बिजनौर लोकसभा सीट पर रालोद की दावेदारी
आदिल अंसारी
बिजनौर। एक ओर जहां भाजपा-रालोद के गठबंधन का उदय हो रहा है, वहीं बिजनौर सीट पर भाजपा से टिकट की दावेदारी करने वालों के अरमान अस्त होते नजर आ रहे हैं। इस सीट पर भाजपा से प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित बेनिवाल से लेकर सदर विधायक पति ऐश्वर्य मौसम चौधरी समेत कई नेता टिकट मांग रहे थे। अब यह सीट रालोद के खाते में जाना लगभग तय ही माना जा रहा है। ऐसे में जहां भाजपा के दावेदार परेशान हैं। उधर, लोकसभा की कम सीट मिलने से रालोद के दावेदारों में भी बेचैनी है।
पिछले एक सप्ताह से जिले में राजनीतिक परिदृश्य बदल सा गया है। सबसे ज्यादा असर बिजनौर सीट पर नजर आ रहा है। जब से भाजपा-रालोद गठबंधन के पक्के होने की बात हो रह है, तभी से दावेदार परेशान हैं। जनवरी के अंत तक जहां भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित बेनिवाल चांदपुर और बिजनौर लोकसभा में जमकर जनसभाएं कर रहे थे। वोटर के बीच जा रहे थे। सदर विधायक पति ऐश्वर्य मौसम चौधरी भी कई बड़े कार्यक्रम कर चुके हैं। इनके अलावा पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह भी गांवों का दौरान करने में जुटे हुए थे। इनके अलावा दावेदारों की सूची में पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह, कविता चौधरी, रामेंद्र सिंह का नाम भी चर्चाएं भी चल रही थी।
अब जब से बिजनौर सीट नए गठबंधन के साथ रालोद के खाते में जाने की बात हुई तो यह सभी दावेदार परेशान होते दिख रहे हैं। इनमें से कई टिकट की दौड़ से बाहर होते दिख रहे हैं तो कुछ पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिलकर दूसरी लोकसभा में अपने टिकट की उम्मीद तलाशने में जुट चुके हैं। भाजपा-रालोद का गठबंधन और बिजनौर सीट पर रालोद के खाते में जाने की चर्चाओं से यहां के दावेदार भी परेशान हैं। अब रालोद बिजनौर सीट पर किस पर भरोसा जताती है, यह तो जल्द साफ हो जाएगा, लेकिन पिछले तीन दिन से बसपा से सांसद मलूक नागर द्वारा रालोद के शीर्ष नेताओं से संपर्क साधने की चर्चा तेज है।
इसके अलावा बिजनौर के राजनीतिक खेमे में रालोद से विधायक मदन भैया का नाम भी चर्चाओं है। ऐसे में बिजनौर से टिकट का दावा कर रहे डॉ. नीरज चौधरी भी शीर्ष नेताओं से संपर्क साध रहे हैं। इनके अलावा विधायक चंदन चौहान, पूर्व रालोद जिलाध्यक्ष ब्रजवीर सिंह चौधरी के नाम भी दावेदारों की सूची में है। रालोद के सपा का हाथ छोड़ने की बात पक्की हुई तो सपा से टिकट मांग रही पूर्व विधायक रुचिवीरा का नाम अब सबसे आगे चलने लगा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि सपा के टिकट पर बिजनौर लोकसभा से अब पूर्व विधायक रुचिवीरा ही चुनाव लड़ सकती हैं। इनके अलावा बिजनौर से सपा से डॉ. रमेश तोमर का नाम भी दावेदारों की सूची में है।
बिजनौर लोकसभा सीट का गठन 2009 में हुआ था। पहली ही बार में रालोद से संजय चौहान जो गुर्जर बिरादरी से रहे हैं, जीत गए थे। इसके बाद जाट बिरादरी से 2014 में भाजपा से भारतेंद्र सिंह इस सीट से सांसद बने। 2019 के चुनाव में भले ही पार्टी बदल गई हो, लेकिन गुर्जर बिरादरी से बसपा के सिंबल से चुनाव लड़े मलूक नागर ने जीत दर्ज की।
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