दिल्ली विश्वविद्यालय में नहीं पढ़ाई जाएगी मनुस्मृति
अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने साफ कर दिया है कि छात्रों को मनुस्मृति नहीं पढ़ाई जाएगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ शिक्षकों की तरफ से सुझाव दिया गया था कि पहले और आखिरी सेमेस्टर के छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाई जाए। इसके लिए मनुभाषी के साथ मनुस्मृति और मनुस्मृति की व्याख्या नाम की दो किताबें पढ़ाए जाने का सुझाव दिया गया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति का साफ कहना है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में ऐसा कुछ नहीं पढ़ाया जाएगा। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने कहा “दिल्ली विश्वविद्यालय को विधि संकाय से एक प्रस्ताव मिला था।
जिसमें न्यायशास्त्र के पाठ्यक्रमों में से एक में बदलाव किए जाने की बात थी। उन्होंने मेधातिथि की राज्य और कानून की अवधारणा के लिए दो ग्रंथों का सुझाव दिया था- मनुभाषी के साथ मनुस्मृति और दूसरा मनुस्मृति की व्याख्या। इसलिए इन दोनों ग्रंथों और विधि संकाय के संशोधनों को दिल्ली विश्वविद्यालय ने खारिज कर दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय में ऐसा कुछ नहीं पढ़ाया जाएगा।”
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