चिकित्सा विभाग की लापरवाही के घोर परिणाम
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। जनपद में चिकित्सा परीक्षण करने वाले आधे से अधिक चिकित्सक अयोग्य है। किंतु लोनी में ऐसे लोग भी चिकित्सा परीक्षण कर रहे हैं, जिनको चिकित्सा परीक्षण करते हुए सालों बीत गए हैं। लेकिन, शरीर का तापमान नापने के मात्रक तक की जानकारी नहीं है। सर्वेक्षण के दौरान यह मामला संज्ञान में आया है। डॉक्टर प्रवीण पुत्र फेरु गांव पाबी में कई साल से चिकित्सा परीक्षण कर रहे हैं। लेकिन, दुर्भाग्य की बात यह है कि चिकित्सा परीक्षण करने वाले प्रवीण को थर्मामीटर के मात्रक की कोई जानकारी नहीं है। ऐसे और भी कई चिकित्सक लोनी क्षेत्र में चिकित्सा परीक्षण कर रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है। नामित अधिकारी भी कार्रवाई करने का आश्वासन दे रहे हैं। किंतु यह समस्या जस की तस बनी रहेगी। वास्तव में चिकित्सा विभाग की लापरवाही के यह घोर परिणाम जनता को भुगतने पड़ रहे हैं।
छोटे-छोटे क्लीनिको पर चिकित्सा परीक्षण की बात दर किनार कर दीजिए। लोनी में अधिनियम विरुद्ध, मानकों के अभाव में अस्पतालों का संचालन किस आधार पर किया जा रहा है ? यह खुद एक बड़ा सवाल है। ज्यादातर अस्पतालों में तो योग्य चिकित्सक नहीं है।
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