शनिवार, 5 अक्तूबर 2024

पुलिस कार्मिकों को 'ई-पेंशन' से जोड़ने के निर्देश

पुलिस कार्मिकों को 'ई-पेंशन' से जोड़ने के निर्देश 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कार्मिकों को 'ई-पेंशन' से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर पुलिस कार्मिक को समय पर पदोन्नति मिलें। उनकी चरित्र पंजिका पर सही विवरण अंकित हो। उनकी योग्यता और प्रतिभा के अनुरूप पदस्थापना मिले और सेवानिवृत्ति के समय देयकों का भुगतान समय से हो। यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने पुलिस कार्मिकों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने और बेहतरीन प्रशिक्षण के लिए व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के भी निर्देश दिए हैं। 
शुक्रवार को अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के सभी अधिकारियों के साथ विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने एक- एक कर सभी एडीजी से उनकी वर्तमान पदस्थापना अवधि में किए गए कार्यों, अपनाए गए नवाचारों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पुलिस की सभी इकाइयों के बीच बेहतर संवाद और समन्वय होना चाहिए। लॉजिस्टिक इकाई हो, अभिसूचना इकाई हो अथवा, एसआईटी, क्राइम, पीआरवी 112 आदि, इकाइयाँ भले ही अलग-अलग हैं। लेकिन, सभी का लक्ष्य एक ही है, प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था बनाएं रखना। इसलिए सभी के बीच बेहतर तालमेल होना आवश्यक है। योगी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी समय पर कार्यालय आएं। किसी भी कार्यालय में कोई फाइल तीन दिन से अधिक लंबित न हो। यदि किसी तरह की समस्या हो तो डीजीपी कार्यालय, गृह विभाग अथवा सीधे मुझसे समय लेकर मिल सकते हैं, लेकिन अनिर्णय की स्थिति न होनी चाहिए। फाइल लंबित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत सारी इकाइयों में फील्ड विजिट बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। एडीजी स्तर के अधिकारी के जिलों में जाने से अच्छा अधीनस्थ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जिलों में जाएं अपनी इकाई से जुड़े कामकाज की समीक्षा करें, जहां सुधार की आवश्यकता हो, उस अनुरूप काम किया जाए। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल में लॉजिस्टिक्स का अभाव न हो। समय-समय पर इसकी समीक्षा करते रहें। हमारा पुलिस बल आधुनिक उपकरणों से लैस होनी चाहिए। अभी 40 अश्वों की आवश्यकता और है, कुंभ में इसकी आवश्यकता पड़ेगी। इनकी क्रय और प्रशिक्षण की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी की जाए। प्रदेश में पहली बार होने जा रही कंडम वीपन्स के निस्तारण की प्रक्रिया को सावधानी से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। हमें इसके लिए हर स्तर पर सतर्क होना होगा। साइबर फ्रॉड के संबंध में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। शिक्षक, उद्यमियों, व्यापारियों, चिकित्सकों सहित अलग-अलग वर्गों के साथ समय-समय पर गोष्ठियां की जाएं, लोगों को साइबर अपराध की घटनाओं से अवगत कराएं, सुरक्षा के तौर-तरीकों से अवगत कराएं। योगी ने कहा कि सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने स्थापित किये जा रहे हैं। इनके भवन निर्माण की कार्यवाही में अनावश्यक देर न की जाए। आवश्यकतानुसार मानव संसाधन की व्यवस्था करें। भारत सरकार द्वारा साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना का प्रस्ताव है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करें। हर जिले के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क क्रियाशील रखें। किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर तत्काल रिस्पॉन्स होना चाहिए। 
फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट, लखनऊ को साधन-संपन्न बनाने के लिए सरकार हर आवश्यक सहयोग देगी। इसके निर्माण संबंधी अवशेष कार्यों को यथाशीघ्र पूरा कराएं। 

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