एशिया में 6 टेस्ट मैच खेलने को तैयार है 'न्यूजीलैंड'
अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/वेलिंग्टन। न्यूजीलैंड की टीम अगले कुछ महीनों के अंदर एशिया में 6 टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार है। अनुभवी बल्लेबाज केन विलियमसन का मानना है कि उपमहाद्वीप में खेलते समय कठिन चुनौती का सामना करना होता है और उन्होंने कहा है कि यहां पर खेलने पर जो अनुभव मिलता है वो आगे बेहतर बनने में मदद करेगा।
केन विलियमसन ने शनिवार को कहा, ”हमें (एशिया में) कई तरह से चुनौती मिलने वाली है।” उन्होंने कहा, ”हमारे पास यहां समय बिताने का मौका है। मुझे लगता है कि एक टीम के रूप में हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम आगे बढ़ते रहें, अगले ढाई महीनों में जो अनुभव हमें मिलने वाले हैं उन्हें हासिल करें और इस दौरान बेहतर बनने पर ध्यान दे।”
उन्होंने कहा, ”यहां शुरुआती टेस्ट की तैयारी के बातों पर ध्यान देकर अच्छा लग रहा है। हम परिस्थितियों से जितना हो सके उतना परिचित होकर अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलने की कोशिश करेंगे।”
एशिया दौरे के बाद न्यूजीलैंड नवंबर से तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड की मेजबानी करेगा। अफगानिस्तान के खिलाफ खेल को छोड़कर बाकी सभी मैच उसके विश्व टेस्ट चैंपियनशिप कैलेंडर का हिस्सा हैं। न्यूजीलैंड के इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा, ”कुछ मायनों में यह किसी टूर्नामेंट की तरह है। टेस्ट चैंपियनशिप में अवधि लंबी है लेकिन इसका महत्व अधिक है। टेस्ट चैंपियनशिप के कारण टेस्ट क्रिकेट का महत्व बढ़ गया है।”
विलियमसन ने स्वीकार किया कि उनकी टीम को एक साथ इतने सारे टेस्ट मैच खेलने को नहीं मिलते हैं और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के उनके कैलेंडर में यह छह टेस्ट मैच काफी मायने रखते हैं।” भारत में न्यूजीलैंड का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। टीम यहां 36 टेस्ट मैचों में से सिर्फ दो में जीत दर्ज करने में सफल रही है।
विलियमसन ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ”एक टीम के रूप में, यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि हम एक इकाई के रूप में विकसित हों, अच्छी तरह से समझे कि यहां (उपमहाद्वीप) में कैसे खेलना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, ”हम हमेशा जानते हैं कि जब भी आप इन देशों में खेलते हैं तो यहां कठिन चुनौती का सामना करना होता है लेकिन मजबूत टीमों के खिलाफ खेलना हमेशा एक शानदार अनुभव होता है। इसलिए यह हमारे लिए एक अच्छा अवसर है।”
भारत में टेस्ट पदार्पण करने वाले विलियमसन दुनिया के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक हैं। भारत और श्रीलंका में हालांकि इस 34 वर्षीय खिलाड़ी का रिकॉर्ड ज्यादा अच्छा नहीं है। इन दोनों देशों में उन्होंने 22 पारियों में 31.36 की औसत से रन बनाए हैं। उन्होंने कहा, ”यह बिल्कुल आपके खेल को समायोजित करने की कोशिश के बारे में है। आपको पता है कि हमें इन परिस्थितियों में टेस्ट में काफी लंबे अंतराल पर खेलने का मौका मिलता है।”
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