मंगलवार, 11 जून 2024

जयशंकर ने नए विदेश मंत्री के तौर पर पद संभाला

जयशंकर ने नए विदेश मंत्री के तौर पर पद संभाला

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। डॉ. एस जयशंकर एक बार फिर से विदेश मंत्री के तौर पर देश को अपनी सेवाएं देने वाले हैं। मंगलवार (11 जून) सुबह जयशंकर ने विदेश मंत्रालय पहुंचकर देश के नए विदेश मंत्री के तौर पर अपना पद संभाला।
इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान-चीन पर ऐसा कुछ कहा, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया।
विदेश मंत्री से पीओके को लेकर सवाल किया गया था, जिस पर उन्होंने कहा, "कृपया मेरे मुंह में शब्द न डालें।" जयशंकर ने कहा कि भारत की भूमिका बढ़ती जा रही है। अब दुनिया भारत को एक दोस्त के तौर पर देख रही है, जो संकट की घड़ी में उनके साथ रहता है। उन्होंने नवाज शरीफ के बधाई संदेश को लेकर बात करते हुए कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 'एक्स' पर रिप्लाई दे दिया गया है।
पाकिस्तान और चीन के साथ अगले पांच साल के रिश्तों पर बात करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम विवादों को सुलझाने पर काम करेंगे। उन्होंने कहा, "किसी देश में खासतौर पर किसी लोकतंत्र में ये बहुत बड़ी बात होती है, जब लगातार तीन बार किसी सरकार को चुना जाता है। इस वजह से दुनिया को जरूर महसूस होगा कि भारत में राजनीतिक स्थिरता है।"
उन्होंने आगे कहा, "जहां तक चीन और पाकिस्तान की बात है, इन देशों के साथ भारत के रिश्ते थोड़े अलग हैं। इस वजह से समस्याएं भी अलग हैं। चीन के संबंध में हमारा ध्यान सीमा मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा और पाकिस्तान के साथ हम वर्षों पुराने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान ढूंढना चाहेंगे।"

विदेश मंत्रालय की कमान मिलने पर क्या बोले जयशंकर ?

एस जयशंकर ने विदेश मंत्रालय फिर से मिलने पर कहा, "एक बार फिर विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी जाना बेहद सम्मान की बात है। पिछले कार्यकाल में इस मंत्रालय ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। हमने जी-20 की अध्यक्षता की हमने वैक्सीन मैत्री आपूर्ति सहित कोविड की चुनौतियों का सामना किया। हम ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन कावेरी जैसे महत्वपूर्ण अभियानों के केंद्र भी थे।"
उन्होंने कहा, "पिछले एक दशक में पीएम मोदी के नेतृत्व में यह मंत्रालय बेहद जन-केंद्रित मंत्रालय बन गया है। आप इसे हमारी बेहतर पासपोर्ट सेवाओं, सामुदायिक कल्याण निधि सहायता के संदर्भ में देख सकते हैं, जो हम विदेशों में भारतीयों को देते हैं।" जयशंकर ने कहा, "साथ मिलकर हम भारत को विश्व बंधु के तौर पर स्थापित करेंगे। हम एक ऐसे देश के रूप में स्थापित होंगे, जिस पर लोग भरोसा करते हैं।"

यूएनएससी की स्थायी सदस्यता पर क्या कहा ?

अगले पांच साल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीट मिलने को लेकर भी जयशंकर ने बात की। उन्होंने कहा, "इसके अलग-अलग पहलू हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, मोदी 3.0 की विदेश नीति बहुत सफल होगी। हमारे लिए, भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, न केवल हमारी अपनी धारणा के संदर्भ में बल्कि अन्य देश क्या सोचते हैं, इसके संदर्भ में भी।"
विदेश मंत्री ने कहा, "उन्हें लगता है कि भारत वास्तव में उनका मित्र है और उन्होंने देखा है कि संकट के समय में, अगर कोई एक देश है, जो ग्लोबल साउथ के साथ खड़ा है, तो वह भारत है। उन्होंने देखा है कि जब हमने G20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ की सदस्यता को आगे बढ़ाया तो दुनिया ने हम पर भरोसा किया और हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ रही हैं, इसलिए हमें भी विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत की पहचान निश्चित रूप से बढ़ेगी।"

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