गिरावट: पेयजल संकट गहराने की आशंका बनी
नैनी की तरफ अनियंत्रित खनन पर भी नियंत्रण की तैयारी
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। गर्मी के साथ यमुना नदी के जलस्तर में भी तेजी से गिरावट आने लगी है। इससे पेयजल संकट गहराने की आशंका बन गई है। करेलाबाग राॅ वाटर पंपिंग स्टेशन को यमुना नदी से पर्याप्त पानी मिलता रहे इसके लिए सिंचाई विभाग को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा नैनी की तरफ नदी जल को भागने से रोकने के लिए खनन पर भी नियंत्रण की कवायद शुरू कर दी गई है।
पुराने शहर के बड़े इलाके में करेलाबाग पंपिंग स्टेशन से जलापूर्ति की जाती है। पंप के माध्यम से यमुना नदी का जल खुसरोबाग प्लांट में लाया जाता है। फिर ट्रीटमेंट के बाद घरों में आपूर्ति की जाती है लेकिन यमुना नदी के जलस्तर में कमी के साथ पंपिंग स्टेशन को भी पर्याप्त पानी नहीं मिलने का अंदेशा बन गया है।
यमुना नदी में नैनी की तरह बालू खनन से स्थिति और बिगड़ने लगी है। खनन की वजह से नदी जल नैनी की तरफ भाग रहा है। इससे भी करेलाबाग की तरफ जलस्तर में कमी दर्ज की गई, जिससे पंपिंग स्टेशन को पर्याप्त पानी नहीं मिलने का अंदेशा बन गया है। इसे लेकर डीएम नवनीत सिंह चहल को अवगत कराया गया है। ताकि, अनियंत्रित खनन को रोका जा सके। खनन विभाग को इस बाबत निर्देश भी दिए गए हैं।
इसके अलावा पंपिंग स्टेशन को ध्यान में रखते हुए यमुना नदी में पर्याप्त जल स्तर बना रहे। इसके लिए नदी में पानी छोड़े जाने की भी मांग की गई है। इसके सिंचाई विभाग के अफसरों को अवगत करा दिया गया है। जलकल के महाप्रबंधक कुमार गौरव का कहना है कि जल्द ही सिंचाई विभाग को पत्र लिखा गया जाएगा। महाप्रबंधक का कहना है कि अभी पंपिंग स्टेशन के लिए पर्याप्त पानी है। लेकिन भविष्य में पानी कम होने की आशंका को देखते हुए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
करेलाबाग पंपिंगग स्टेशन के कुएं में पानी कम होने पर सबमर्सिबल से जलस्तर मेंटेन करने की तैयारी की गई है। सबमर्सिबल की मदद से यमुना नदी से पानी खींचकर पंपिंग स्टेशन के कुएं को भरा जाएगा। ताकि, पंपिंग स्टेशन के पंप को चलाने के लिए पर्याप्त पानी मिलता रहे। महाप्रबंधक ने बताया कि इसके लिए चार सबमर्सिबल लगाए गए हैं।
गर्मी में भूजल स्तर नीचे जाने के साथ जल संकट गहरा गया है। ट्यूबेल से जलापूर्ति प्रभावित होने से लो प्रेशर तथा नलों में गंदा पानी की आने की शिकायत बढ़ गई है। वहीं हैंडपंपों के खराब होने से परेशानी और बढ़ गई है। विस्तारित क्षेत्रों मैं ज्यादा संकट है। ट्यूबेल में खराबी, जलस्तर नीचे जाने तथा बिजली कटौती की वजह से साउथ मलाका, रामबाग, अल्लापुर के संजय नगर, शिवनगर, बैरहना आदि मोहल्लों में पेयजल आपूर्ति की समस्या बनी हुई है। ऐसे में हैंडपंप के धोखा देने से संकट और गहरा गया है।
प्रारंभिक सर्वे में 400 से अधिक हैंडपंप पूरी तरह से खराब पाए गए हैं। वहीं सैकड़ों खराब हो गए हैं। जलस्तर नीचे जाने की वजह से इनमें से ज्यादातर खराब हो गए हैं। इसे देखते हुए जलकल की ओर से वार्डवार सूची तैयार कर हैंडपंप ठीक कराने की योजना बनाई गई है।
जलकल के महाप्रबंधक कुमार गौरव का कहना है कि विस्तारित क्षेत्र को मिलाकर शहर में कुल करीब 3500 हैंडपंप हैं। इनमें से 400 से अधिक पूरी तरह से खराब हैं। उनका कहना है कि करीब 50 हैंडपंप रीबोर कराए गए हैं। अन्य का भी सर्वे कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सामान्य रूप में खराब करीब 15 हैंडपंप रोजाना ठीक कराए जा रहे हैं।
अल्लापुर चौराहा, माली चौराहा, शिवपुरी आदि क्षेत्रों में गंदे पानी की आपूर्ति तथा लो प्रेशर की लंबे समय से शिकायत बनी हुई है। इसे देखते हुए पार्षद शिवसेवक सिंह के साथ जलकल के अफसर चंद्रभूपषण, दिनेश मिश्रा आदि ने घर-घर जाकर लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान वैंकटैश पांडेय, पीडी यादव, शिवसेवक राम द्विवेदी, कुंज बिहारी मिश्रा आदि ने लो प्रेशर तथा गंदे पानी की आपूर्ति की बात कही। पूछताछ के दौरान ही शिवपुरी माार्ग पर पाइपलाइन में खराबी पकड़ में आई। अफसरों ने उसे ठीक कराया। साथ ही उन्होंने आश्वास्त किया कि पेयजल संकट न होने पाए इसके लिए लगातार प्रयास जारी रहेगा।
गर्मी में पेयजल संकट को देखते हुए डीएम नवनीत सिंह चहल ने जरूरी इंतजाम के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को हुई बैठक में उन्होंने मेजा, शंकरगढ़, कोरांव, बारा के जल संकट वाले क्षेत्रों में टैंकर से जलापूर्ति के निर्देश दिए। उन्होंने पोखरों, तालाबों में अप्रैल में ही पानी भरवाने के निर्देश दिए। डीएम ने शहरी, टाउन एरिया तथा अन्य बाजारों में भी टैंकर तथा अन्य माध्यमों से जलपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
डीएम ने पशुओं के टीकाकरण, चारा-पानी के इंतजाम के निर्देश दिए। आग की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए बिजली के तारों को ठीक कराने, ट्रांसफार्मर आदि दुरुस्त कराने, गैस सिलेंडर, रेगुलेटर, पाइप आदि की जांच कराने के निर्देश दिए। डीएम ने खाद्य सुरक्षा औषधि विभाग को खाद्य पदार्थों की नियमित जांच कराने आदि के निर्देश दिए।डीएम ने इन कार्यों के लिए अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की। बैठक में एडीएम वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह, डीडीओ भोलानाथ कनौजिया समेत अनेक अफसर मौजूद रहे।
गर्मी बढ़ने पर जलकल विभाग की ओर से 15 स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था की गई है। इन स्थानों पर स्टैंड बनाकर पानी की टंकी रखी गई है। प्याऊ की व्यवस्था नखास कोहना, जानसेनगंज चौराहा, रामजानकी मंदिर, जीरो रोड बस अड्डा, मानसरोवर सिनेमा हाल के सामने, सिविल लाइंस बस अड्डा, हनुमान मंदिर सिविल लाइंस, मेडिकल कॉलेज चौराहा, अल्लापुर लेबर चौराहा, दारागंज थाने के पास, अलोपी देवी मंदिर, बैरहना चौराहा, बलुआ घाट चौराहा, शनि मंदिर लूकरगंज तथा रेलवे स्टेशन गेट नंबर चार के पस लगाए गए हैं। जलकल के महाप्रबंधक कुमार गौरव ने बताया कि इन टंकियों में नियमित पानी भरवाया जा रहा है।
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