14 फरवरी को मनाया जाएगा 'बसंत पंचमी' का पर्व
सरस्वती उपाध्याय
इस साल बसंत पंचमी का त्यौहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोग खासकर बच्चे ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विधिविधान पूर्वक पूजा अर्चना करते हैं और विद्या, कला सहित समृद्धि की कामना करते हैं। बता दें कि यह दिन शिक्षा और कला के क्षेत्र में नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। ऐसे में यदि आप मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करने की सोच रहे हैं, तो उससे पहले वास्तुशास्त्र के कुछ नियमों का पालन अवश्य करें। इससे आपके जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही, आपके ज्ञान में भी बढ़ोतरी होगी। आइए जानते हैं विस्तार से यहां…।
बसंत पंचमी के दिन इस दिशा में रखें मां सरस्वती की मूर्ति, शुभ फलों की होगी प्राप्ति
जानिए शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी जोकि अगले दिन यानी 14 पर फरवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
इन नामों से मनाते हैं यह पर्व
बसंत पंचमी
सरस्वती पंचमी
इन नियमों का करें पालन
वहीं, यदि आप ज्ञान की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने की सोच रहे हैं तो उससे पहले वास्तु के इन नियमों को जान लें। यदि आप मां सरस्वती की मूर्ति को अपने घर में स्थापित करने की सोच रहे हैं, तो आप वास्तुशास्त्र के इन नियमों का पालन करें। जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
वास्तु शास्त्र में दी गई जानकारी के अनुसार, मां सरस्वती की मूर्ति को उत्तर की दिशा में स्थापित करना बहुत ही शुभ माना गया है। इसलिए यदि आप इसी दिशा में माता की मूर्ति या तस्वीर लगाइए, जिससे आपको हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
वास्तुशास्त्र के अनुसार, इस बात का ध्यान रखें कि मां सरस्वती कमल पुष्प पर बैठी हुई मुद्रा में हों। यह मुद्रा उनकी सौंदर्य, सौम्यता और आशीर्वाद को दर्शाती है।
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