सीएम ने 10 सेक्टरों में जारी कार्यों की समीक्षा की
संदीप मिश्र
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के संकल्प की पूर्ति की दिशा में प्रयास जारी हैं और इसमें विभागों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में सभी 10 सेक्टरों में जारी कार्यों की समीक्षा की।
उन्होने कहा कि पिछले सात सालों के नियोजित प्रयासों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज सार्वकालिक सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है। 2021-22 में प्रदेश की कुल जीडीपी 16.45 लाख करोड़ रुपये थी, जो आज 2023-24 में 25.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इस वर्ष हमारा जीएसडीपी लक्ष्य 32 लाख करोड़ रुपये का है। सभी के सहयोग से यह लक्ष्य भी पूरा होगा। उन्होने कहा कि इन सात वर्षों में जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक हुई है। उत्तर प्रदेश आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है। सेक्टरवार विकास के हमारे प्रयासों के आशातीत परिणाम मिल रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अलग-अलग सेक्टरों के लिए सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) का जो लक्ष्य रखा गया, उसके सापेक्ष अधिक वृद्धि देखी गई है। कृषि और सहायक सेक्टर के लिए अनुमानित जीवीए 5.85 लाख करोड़ के सापेक्ष 5.98 लाख करोड़, विनिर्माण के 2.48 लाख करोड़ के सापेक्ष 2.79 लाख करोड़, ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज और कम्युनिकेशन के अनुमानित जीवीए के सापेक्ष 129 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।
योगी ने कहा कि एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की प्राप्ति में सभी विभागों की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह लक्ष्य बड़ा है। पिछले वर्ष का रिपोर्ट कार्ड भी विभागों की सक्रियता को प्रदर्शित करता है। हमारी नीति और नियोजन सही है। आवश्यकता है बड़े लक्ष्य के लिए अपनी स्पीड तेज करने की जरूरत है। इसकी रेग्युलर मॉनीटरिंग होनी चाहिए। इसके लिए हर विभाग में इसके लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। नोडल अधिकारी साप्ताहिक, प्रमुख सचिव स्तर पर पाक्षिक और विभागीय मंत्री के स्तर पर मासिक समीक्षा बैठक की जाएं।
उन्होने कहा कि आंकड़ों का संग्रहण शुद्धता के साथ होना आवश्यक है। इसके लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय से संवाद-समन्वय बनाएं। उनके अनुभवों का लाभ लें। डेटा जितना शुद्ध होगा, लक्ष्य के लिए हम उतना ही बेहतर प्रयास कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023-24 में प्रदेश का कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) लगभग 16 प्रतिशत दर्ज किया गया है जबकि वर्तमान वर्ष के लिए 25 प्रतिशत का लक्ष्य है। सभी विभागों को अपने प्रयास तेज करने होंगे। हर सेक्टर में अवसर हैं, हमें नवाचारों को बढ़ावा देना होगा। कृषि सेक्टर में सीड इकोसिस्टम को बेहतर करना होगा, इसके लिए सीड पार्क जैसे प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है। किसानों को दलहन, तिलहन, मिलेट अन्न की बोआई के लिए प्रोत्साहित करते हुए फसल विविधीकरण एवं बेहतर सप्लाई चेन मैनेजमेंट और बेहतर करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि अनाज, फल और सब्जियों के उत्पादन की वृद्धि दर को दोगुनी तेजी देने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। हार्टिकल्चर में 'पर 'ब्लॉक-वन क्रॉप' जैसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। किसानों को प्रशिक्षित करें, संसाधन उपलब्ध कराएं, नवाचारों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। योगी ने कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रान्सफार्म के मंत्र का अर्थव्यवस्था के द्वितीयक खंड सबसे अच्छा परिणाम देखने को मिला है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तेज वृद्धि दर उत्साहित करने वाली है। भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत लैंडबैंक के विस्तार, नीतिगत सुधार और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अपने प्रयासों को तेज करना होगा।
अनेक निवेशक उत्तर प्रदेश में आने के लिए तैयार हैं। टेक्सटाइल पार्क, सोलर पार्क, प्लेज पार्क के अनेक प्रस्ताव मिल रहे हैं। हमें इस अनुकूल अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होने कहा कि औद्योगिक परियोजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता होगी। सभी को अतिरिक्त प्रयास करना होगा। ग्राम समाज की भूमि औद्योगिक विकास और एमएसएमई के उपयोग में लाने की व्यवस्था की गई है। लैंड पूलिंग पॉलिसी को और बेहतर किया जाना चाहिए। ऐसी भूमि जो आवंटित है, लेकिन उपयोग नहीं की जा रही है। उनका चिन्हांकन करें। उनके बारे में यथोचित निर्णय लें। 'सिक यूनिट' की पहचान कर उनके सदुपयोग के बारे में निर्णय लें। इंडस्ट्रियल क्लस्टर की कार्ययोजना को आगे बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्टमेंट और भूमि अधिग्रहण से जुड़े प्रकरण लंबित नहीं रहने चाहिए। इसके लिए जिलाधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। एमओयू को धरातल पर उतारें। विभिन्न एप्रूवल की प्रक्रियाओं को समयबद्ध करना होगा, तय समय सीमा के बीतने के बाद एप्रूवल की डीम्ड मान लिया जाना चाहिए। पब्लिक ग्रीवांस सिस्टम को और लाभकारी बनाया जाने की आवश्यकता है। निवेशकों से संपर्क-संवाद का क्रम जारी रखना चाहिए। नए सेक्टर-नए निवेशकों से भी संवाद करें। उन्हें प्रदेश की यूएसपी से अवगत कराएं। इन्वेस्टर आउटरीच को और बेहतर करने की आवश्यकता है। सिंगल विंडो प्रणाली को और सरल तथा अधिक पारदर्शी बनाया जाएं। ऊर्जा सेक्टर को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर काम करने की जरूरत है। गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने नीति जारी की है।
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