घरेलू हिंसा कानून के मामलें में 'हिंदू-मुसलमान' नहीं
इकबाल अंसारी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से दो टूक कहा गया है कि घरेलू हिंसा कानून के मामलें में हिंदू-मुसलमान नहीं चलेगा। सभी धर्मों की महिलाओं पर डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट 2005 लागू होता है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दाखिल की गई महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना की अगवाई वाली बेंच ने कहा है कि डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट- 2005 सभी धर्मों की महिलाओं पर समान रूप से लागू होता है। उन्होंने कहा है कि महिलाओं को भारतीय संविधान के मुताबिक जो अधिकार मिले हुए हैं, उन अधिकारों को प्रोटेक्ट करने के लिए डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट कानून बनाया गया है और यह सभी महिलाओं पर समान रूप से लागू होता है। उन्होंने कहा है कि डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट- 2005 एक तरह से सिविल कोड है और इस तरह से यह भारत की सभी महिलाओं पर समान रूप से लागू होता है। उन्होंने कहा है कि डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट- 2005 कानून को लेकर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि पीड़ित महिला किस धर्म या समुदाय से ताल्लुक रखती है। उन्होंने कहा है कि यह कानून सभी धर्म एवं समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं पर लागू होता है।
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