पार्टियों को बुरे दिनों में दलितों की याद आती हैं
संदीप मिश्र
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस एवं देश के अन्य राजनीतिक दलों पर अपना निशाना साधते हुए कहा है कि जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों के दौरान ही दलितों की याद आती हैं। जबकि, अच्छे दिनों में राजनीतिक दलों द्वारा दलित नेताओं को दरकिनार कर दिया जाता है। सोमवार को एक बार फिर सोशल मीडिया साइट एक्स पर प्रकट हुई पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जारी किए अपने बयान में कहा है कि देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों को देखकर यही साबित होता है कि जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों के दौरान ही कुछ समय के लिए दलितों को मुख्यमंत्री एवं संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की याद आती है।
लेकिन, राजनीतिक पार्टियों अपने अच्छे दिनों में फिर से दलित नेताओं को दरकिनार कर देती है और उनके स्थान पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है। जैसा कि अभी तक हरियाणा में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा है कि अपमानित हो रहे ऐसे दलित नेताओं को बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रेरणा लेकर खुद ही इन्हें अपनी अनदेखी करने वाली पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए और अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें काम करना चाहिए। क्योंकि, बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने देश के कमजोर वर्गों के आत्म सम्मान एवं स्वाभिमान की वजह से केंद्रीय कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
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