संप्रदायिक हिंसा और तनाव पैदा ना हो: एससी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल द्वारा निकाले जा रहे मार्च के दौरान दिल्ली-एनसीआर में कोई घृणा भाषण न दिया जाए और ना ही किसी तरह की हिंसा हो। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस.वी. भट्टी की पीठ ने यह भी आदेश दिया कि अतिरिक्त पुलिस या अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएं और संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सी.यू. सिंह ने अदालत से कहा कि दक्षिणपंथी संगठनों विहिप और बजरंग दल द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के विभिन्न हिस्सों में 23 प्रदर्शनों की घोषणा की गई है, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने यह आदेश पारित किया। गौरतलब है कि 31 जुलाई को भीड़ द्वारा विहिप के जुलूस को रोकने की कोशिश के बाद नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में दो होम गार्ड सहित छह लोग मारे गए हैं। राज्य सरकार के अनुसार, अब तक हिंसा के संबंध में 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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