मां विंध्यवासिनी के दरबार में उमड़ा 'भक्तों का रेला'
संदीप मिश्र
मिर्जापुर। विंध्याचल चैत्र नवरात्र मेले के पहले दिन मंगलवार को मां विंध्यवासिनी के दरबार में भोर से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने माथा टेका। भोर में मंगला आरती के बाद से दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया, जो अनवरत चलता रहा। मां विंध्यवासिनी माता मंदिर के परिक्रमा पथ परकोटा की छत पर साधक अनुष्ठान में तल्लीन रहे तो मुंडन संस्कार भी होता रहा।
भोर में ही मां विंध्यवासिनी देवी के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। विंध्यधाम की सातों गलियों, प्रमुख सड़कों एवं त्रिकोण मार्ग पर भक्तो की भीड़ नजर आई। मेला क्षेत्र के न्यू वीआईपी और पुरानी वीआईपी गली, मां के धाम तक पहुंचने वाली गलियों में श्रद्धालु हाथ में प्रसाद लिए मां का जयकारा लगाते बढ़ रहे थे।
माला-फूल, नारियल-चुनरी और प्रसाद लिए विंध्यधाम में पहुंचने के बाद श्रद्धाभाव से भक्तों ने शीश झुकाया। मंदिर पहुंचकर किसी ने झांकी से तो किसी ने मां के गर्भगृह में पहुंचकर मां के भव्य स्वरूप का दर्शन किया।
फूलों से किया गया मां का भव्य श्रृंगार भव्य छटा बिखेर रहा था। घंटा-घड़ियाल, शंख और माता के जयकारों से मंदिर परिसर देवीमय हो गया। वहीं विंध्याचल मंदिर की फूल-पत्तियों और बिजली के झालरों से सजावट की गई है। भक्तों ने मां सरस्वती, मां काली, मां लक्ष्मी, मां दुर्गा, मां शीतला, राधा-कृष्ण, श्री पंचमुखी महादेव, दक्षिणमुखी हुनमान, बटुक भैरव जी के मंदिर में भी पूजन-अर्चन किया। भक्तजनों ने त्रिकोण परिक्रमा भी की।
वहीं चैत्र नवरात्र मेला को देखते हुए विंध्यधाम की गलियों में प्रसाद की दुकानें सजी हुई हैं। विंध्यधाम में श्रद्घालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम चाक-चौबंद हैं। उधर श्री विंध्य पंडा समाज की ओर से भी श्रद्धालुओं की सेवा के लिए ड्यूटी निर्धारित की गई है। प्रत्येक की 2 घंटे की ड्यूटी लगाई गई है, जो 24 घंटे अलग-अलग शिफ्ट में भक्तों की सेवा करने में जुटे हुए हैं। हालांकि पंडा समाज अध्यक्ष पंकज द्विवेदी, मंत्री भानु पाठक श्रद्धालुओं की सेवा में लगाए गए तीर्थ पुरोहितों की निगरानी भी कर रहे हैं।
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