विष्णुदेव को नया सीएम चुने जाने पर प्रतिक्रिया दी
दुष्यंत टीकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री का नाम तय हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कुनकुरी से विधायक विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे। विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ में बड़े आदिवासी नेता माने जाते हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी भी माने जाते है।
विष्णुदेव साय को नया मुख्यमंत्री चुने जाने पर पूर्व मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा की बस्तर और सरगुजा ने भाजपा का भरपूर साथ दिया था तो वही भाजपा ने भी प्रदेश को आदिवासी समाज से सीएम देकर उनकी भावनाओं का सम्मान किया है। भगत ने यह भी बताया कि साय उनके मोहल्ले में ही रहते है। वे बेहद शांत और सरल व्यक्ति है।
अमरजीत सिंह भगत ने कहा कि इसी साल विश्व आदिवासी दिवस पर उन्हें भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था, तब उन्हें इस बात पर बुरा लगा था। उनकी पार्टी ने भी इस मुद्दे को काफी उछाला था, लेकिन साय ने इस मसले पर एक शब्द भी नहीं नहीं कहा था।
छत्तीसगढ़ की रायगढ़ सीट से विष्णदेव सांसद भी रह चुके हैं। हालांकि, 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। आइये जानते हैं आखिर कौन हैं छत्तीसगढ़ के नए सीएम विष्णुदेव साय…
छत्तीसगढ़ की रायगढ़ सीट से चार बार के विधायक रह चुके हैं। विष्णुदवे साय ने लोकसभा में रायगढ़ का प्रतिनिधित्व किया है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वो केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। 2018 छत्तीसगढ़ में मिली हार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था। अगस्त 2022 में तक वो छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष पर बने रहे। साल 2019 में हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें भी टिकट नहीं दिया था। अब उन्हें छत्तीसगढ़ की कमान सौंप दी गई है। रमन सिंह के इस्तीफे के बाद विष्णुदेव साय अब छत्तीसगढ़ के सीएम पद की शपथ लेंगे।
विष्णु देव साय ने तीन बार भाजपा की छत्तीसगढ़ इकाई का नेतृत्व किया है, जो उनके संगठनात्मक कौशल में केंद्रीय नेतृत्व के विश्वास को दर्शाता है। एक गुमनाम गांव के सरपंच के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले विष्णु देव साय तेजी से आगे बढ़े और 2014 में केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली मंत्रिपरिषद के सदस्य बने। विष्णु देव साय आदिवासी बहुल जशपुर जिले के एक छोटे से गांव बगिया के एक किसान परिवार से हैं और राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। विष्णु देव साय के दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक मनोनीत विधायक थे। उनके बड़े पिता जी (उनके पिता के बड़े भाई) स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय जनसंघ के सदस्य थे। वह (नरहरि प्रसाद साय) दो बार ( 1962-67 और 1972-77) विधायक रहे तथा सांसद (1977-79) के रूप में चुने गए। उन्होंने जनता पार्टी सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। विष्णु देव साय के पिता के एक अन्य बड़े भाई केदारनाथ साय भी जनसंघ के सदस्य थे और तपकारा से विधायक (1967-72) चुने गए थे।
छत्तीसगढ़ की कुनकुरी सीट से विधायक विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के बड़े नेता माने जाते हैं। इससे पहले वो छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाजपा ने एक आदिवासी चेहरे के रूप में विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगा दी है। ऐसा माना जा रहा है कि साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने एक आदिवासी चेहरे को सीएम बनाया है। दरअसल राज्य में आदिवासी वोटों की संख्या काफी ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की संख्या 30 प्रतिशत से ज्यादा है।
छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतने के बाद एक सवाल खड़ा हुआ कि आखिर राज्य का सीएम अब किसे बनाया जाएगा। 7 दिन तक मंथन के बाद अब छत्तीसगढ़ के सीएम का नाम सामने आ चुका है। छत्तीसगढ़ के नए सीएम विष्णुदेव साय, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी माने जाते हैं। उनके नाम पर मुहर लगने के बाद यह भी माना जा रहा है कि संघ के साथ करीबी का भी उन्हें फायदा मिला है।
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