बारिश से गौरीकुंड में बाढ़ व भूस्खलन, तबाही
श्रीराम मौर्य
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद एक दर्जन लोग लापता हो गए हैं। अब तक दो शव बरामद किये जा चुके हैं। अन्य की तलाश जारी है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड के पास भूस्खलन से तीन दुकानें मंदाकिनी नदी में बह गईं। हादसे में 19 लोगों के मरने की आशंका है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। घटना गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 12.15 बजे डाट पुलिया पर हुई। रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (डीडीएमओ) नंदन सिंह रजवार ने कहा, ‘गौरीकुंड के पास भूस्खलन के कारण तीन दुकानें नदी में बह जाने से 19 लोग लापता हो गए हैं।’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पुलिस और जिला प्रशासन के कर्मी बचाव और खोज अभियान चला रहे हैं। रजवार ने कहा कि लापता लोगों के तीर्थयात्री नहीं बल्कि दुकानदार होने की आशंका है। इस बीच, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने 18 लोगों की सूची जारी की है जिनके नदी में बहने की आशंका है।
उनकी पहचान आशु (23) निवासी जनाई, प्रियांशु चमोली (18) निवासी तिलवाड़ा, रणबीर सिंह (28) निवासी बस्ती, विनोद (26) निवासी खानवा भरतपुर, मुलायम (26) के रूप में हुई है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के निवासी और एक नेपाली परिवार के सात सदस्य – अमर बोहरा (29), पत्नी अनीता बोहरा (26), और पांच बच्चे राधिका बोहरा (14), पिंकी बोहरा (8), पृथ्वी (7), कॉम्प्लेक्स (6), वकील (3), वीर बहादुर, सुमित्रा, निशा, धर्मराज, चंद्रकामी और सुखराम रावत के रूप में।
एसडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन की सूचना मिलने के बाद उनकी टीम मौके पर पहुंची और बचाव एवं खोज अभियान शुरू किया। लेकिन लगातार बारिश और गिरते पत्थरों के कारण इसे रोकना पड़ा। एसडीआरएफ की मीडिया प्रभारी ललिता नेगी ने कहा, ‘शुक्रवार सुबह, हमने लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए अभियान फिर से शुरू किया।’ उन्होंने कहा कि उनकी एक टीम कुंड बैराज पर भी तलाशी अभियान चला रही है, जो घटनास्थल से दो किमी नीचे की ओर है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गौरीकुंड हादसे का जायजा लेने देहरादून स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को गौरीकुंड में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने राज्य की प्रमुख नदियों के जलस्तर की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बाढ़ संभावित इलाकों में अलर्ट जारी किया जाए और वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
धामी ने कहा कि भूस्खलन क्षेत्रों में संवेदनशील क्षेत्रों के आसपास बनी इमारतों और कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को भी अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। सीएम ने कहा, ‘गौरीकुंड हादसे में लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। उसके परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य आधिकारिक टीमें मौके पर मौजूद हैं। सरकार, स्थानीय प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। पिछले 24 घंटों में (शुक्रवार सुबह 8.30 बजे आईएमडी द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार), उत्तराखंड में 20.4 मिमी बारिश हुई, जिसमें 46 प्रतिशत की सकारात्मक गिरावट दर्ज की गई। जबकि रुद्रप्रयाग जिले, जहां गौरी कुंड स्थित है, में 23.7 मिमी बारिश हुई।
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