मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023

45 जिलों में मांस की बिक्री की अनुमति, हड़कंप

45 जिलों में मांस की बिक्री की अनुमति, हड़कंप 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अचानक प्रदेश के कुछ स्लाटर हाउस को 45 जिलों में मांस की बिक्री की अनुमति दिए जाने के आदेश से हडकंप मच गया। यहां तक कि मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना करते हुए इन जिलों में मांस की बिक्री के लिए प्रतिबंधित अयोध्या को भी शामिल कर दिया गया।
22 सितम्बर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी घनश्याम की ओर से जारी इस आदेश पर विवाद खड़ा हो गया। अपर मुख्य सचिव (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) अनीता सिंह ने 5 अक्टूबर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को मुख्य पर्यावरण अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। साथ की मांस बिक्री की अनुमति जारी करने का आदेश निरस्त करने और विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्डके मुख्य पर्यावरण अधिकारी वृत्त-3 (नोडल स्लाटर हाउस) घनश्याम ने इसी साल 22 सितम्बर को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा था। इस पत्र में ही जिक्र किया गया कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वैध सहमति और एफएसएसएआई (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अर्थारिटी ऑफ इंडिया ) से अनुमित प्राप्त आठ स्लाटर हाउस को स्थानीय मांग के अनुसार बिक्री की अनुमति दी जाती है। आदेश में यह भी लिखा था कि इन स्लाटर हाउस को बिक्री के लिये जिले आंवटित कर दिये गये हैं।
आदेश के अनुसार नगर निगम स्लाटर हाउस मोहनपुर थिरिया बरेली (संचालनकर्ता मरिया फ्रोजन फूड प्रोडक्टस प्रालि बरेली) को मांस बिक्री के लिये अयोध्या जिला दे दिया गया। अयोध्या के अलावा मुजफ्फरनगर, बरेली, बहराइच, गोण्डा, बलरामपुर, बाराबंकी, प्रयागराज, संतकबीरनगर, सीतापुर, लखीमपुर व श्रावस्ती जिला भी इसी कंपनी को आवंटित है।
इसी तरह सम्भल की इंडिया, फूडस बेगमपुर को पांच जिले बरेली की रहबर फूड्स इंडिया प्रालि (पुराना नाम मारिया फ्रोजन एग्रो फूड्स प्रालि) को तीन जिले, उन्नाव की रुस्तम फूडस, प्रालि को आठ जिले, बुलन्दशहर की मदीना फोजन फूडस एंड एक्सपोर्ट प्रालि को चार जिले, उन्नाव की माश एग्रो फूड्स को आठ जिले, उन्नाव की ही एओबी एक्सपोर्ट्स इंडस्ट्रियल एरिया को सात जिले और अलीगढ़ की एचएमए एग्रो इंडस्ट्रीज लि. को पांच जिलों में बिक्री का लाइसेंस दिया गया है।
शासन के पत्र से हड़कम्प मच गया। इससे पहले मुख्य पर्यावरण अधिकारी वृत्त-7 विवेक राय ने 14 अगस्त, 23 को चार स्लाटर हाउस हापुड़ के रेबान फूड्स प्रालि, सम्भल के अलफलाह फ्रोजन फूड व अलरहमान फ्रोजन फूड और गाजियाबाद के अल-नासिर एक्सपोर्ट्स प्रालि पर बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस पर भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विवादों में आ गया था।
तब भी संयुक्त सचिव रविशंकर मिश्र ने नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को 21 सितम्बर को पत्र लिख कर आपत्ति जतायी थी कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वैध-अवैध स्लाटर हाउस से मांस बिक्री रोकने का आदेश शासन से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही जारी करेगा। एनजीटी ने भी आपत्ति जतायी थी। अब जिला आवंटित कर देने के बाद एसीएस अनीता सिंह ने बोर्ड के सदस्य सचिव को पत्र लिखा है कि मुख्य पर्यावरण अधिकारी वृत्त-3 घनश्याम ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर स्लाटर हाउस को बिक्री के जिले आंवटित कर दिए। एसीएस ने आपत्ति जताते हुए लिखा है कि बोर्ड को इस प्रकार का पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं है।

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