8 साल की बच्ची से रेप, 20 वर्ष कारावास
इकबाल अंसारी
नई दिल्ली। साल 2016 में आठ साल की बच्ची से रेप के मामलें में दिल्ली की एक अदालत ने 28 वर्षीय युवक को 20 साल की जेल की सजा सुनाते हुए कहा कि, 'रेप एक जघन्य अपराध है।' अतिरिक्त सत्र न्यायधीश बबीता पुनिया रेप के आरोपी के खिलाफ सजा पर बहस सुन रही थीं, जिसे आईपीसी की धारा 376 (2) जिसमें (16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप) के तहत दोषी ठहराया गया था।
वहीं, इस मामले में विशेष लोक अभियोजक श्रवण कुमार बिश्नोई ने इस जघन्य अपराध के लिए अधिक से अधिक सजा की मांग की। किसी भी बच्चे के साथ रेप करना एक जघन्य अपराध है। किसी भी समाज में बच्चे सबसे कीमती संपत्ति हैं। अदालत ने 11 नवंबर को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह समाज का कर्तव्य है कि वह न केवल बच्चों को यौन हिंसा से बचाए बल्कि उन्हें खुश भी रखें।
अदालत ने कहा कि दोषी ने 3 अप्रैल, 20216 को बच्ची को अगवा कर उसके साथ रेप करने का अपराध किया। जब वह नूडल्स खरीदने के लिए खुशी-खुशी भोजनालय जा रही थी, लेकिन वो पल बच्ची के लिए दर्दनाक और हिंसक घटना बन गई, जो जीवन भर उसके साथ रहेगी. न्यायाधीश ने कहा कि रेप के इस जघन्य मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने पीड़िता को 13.5 लाख मुआवजा देने का आदेश भी दिया। निर्भया केस के एक दशक के बाद भी आंकड़ों में ज्यादा परिवर्तन देखने को नहीं मिला है। साल 2022 में रेप के मामले में दिल्ली 19 महानगरों में सबसे शीर्ष पर रही। कहने का मतलब कि शहर में हर दिन रेप के तीन मामले दर्ज किए गए। वहीं, एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में देशभर में 31,677 रेप के मामले दर्ज किए गए थे, मतलब रोजाना 88 मामले दर्ज हुए।
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