बीमा क्लेम की मांग, किसानों का धरना जारी
राजेन्द्र कुमार
सिरसा। हरियाणा में सिरसा जिले के गांव नारायण खेड़ा में बीमा क्लेम की मांग को लेकर किसानों का धरना शनिवार को भी जारी रहा। वहीं चार किसान पिछले 11 दिनों से पानी की टंकी पर चढ़े हुए हैं। शनिवार दोपहर को किसानों के बीच इनेलो नेता व ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला व राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा भी पहुंचे। अभय चौटाला ने आंदोलन को यथावत रखने के लिए किसानों को एक लाख रुपये का सहयोग किया।
बीमा क्लेम की मांग को लेकर धरना स्थल पर हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्राली लेकर पहुंचे। गांव चाहरवाला की सरपंच कविता खुद ट्रैक्टर चलाकर धरना स्थल पर पहुंची। किसानों ने नारेबाजी कर रोष जताया। इसी के साथ पानी की टंकी पर चढ़े किसानों का हौंसला बढ़ाया।
इनेलो नेता एवं विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि किसान अपना हक मांग रहे हैं। मगर किसानों को हक नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश के सीएम मनोहरलाल से विधानसभा में सवाल करूंगा कि किसानों को बीमा क्लेम क्यों नहीं मिल रहा है। इसके लिए मुझे चाहे विधानसभा में कुछ भी करना पड़े करके रहूंगा।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पानी की टंकी पर चढ़ेे सभी किसानों से प्रतिदिन बातचीत होती है। यह किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। मगर कमजोर कदम मत उठा लेना, मजबूती के साथ लड़ाई लड़े। उन्होंने कहा कि किसानों का इस सरकार ने बूरा हाल कर रखा है। इस सरकार का जल्द ही छुटकारा मिलनेे वाला है। उन्होंने कहा कि किसानों को हर बार फसल खराब होने पर बीमा लेने के लिए आंदोलन करना पड़ता है।
बीमा कंपनियों की तिजोरी भरो योजना: दीपेन्द्र हुड्डा
राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के खून-पसीने की कमाई लूटकर निजी बीमा कंपनियों की तिजोरी भरो योजना बन गई है। उन्होंने कहा कि उस मुद्दे को वह संसद में भी रखेंगे। उन्होंने कहा कि संसद में खुद केंद्र सरकार ने माना है कि पिछले 7 वर्षों में इन निजी बीमा कंपनियों ने किसानों से ₹1,97,657 करोड़ बीमा प्रीमियम वसूला लेकिन ₹1,40,036 करोड़ मुआवजा देकर कुल ₹57,000 करोड़ का तगड़ा मुनाफ़ा अपनी तिजोरियों में भर लिया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में निजी बीमा कंपनियों ने पूरे देश के किसानों से 27900.78 करोड़ रुपया प्रीमियम लिया लेकिन किसानों को सिर्फ 5760.80 करोड़ रुपये ही बीमा मुआवजा दिया। वहीं, हरियाणा में वर्ष 2022-23 में AIC कंपनी ने किसानों से 703.84 करोड़ रुपये प्रीमियम लिया लेकिन सिर्फ 7.46 करोड़ रुपये का ही मुआवजा दिया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जब प्रीमियम देने की तारीख तो निश्चित होती है लेकिन किसानों को क्लेम देने की तारीख निश्चित नहीं होती ये अन्याय है, इसके खिलाफ हम सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेंगे।
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