जुर्मों के लिए 345 लोगों को मौत की सजा दी गई
अखिलेश पांडेय
तेहरान। ईरान में इस वर्ष हत्या, नशीली दवाओं संबंधित अपराधों तथा अन्य जुर्मों के लिए अब तक कम से कम 345 लोगों को मौत की सजा दी गई है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (ओएचसीएचआर) के कार्यालय की प्रवक्ता एलिजाबेथ थ्रोसेल ने कहा, "मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क उन रिपोर्टों से बेहद चिंतित हैं कि इस सप्ताह दो दिनों के अंतराल में ईरानी अधिकारियों ने कथित तौर पर देश भर में कम से कम 29 लोगों को मौत की सज़ा दी है।”
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में 38 लोगों को फांसी दी गई थी। थ्रोसेल ने ओएचसीएचआर की ओर से जारी एक बयान में कहा, 'इस साल फांसी की कथित संख्या कम से कम 345 हो गई है, जिनमें 15 महिलाएं भी शामिल हैं।' उन्होंने कहा कि जिन लोगों को फांसी दी गई, उनमें से अधिकतर को नशीली दवाओं के अपराध या हत्या का दोषी ठहराया गया था।
बयान में कहा गया है कि कुर्द, बलूची और अहवाजी अरब जैसे ईरान के अल्पसंख्यक इन फाँसी से लगातार प्रभावित हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पांच मार्च 2023 को नॉर्वे स्थित संगठन ‘ईरान ह्यूमन राइट्स’ और फ्रांस के ‘टुगेदर अगेंस्ट द डेथ पेनल्टी वॉचडॉग’ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में ईरान में कम से कम 834 लोगों को फाँसी दी गई, जो आठ साल का उच्चतम स्तर है। उनमें से 471 लोगों को नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। वॉचडॉग के अनुसार, ऐसे मामलों में फांसी की संख्या 2022 की तुलना में 84 प्रतिशत और 2020 की तुलना में लगभग 18 गुना बढ़ गई है।
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