झोला वूमेन को 'अंतरराष्ट्रीय सम्मान' से पुरस्कृत किया
सरस्वती उपाध्याय
नई दिल्ली/देहरादून। नारी शक्ति के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली, समाजसेविका प्रोफेसर अनुभा पुंडीर को कर्मवीर पुरस्कार स्वर्ण पदक सम्मान से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार पुष्कर समाज में बदलाव लाने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है।
आपको बता दें कि डॉक्टर अनुभा पुंडीर वर्तमान में वीडब्ल्यूयू विश्वविद्यालय फ्लोरिडा में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। अध्यात्म के प्रति जन-जागरण के कार्य में भी लिप्त है। जिसमें मंत्रो का व्यक्ति के जीवन में किस प्रकार से प्रभाव पड़ता है अथवा व्यक्तित्व को प्रभावित कर सकता है, के विषय में अध्यनरत है।
सार्क सदस्यता के साथ उन्हें 'जेपी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार' से भी नवाजा गया है। विशेष बात यह है कि डॉक्टर अनुभा पुंडीर के द्वारा प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के प्रति जनता को सदैव संदेश दिया गया है। जिसके उपयोग के विरुद्ध उनकी संस्था के द्वारा 1 लाख जूठ के थैले बनवाकर लोगों में निशुल्क वितरित किए गए हैं। लोगों को प्रेरित किया गया है कि प्लास्टिक का उपयोग हमारे जीवन में बहुत घातक है, जिसका सकारात्मक प्रभाव लोगों पर हुआ है। इसी वजह से देहरादून के लोग उन्हें 'झोला वूमेन' के नाम से जानते हैं।
वर्तमान में रघुकुल आर्यावर्त नाम से संस्था का संचालन कर रही है। सिंगल यूज प्लास्टिक के लिये कार्य कर लोगों को प्रेरित करने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। इस संबंध में उन्हें 'गोल्ड मेडल' भी मिल चुका है।
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