जहां मर्द माप लेते हों, कपड़े सिलवाना हराम है
इकबाल अंसारी
नई दिल्ली। देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कपड़े सिलवाने को लेकर एक तालिबानी फरमान जारी किया है। अपने नए बयान में कासमी बताया कि मुस्लिम महिलाओं को अपने कपड़े कैसे सिलवाने चाहिए ? कासमी ने कहा कि जहां मर्द माप लेते हों, वहां मुस्लिम महिलाओं को कपड़े सिलवाना हराम है।
कासमी ने अपने बयान में कहा कि आखिर मुस्लिम महिलाएं अपने कपड़े कैसे सिलवा सकती है। अपने बयान में कासमी ने कहा कि एक महिला माप के लिए अपने कपड़े किसी पुरुष दर्जी को भेजकर सिलवा सकती है, लेकिन अगर दर्जी खुद उसका माप लेता है और फिर कपड़े सिलता है, तो यह ‘हराम’ है। उन्होंने कहा कि अगर महिला अपने कपड़े माप के लिए भेजती है तो यह वैध है अन्यथा नहीं।
मुफ्ती असद कासमी ने कहा, ”इस सिलसिले में मैं कहूंगा कि इसमें दो बातें हैं. जब एक मुस्लिम महिला किसी पुरुष दर्जी से अपने कपड़े सिलवाती है तो इसके दो पहलू होते हैं। एक तो यह कि वह अपना परिधान माप के लिए एक दर्जी को देती है। दूसरी स्थिति यह है कि पुरुष स्वयं उसका माप लेता है तो इस स्थिति में शरीयत ने इसे नाजायज और हराम करार दिया है। हालांकि, अगर उसके पहले से सिले हुआ कपड़ों का उपयोग करके माप लिया जाए तो कपड़े सिले जा सकते हैं।”
इसके पहले अपने बयान में उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा था कि जिस ब्यूटी पार्लर में मर्द काम करते हों वहां महिलाओं को नहीं जाना चाहिए। कासमी ने बयान जारी करते हुए मुस्लिम महिलाओं को ऐसे ब्यूटी पार्लर में न जाने की नसीहत दे डाली, जहां पुरुष काम करते हैं। असद कासमी ने कहा था कि पुरुष जहां काम करते हैं ऐसे ब्यूटी पार्लर में मुस्लिम महिलाओं को नहीं जाना जाता है। ऐसे ब्यूटी पार्लर में जाना नाजायज है, हराम है। अलबत्ता, जहां लड़कियां काम कर रही हैं ऐसे ब्यूटी पार्लर में महिलाएं जा सकती हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.