वृक्षारोपण अभियान: 800 पौधों का रोपण किया
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। मनुष्य के जीवन में प्रकृति और वनस्पति का कितना महत्वपूर्ण योगदान है ? यह बात एक साधारण मनुष्य भी भली-भांति समझ सकता है। किंतु, विवेकी मनुष्य प्राकृतिक वनस्पति का विनाश करने को उद्धत है। मनुष्य अपने स्वार्थ में प्रकृति से उत्पन्न वृक्षों का विनाश करने का कार्य निरंतर करता जा रहा है। जिसका खामियाजा भविष्य में संपूर्ण मानव जाति को भुगतना होगा। इसी विशेष बात को ध्यान में रखते हुए जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल के द्वारा वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत 800 पौधों का रोपण किया गया है।
यह कार्य विद्यालय प्रबंधन एवं विद्यार्थियों की सहयोग से संपन्न हो पाया है। जानकारी के अनुसार, जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल स्थित शहीद नगर करावल नगर के प्रधानाचार्य नितिन बंसल एवं नेहा वशिष्ठ के नेतृत्व में यह वृक्ष रोपण का कार्य किया गया है। रोटरी क्लब की अध्यक्षा अनुपमा चोपड़ा एवं युवा पीढ़ी कल्याण संस्था की निदेशक दीपाली डालमिया एवं विद्यालय प्रबंधन के सहयोग से विद्यालय और आसपास के इलाके में वृक्ष रोपण कर, जन कल्याण कार्य का महत्वपूर्ण कार्य किया है। इस अभियान के अंतर्गत समाज को एक संदेश देने का प्रयास किया है। जलवायु परिवर्तन एवं वातावरण में वृक्षों का महत्व और उनकी विशेषता के विश्लेषण पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। भविष्य में प्राकृतिक विपदाओं का उन्मूलन मनुष्य के द्वारा निर्धारित कर दिया गया है। जिस प्रकार वृक्ष और पेड़ों का अभाव बढ़ता जा रहा है, उसी के प्ररोक्ष मनुष्य जीवन में प्राकृतिक अभाव के कारण कई विकट समस्याएं उत्पन्न हो रही है। सबसे महत्वपूर्ण यह बात है कि भविष्य में जैसे-जैसे वृक्ष कम होते जाएंगे, मानव जीवन में उसके सापेक्ष ऑक्सीजन की भारी कमी होती जाएगी। ऑक्सीजन के अभाव में मनुष्य को इसका भारी खामियाजा भुगतना होगा। यदि समय रहते आधुनिक मानव वृक्ष रोपण एवं वृक्ष के महत्व को जीवन में आत्मसात करें तो संभव हो सकता है कि एक बड़े संकट को टालने का काम किया जा सकता है। अन्यथा भविष्य में आने वाली पीढियां को हम केवल और केवल समस्याएं प्रदान करने का कार्य करेंगे। आधुनिकता और निजी स्वार्थी के कारण हम छोटे-छोटे महत्वपूर्ण कार्यों को महत्व नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण इनके हमें दुष्परिणाम झेलने होंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.