'हेमकुंड साहिब' की यात्रा प्रारंभ, जत्था रवाना हुआ
पंकज कपूर
चमोली। श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा शनिवार को प्रारंभ हो गई है। शुक्रवार को गोविंदघाट गुरुद्वारे से पंच प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था कड़ी पुलिस सुरक्षा एवं बैंड बाजों की धुन और पवित्र निशान के साथ श्री हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुआ था। जत्थे ने रात्रि विश्राम घांघरिया स्थित गुरुद्वारे में किया।
शनिवार प्रातः यह जत्था हेमकुंड साहिबा के लिए रवाना हुआ। बोले सो निहाल, सत श्री अकाल के जयकारों के साथ आज प्रातः 9ः30 बजे श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिये खोल दिए गए हैं। उत्तराखंड के पांचवें धाम के नाम से विश्व विख्यात हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रशासन और गुरुद्वारा कमेटी की ओर से हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई हैं। सप्त श्रृंग पर्वत मालाओं के बीच 4,632 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र धाम में 18 किलोमीटर की पैदल कठिन चढ़ाई को पार कर पहुंचा जाता है। विगत दिनों सेना के जवानों ने हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग से बर्फ हटाकर आवाजाही सुचारू कर दी थी। धाम में अब भी कई फीट बर्फ जमी हुई है।
श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने पर भ्यूंडार घाटी का गुरु आस्था पथ श्रद्धालुओं की आमद से गुलजार हो गया है। इस दौरान हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए पहले जत्थे में शामिल सिक्ख श्रद्धालुओं में भारी उत्साह नजर आया। सभी श्रद्धालु गुरु गोविंद सिंह के प्रति अगाध आस्था और विश्वास के बलबूते लोकपाल घाटी की दुरह पहाड़ियों को आराम से पार करते नजर आए। श्रद्धालुओं की आमद से अब लोकपाल घाटी में शीतकाल में पसरा सन्नाटा भी टूट गया है। भ्यूंडार घाटी में उत्सव का माहौल बना हुआ है। श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने सभी संगतों से अपील की है कि गुरु आस्था पथ पर सौहार्द कायम रखें और शांत माहौल बनाते हुए गुरु धाम मत्था टेकने पहुंचें और गुरु महाराज का आशीर्वाद लें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.