लाक्षागृह पर रोजा इफ्तारी करने वालों को जेल भेजा
गोपीचंद
बागपत। बरनावा के लाक्षागृह पर रोजा इफ्तारी करने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश करके जेल भेज दिया। वहीं, अब खुफिया विभाग उनकी कुंडली खंगालने में जुटा है। आरोपियों ने पुलिस को वहां घूमने आने और इफ्तारी का समय होने पर वहां जाकर बैठने की बात बताई है, मगर उनकी यह बात पुलिस के गले नहीं उतर रही है। मुस्लिम पक्ष के मुकीम खान की तरफ से बरनावा में प्राचीन टीले पर शेख बदरूद्दीन की मजार व कब्रिस्तान होने का दावा करते हुए जमीन पर मालिकाना हक के लिए दायर याचिका को न्यायालय ने पांच फरवरी को खारिज कर दिया था। उस फैसले के बाद शांति व्यवस्था नहीं बिगड़े, इसलिए पुलिस व पीएसी को लाक्षागृह पर तैनात किया गया।
इसके बावजूद सात युवक वहां सोमवार शाम को रोजा इफ्तारी करने पहुंच गए। हालांकि पुलिस के अनुसार पकड़े गए युवकों ने पूछताछ में बताया कि वह वहां घूमने गए थे और इफ्तारी का समय होने के कारण वहां पहुंच गए। मगर पुलिस को इस कहानी पर विश्वास नहीं है। मामले की जांच सीओ बागपत हरीश भदौरिया ने शुरू कर दी। इसके अलावा खुफिया विभाग ने युवकों के साथ ही परिवार की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। पता चला है कि पकड़े गए युवकों में एक पेंटर, एक राजमिस्त्री है और एक मजदूरी करता है।
श्री गांधी धाम समिति लाक्षागृह बरनावा के मंत्री राजपाल त्यागी ने कहा कि पहले भी न्यायालय ने लाक्षागृह को हिंदुओं का बताकर मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया था। उस फैसले के बाद भी मुस्लिम युवक वहां इफ्तारी करने पहुंच गए, जो गलत है। अब भी दोबारा मामला न्यायालय में चल रहा है, इसलिए सभी को शांति बनाए रखनी चाहिए। मुस्लिम पक्ष के वादकार खालिद खान का कहना है कि यह मामला दोबारा से न्यायालय में चल रहा है। न्यायालय का जैसा फैसला होगा, वह सभी को मान्य होता है। मगर कोई इस तरह वहां इफ्तारी करने गया है तो वह गलत है। सभी को भाईचारा व शांति व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए।
बरनावा में लाक्षागृह पर कुछ युवक इफ्तारी करने गए थे। जिनको वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने पकड़ लिया। उनपर मुकदमा दर्ज करके न्यायालय में पेश करके जेल भेज दिया गया। खुफिया विभाग व पुलिस अपने तरीके से मामले की अभी जांच कर रहा है।
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