7:57 से 9:19 बजे के बीच चर चौघड़िया में टीका करने का पहला मुहूर्त होगा। 

भैया दूज मंत्र 

भैया दूज पर बहनें भाई को टीका लगाते समय यह मंत्र बोलें – गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें।। 

यमुना की आरती 

ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता, 
जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता। 
ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा, 
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा। 
ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करें, 
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करें। 
ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही, 
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही। 
ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो, 
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो। 
ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी, 
मन ‘बेचैन’ भय है तुम बिन वैतरणी। 
ॐ ॐ जय यमुना माता, 
हरि ॐ जय यमुना माता। 

भैया दूज कैसे मनाते हैं ? 

भैया दूज का त्योहार भाई और बहन के बीच प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहनें शुभ मुहूर्त में भाई का तिलक करती हैं और आरती के लिए थाल सजाती हैं। इस थाली में वह कुमकुम, सिंदूर, मिठाई, सुपारी, चंदन,फल, फूल आदि सामग्री रखती हैं। इसके बाद वह भाई के माथे पर टीका लगाती हैं। फिर उन्हें फूल, पान, सुपारी, बताशे, सूखा नारियल और काले चने देती हैं और मिठाई खिलाती हैं। आखिरी में भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। 

भैया दूज पूजन सामग्री 

भैया दूज के दिन पूजा की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला रखें। क्योंकि, इन चीजों के बिना भाई दूज का पर्व अधूरा माना जाता है। 

भैया दूज 2024 शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, सुबह 11 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक का समय पूजा के लिए सबसे उत्तम है। इस समय आप अपने भाईयों का तिलक कर सकती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, शुभ मुहूर्त में तिलक करने से भाइयों की उम्र लंबी होती है। साथ ही उनके जीवन में खुशहाली आती है। 

भैया दूज के अन्य नाम 

भैया दूज को भाऊ बीज, भाई दूज, भात्र द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहनें यमराज की पूजा-अर्चना करती हैं और भाई के लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं। 

भैया दूज 2024 कब है ? 

पंचांग के अनुसार, इस साल भैया दूज का त्योहार 03 नवंबर 2024, दिन रविवार को मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाई का तिलक करती हैं और उनके खुशहाल जीवन के लिए कामना करती हैं। इसके साथ ही यमराज की भी पूजा करती हैं। 

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