आर्मी को ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेप मिली
इकबाल अंसारी
नई दिल्ली। इंडियन आर्मी को भारत में बने आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेप मिल गई है। ड्रोन्स को नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड की यूनिट ने बनाया है। सेना ने 480 लॉइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन) की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था। इनमें से 120 की डिलीवरी कर दी गई है।
नागस्त्र-1 ड्रोन की रेंज 30 किमी तक है। इसका एडवांस वर्जन दो किलो से ज्यादा गोला-बारूद जे जाने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप, ठिकानों और लॉन्च पैड पर हमला करने के लिए किया जाएगा। ताकि सैनिकों का जोखिम कम से कम हो।
जानिए कैसे काम करेगा नागास्त्र-1 ?
पैदल चल रही सेना के जवानों को लेकर इसे डिजाइन किया गया है। ड्रोन में कम आवाज और इलेक्ट्रिक प्रोपल्सन है जो इसे एक साइलेट किलर बनाता है। इसका इस्तेमाल कई तरह के सॉफ्ट स्किन टारगेट के खिलाफ किया जा सकता है। पारंपरिक मिसाइलों और सटीक हथियारों से अलग ये कम लागत वाला ऐसा हथियार है, जिन्हें सीमा पर घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के ग्रुप को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस ड्रोन की एक और खास विशेषता पैराशूट रिकवरी मैकेनिज्म है, जो मिशन निरस्त होने पर गोला-बारूद को वापस ला सकता है। ऐसे में इसे कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
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