रविवार, 7 जुलाई 2024

पीएम-राष्ट्रपति ने 'रथयात्रा' पर शुभकामनाएं दी

पीएम-राष्ट्रपति ने 'रथयात्रा' पर शुभकामनाएं दी 

इकबाल अंसारी 
भुवनेश्वर। भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा पर ओडिशा के पुरी में जनसैलाब उमड़ पड़ा है। देश भर से लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचे हैं और भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की रथ यात्रा के उत्सव में शामिल हो रहे हैं।
रविवार दोपहर को हजारों लोगों ने पुरी के 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से विशाल रथों को खींचकर करीब 2.5 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर की ओर बढ़ाया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों रथों की 'परिक्रमा' की और देवताओं के सामने माथा टेका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रथ यात्रा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।
राष्ट्रपति ने शुभकामना देते हुए कहा कि भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा के अवसर पर वह सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हैं। आज देश-दुनिया के अनगिनत जगन्नाथ-प्रेमी रथ पर विराजमान तीनों भगवत्स्वरूपों के दर्शन हेतु उत्साह-पूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस महापर्व के अवसर पर महाप्रभु श्री जगन्नाथ से वह सभी के सुख, शांति और समृद्धि हेतु प्रार्थना करती हैं। जय जगन्नाथ!
इससे पहले पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अपने शिष्यों के साथ भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों का दर्शन किया और पुरी के राजा ने 'छेरा पहानरा' (रथ साफ करने) की रस्म पूरी की, जिसके बाद शाम करीब 5.20 बजे रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई। रथों में लकड़ी के घोड़े लगाए गए और सेवादार पायलटों ने भक्तों को रथों को सही दिशा में खींचने के लिए मार्गदर्शन किया।

पुरी में शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा

राष्ट्रपति, ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्य जगन्नाथ रथ को जोड़ने वाली रस्सियों को खींचकर प्रतीकात्मक रूप से इस यात्रा की शुरुआत की। विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने भी भाई-बहन के देवताओं के दर्शन किए। हजारों लोगों ने भगवान बलभद्र के लगभग 45 फीट ऊंचे लकड़ी के रथ को खींचा।
रथ उत्सव के नाम से भी मशहूर यह यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र अपनी मौसी देवी गुंडिचा देवी के मंदिर तक जाते हैं। यह रथयात्रा आठ दिनों के बाद उनकी वापसी के साथ समाप्त होती है। इसे उल्टा रथ के नाम से जाना जाता है।
यात्रा से पहले रथों को जगन्नाथ मंदिर के सिंह द्वार से उन्हें गुंडिचा मंदिर ले जाया जाएगा, जहां रथ एक सप्ताह तक रहेंगे। रथयात्रा के मद्देनजर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए हैं और विधिवत तरीके से पूजा-पाठ और अनुष्ठान का आयोजन किया गया है।

पीएम मोदी ने रथयात्रा पर दी शुभकामनाएं

पीएम नरेंद्र मोदी ने रथयात्रा पर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने लिखा पवित्र रथ यात्रा के शुभारंभ पर बधाई। हम महाप्रभु जगन्नाथ को नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनका आशीर्वाद हम पर सदैव बना रहे।

ममता ने कोलकाता में खींचा रथ

दूसरी ओर, कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस्कॉन द्वारा आयोजित रथयात्रा को खींचा। बारिश के बावजूद हजारों श्रद्धालु उत्सव में भाग लेने के लिए एकत्र हुए और वे इस्कॉन के भिक्षुओं के साथ नृत्य कर रहे थे और 'जय जगन्नाथ' का नारा लगा रहे थे। रथ यात्रा की शुरुआत में रथ की रस्सियां खींचने से पहले ममता बनर्जी ने मोमबत्तियों से 'आरती' की और इस्कॉन मंदिर के सामने रथ पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के देवताओं की पूजा की।

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