सोमवार, 29 जुलाई 2024

बजट: गठबंधन को खुश करने का प्रयास हुआ

बजट: गठबंधन को खुश करने का प्रयास हुआ 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा है कि मोदी सरकार ने 2024-25 का जो बजट पेश किया है, उसमें बेरोजगारी, महंगाई तथा अन्य समस्याओं का समाधान नहीं किया गया और सिर्फ सरकार बचाने के दबाव में गठबंधन के सहयोगियों को खुश करने का प्रयास हुआ है। आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने लोकसभा में बजट 2024-25 पर चल रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि यह सरकार पूरी तरह से गठबंधन के साथियों पर निर्भर नजर आ रही है और इसी निर्भरता को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन दोनों दलों को खुश करने के लिए बजट में व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि बजट से साफ राजनीतिक संदेश गया है कि सरकार दबाव में काम कर रही है और उसमें आत्मविश्वास की कमी है इसलिए यह सरकार सिर्फ अपने सहयोगियों को खुश करने का प्रयास कर रही है। बजट में पारदर्शिता नहीं है। बजट में रोजगार के अवसर प्रदान करने के कोई उपाय नहीं किए गये हैं। बजट में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। केरल की बजट में पूरी तरह से उपेक्षा हुई है और यह उपेक्षा राजनीतिक कारणों से हुई है। समाजवादी पार्टी की डिम्पल यादव ने कहा कि सरकार ने किसान की आय 2022 तक दोगुनी करने का वादा किया गया था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का बात की गई थी, लेकिन सरकार ने अपना कोई वादा पूरा नहीं किया। उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या के कारण किसान सो नहीं पा रहा है, उसके लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। सरकार एक दशक से किसानों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा का बजट बढ़ाया जाना चाहिए और सात दिन की मजदूरी दी जानी चाहिए। सरकार ने शिक्षा बजट में भी कटौती की है और इससे साबित होता है कि सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर कुछ नहीं कर रही है। बेरोजगारी दर चरम पर है, लेकिन सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने सरकार पर जातिगत जनगणना कराने से बचने का आरोप लगाया और कहा कि उत्तर प्रदेश में अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार निष्क्रिय नजर है और उसने कोई कदम महिलाओं की सुरक्षा के लिए नहीं उठाए हैं। महिलाओं को आरक्षण देने का कानून पारित किया है लेकिन उसे लागू नहीं किया जा रहा है। तेलुगू देशम पार्टी के लवु श्रीकृष्ण देवरायलु ने कहा कि आध्र प्रदेश को विशेष बजट दिए जाने की ज्यादा चर्चा हो रही है लेकिन यह आंध्र प्रदेश को दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश विधान सभा में पहले बजट में 24 हजार करोड़ रुपए का बजट घाटा था, जो बढ़कर अब कई लाख करोड रुपए में पहुंच गया है। समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी भगवान राम के नाम पर राजनीति तो करती है, लेकिन अयोध्या के विकास के लिये इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किये गये हैं । यहां तक कि बजट में अयोध्या का नाम तक नहीं आया। प्रसाद ने कहा कि अयोध्या में विकास के नाम पर गरीबों के घरों को ढहाया गया। राम पथ बनाने के लिये दो-दो पीढ़ियों पुराने मकान ढहा दिये गये। बच्चे, महिलायें, बुजुर्ग बिलखते रहे, लेकिन लोगों के मकानों पर बुलडोजर चला दिये गये। गुप्तार घाट में निषादों की बस्ती धराशायी की गयी, बाद में वहां दुकानें बनाकर करोड़पतियों को दे दी गयीं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में जमीनों की खरीद-फरोख्त में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गयी। दो करोड़ रुपये में खरीदी गयी जमीन दो घंटे बाद 18 करोड़ रुपये में बेच दी गई। इस तरह की धोखाधड़ी करने वाले भाजपा से जुड़े लोग हैं।अयोध्या को ठगा गया है। प्रसाद ने जमीन और वहां किये गये घोटाले की जांच के लिये सदन की एक समिति बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सदन की समिति से जांच कराने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार दलित विरोधी है। वर्ष 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में और वर्ष 2029 में केन्द्र में भाजपा का सफाया हो जायेगा। युवाजना श्रमिका रायतू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के पी वी मिथुनरेड्डी ने बजट चर्चा पर कहा कि आंध्र प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है, ऐसे में राज्य में निवेश कैसे आएगा ? वहां अपराध इतने बढ़ गये हैं कि उन (मियुनरेड्डी) पर भी हमला हुआ है। मिथुनरेड्डी ने विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र का निजीकरण न किये जाने की मांग करते हुये कहा कि लाभ में चल रहे संयंत्र को निजी हाथों में सौंपने की बात क्यों की जा रही है। उन्होंने विशाखापत्तनम में मेट्रो परियोजना को मंजूरी की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी राय ने कहा कि लोगों को बजट का इंतजार रहता है और वे पेट्रोलियम पदार्थों और दवाओं के दाम कम किये जाने, बैंक से लिये जाने वाले ऋण की ब्याज दरें कम किये जाने की अपेक्षा करते हैं। इस बजट में इन सब पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों के लिये कुछ नहीं किया गया। रोजगार सृजन के कोई खास उपाय नहीं किये गये। उन्होंने कहा कि बजट में सिर्फ दो राज्यों पर ही ध्यान केन्द्रित किया गया है। बाढ़ करीब-करीब हर राज्य में आती है, लेकिन पश्चिम बंगाल में बाढ़ के लिये कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है। हर राज्य में पर्यटन स्थल हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल को पर्यटन विकास के लिये कोई धन नहीं दिया गया। सांसद निधि की राशि नहीं बढ़ाई गई। उन्होंने कहा कि यह भाजपा बचाओ बजट (बीबीबी) है। केरल कांग्रेस के के. फ्रांसिस जार्ज ने कहा कि केरल में आर्थिक संकट है, लेकिन बार-बार मांग किये जाने के बावजूद राज्य को कोई विशेष सहायता नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि बजट देखने से स्पष्ट होता है कि सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है । केरल की बहुप्रतीक्षत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बनाने की मांग पूरी नहीं की गई। उन्होंने कृषि स्वर्ण ऋण देने के प्रावधान किये जाने और उस पर ब्याज दर चार प्रतिशत रखे जाने की मांग की।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

सेना से आने वाले हर अग्निवीर को नौकरी मिलेंगी

सेना से आने वाले हर अग्निवीर को नौकरी मिलेंगी  राणा ओबरॉय  फरीदाबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा की चुनावी रैली में कहा कि सेना ...